लेटरल एंट्री के विज्ञापन रोक पर अखिलेश की प्रतिक्रिया आई सामने 

केंद्र सरकार ने आज मंगलवार (20 अगस्त) को लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। अब इसे लेकर राजनीति गरमाई हुई है...

4PM न्यूज नेटवर्क: केंद्र सरकार ने आज मंगलवार (20 अगस्त) को लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। अब इसे लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस मामले को लेकर कार्मिक मंत्री ने UPSC चेयरमैन को पत्र लिखा है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है। अब इसे लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है।

सपा मुखिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्स पोस्ट में लिखा कि UPSC में लेटरल एन्ट्री के पिछले दरवाजे से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है। भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।

अखिलेश की प्रतिक्रिया आई सामने

उन्होंने कहा कि यूपीएससी में लेटरल एन्ट्री मामले में आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार PDA की एकता के आगे झुक गई है। सरकार को अब अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा। भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, अखिलेश ने कहा कि ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि सरकार को अब यह फैसला भी वापस लेना पड़ा है। भाजपा की साजिशें अब सफल नहीं हो रही हैं, यह पीडीए में आई जागृति और चेतना की बड़ी जीत है।”ज्ञात हो कि राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पत्र लिखकर इन भर्तियों को वापस लेने का अनुरोध किया है।

सपा मुखिया ने बताया कि इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के ख़िलाफ़ 2 अक्टूबर से शुरू होनेवाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी। जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है। लेटरल एंट्री ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।

 

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