सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल आधार पर एनसीपी नेता नवाब मलिक को दी जमानत

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल आधार पर जमानत दे दी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मलिक के वकील की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने उल्लेख किया कि मलिक कई बीमारियों से पीडि़त हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि मलिक की मेडिकल जमानत बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष नियमित जमानत याचिका के निपटारे तक वैध रहेगी। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत देने का विरोध नहीं किया और कहा कि अंतरिम मेडिकल जमानत को स्थायी बनाया जा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से कथित रूप से जुड़े एक मामले के सिलसिले में फरवरी 2022 में मलिक को गिरफ्तार किया था। मलिक ने अपनी पुरानी किडनी की बीमारी और अन्य बीमारियों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से राहत मांगी और योग्यता के आधार पर जमानत का भी अनुरोध किया।
मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा इब्राहिम – एक नामित वैश्विक आतंकवादी और 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों में एक प्रमुख आरोपी – और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी से उपजा है।

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