गीताश्री और सुधांशु को ‘शिव’ स्मृति पुरस्कार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में प्रथम शिव कुमार स्मृति सम्मान पुरस्कार श्रृंखला, उपन्यास लेखन में गीताश्री को उनके उपन्यास क़ैद बाहर और कहानी-लेखन के लिए सुधांशु गुप्त को उनके कहानी संग्रह तेहरवां महीना के लिए सम्मान व पुरस्कार दिया गया। आईआईसी के कमला देवी ब्लॉक में आयोजित समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी, ममता कालिया, चित्रा मुद्गल और महेश दर्पण ने की । इस मौके पर ललिता अस्थाना भी वक्ता के रूप में शामिल हुईं।
समारोह में उपस्थित वरिष्ठ व युवा रचनाकारों और पत्रकारों की भारी संख्या के बीच एकबारगी लगा कि कथाकार शिव कुमार शिव स्वयं यहां उपस्थित हो गये हैं, अपनी कहानियों-उपन्यासों के माध्यम से। ज्ञातव्य है कि शिव कुमार शिव की कहानियाँ प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में छपीं। पहला कहानी संग्रह ‘देह दाह’ सन् 1989 में प्रकाशित हुआ। इसके बाद ‘जूते’,‘दहलीज’, ‘मुक्ति’ और ‘शताब्दी का सच’ कहानी संग्रह प्रकाशित हुए, कहानियों के अलावा उन्होंने‘आंचल की छांव में’ और वनतुलसी की गंध नाम से एक उपन्यास भी लिखा। 2005 में ‘तुम्हारे हिस्से का चांद’ उपन्यास प्रकाशित हुआ और चर्चित रहा।

किस्सा पत्रिका की संपादक ने की थी पुरस्कार की पहल

किस्सा पत्रिका की संपादक अनामिका शिव की पहल पर ही यह सम्मान शुरू किया गया है। इसमें आनंद सिंघानिया व मीनाक्षी सिंघानिया का भी सक्रिय सहयोग रहा। उक्त दोनों रचनाकारों को सम्मानित करते हुए तीनों वरिष्ठ रचनाकारों ने पुरस्कृत लेखकों की रचनाधर्मिता पर बात की। महेश दर्पण यह मानते हैं कि शिव कुमार शिव दरअसल एक बैचैन आत्मा थे, अपने वैचारिक स्वातंत्र्य को जीनेवाले जब कभी भी मिलते थे तो अनेक प्रकार की योजनाओं के साथ।

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