सावन में शिव पूजा करने पर होगी सभी सुखों की प्राप्ति
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
सावन का महीना भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है। इस पवित्र महीने में महिलाएं प्रत्येक सोमवार को व्रत रखकर महादेव की पूजा-अर्चना करती हैं। माना जाता है कि भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामना भी पूरी होती है। हिंदू धर्म में सावन का विशेष धार्मिक महत्व होता है। श्रावण मास को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। बहुत से लोग इस माह को सावन का महीना भी कहते हैं। सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है। इस वर्ष की खास बात ये है कि श्रावण मास की शुरुआत सोमवार के दिन हो रही है। सावन माह में शिव आराधना करने पर सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार का महत्व
कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है और भोलेनाथ का पूजन करता है उसके वैवाहिक जीवन खुशियों से भर उठती है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि की कभी कमी नहीं होती। सावन के महीने में महादेव पर धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
सावन सोमवार पर व्रती सुबह शिवलिंग पर जलाभिषेक करके व्रत का आरंभ करते हैं और फिर पूरे दिन व्रत करते हैं। कुछ महिलाएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए सोमवार व्रत करती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। ऐसी मान्यता है कि शाम के वक्त में रुद्राभिषेक करने से शिवजी साधक के सभी कष्टों को दूर करते हैं। मान्यता है कि इस महीने में किए गए दान और पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।
श्रावण मास में क्या होता है?
इस पावन मास में भक्त माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं। अविवाहित बालिकाएं श्रावण के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखती हैं। सावन महीने के दौरान कांवड़ यात्रा भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें भक्त पवित्र गंगा के पास अलग अलग धार्मिक स्थानों पर भी जाते हैं और वहां से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को चढ़ाते हैं।
इन मंदिरों में करें भगवान शिव के दर्शन
सोमनाथ मंदिर, काठियावाड़
गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। त्रिवेणी संगम पर स्थित यह मंदिर गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है। सावन में भक्तों की यहां बड़ी संख्या में भीड़ होती है।
लिंगराज मंदिर, ओडिशा
आप सावन में लिंगराज मंदिर का भी दर्शन करने का प्लान कर सकते हैं। यह देश के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। यह भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सोमवंसी राजवंश द्वारा किया गया है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए अच्छा समय सावन माना जाता है।
मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक
उत्तरी कर्नाटक में स्थित मुरुदेश्वर मंदिर भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह स्थान भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके आसपास का सुंदर परिदृश्य है। मूर्ति के पास एक 20 मंजिला मंदिर बनाया गया है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के पास एक लिफ्ट भी बनाई गई है, जिससे पर्यटक विशाल प्रतिमा के शानदार दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
कैलाश मंदिर, महाराष्ट्र
एलोरा में स्थित यह भारत के सबसे बेहतरीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। इसे एलोरा के कैलाश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में करीब 40 हजार टन वजनी पत्थरों को काटा गया था। यह एलोरा में मौजूद 34 मंदिरों का एक हिस्सा है। यह मंदिर 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। सावन में इस मंदिर का दीदार जरूर करें।