सेंगोल हटाने की मांग पर सपा सांसद की एक चिट्ठी से मचा हंगामा, अखिलेश की प्रतिक्रिया आई सामने
उत्तर-प्रदेश स्थित मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने एक चिट्ठी लिख कर मांग की है कि संसद में लगे सेंगोल को हटाया जाए...
4PM न्यूज़ नेटवर्क: उत्तर-प्रदेश स्थित मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने एक चिट्ठी लिख कर मांग की है कि संसद में लगे सेंगोल को हटाया जाए। इस पर सपा पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव के सांसद आरके चौधरी की सेंगोल को लेकर एक चिट्ठी ने यूपी से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में कोहराम मचा दिया है। दरअसल, अखिलेश की समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आरके चौधरी ने संसद में लगें सेंगोल पर सवाल उठाते हुए इसे संसद से हटाने की मांग की है। इसे लेकर हंगामा मच गया है।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई सामने
इस पर सपा पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। और कहा कि हमारे पार्टी के सांसद इसलिए ऐसा कह रहे होंगे क्योंकि जब सेंगोल पहली बार लगा था तब प्रधानमंत्री ने बाकयदा उसे प्रणाम किया था। इस बार शपथ लेते समय शायद वो भूल गए। उसी को याद दिलाने के लिए शायद पार्टी के सांसद ने कुछ इस तरह का पत्र लिखा है। आपको बता दें SP सांसद RK चौधरी ने स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी में लिखा है कि सेंगोल में की जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए. सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है।
सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा, ‘आज, मैंने इस सम्मानित सदन में आपके समक्ष सदस्य के रूप में शपथ ली है कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा लेकिन मैं सदन में पीठ के ठीक दाईं ओर सेंगोल देखकर हैरान रह गया। महोदय, हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है। हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजे-रजवाड़े का महल नहीं।’
इसके अलावा आरके चौधरी ने आगे कहा कि ‘मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए।’
महत्वपूर्ण बिंदु
- आरके चौधरी ने इस बार लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री रहे कौशल किशोर को मोहलालगंज से 70,292 वोटों से हराया है।
- इससे पहले वो मोहनलालगंज से 3 बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं सके थे।
- आर के चौधरी बसपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं।
- वह BSP की मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं।
- 2019 में बसपा छोड़कर कुछ समय कांग्रेस में थे।
- कुछ समय बाद उन्होंने सपा का दामन थाम लिया और सांसद बन गए।