विदेशी कार-घड़ी पहनकर जनता को पढ़ा रहे स्वदेशी का पाठ! मोदी पर AAP का तगड़ा वार! 

AAP ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे विदेशी कार और घड़ी का इस्तेमाल करते हैं... लेकिन जनता को स्वदेशी अपनाने का पाठ पढ़ाते हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों राजनीतिक गलियारों में इन दिनों एक नया विवाद छिड़ा हुआ है.. गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इशुदान गढ़वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.. और उनकी पार्टी बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है.. उनका कहना है कि बीजेपी नेता खुद तो विदेशी लग्जरी कारों, महंगी घड़ियों, स्मार्टफोनों और जूतों का इस्तेमाल करते हैं.. लेकिन आम जनता को स्वदेशी अपनाने का उपदेश देते हैं.. यह हमला बीजेपी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘स्वदेशी मुहिम’ के ठीक बीच में आया है.. जिसे विपक्षी दल नौटंकी बता रहे हैं..

गढ़वी ने कहा कि पीएम मोदी हाल ही में अहमदाबाद के निकोल इलाके में आए थे.. वहां उन्होंने जिस कार में सफर किया, वह विदेशी थी.. साथ ही उन्होंने सुजुकी के प्लांट का दौरा किया, जो जापान की कंपनी है.. यह बयान 26 अगस्त 2025 को पीएम मोदी के गुजरात दौरे के संदर्भ में आया.. जब उन्होंने मारुति सुजुकी के हंसलपुर प्लांट में इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन का उद्घाटन किया था.. इस दौरे के दौरान निकोल में एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित किया गया था.. जहां विकास परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ.. गढ़वी का आरोप है कि ऐसी घटनाएं बीजेपी की दोहरी नीति को उजागर करती हैं..

वहीं यह विवाद केवल गुजरात तक सीमित नहीं है.. AAP के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है.. और उन्होंने कहा कि स्वदेशी की बात करने वाले मोदी जी की चश्मा, घड़ी और गाड़ी सब विदेशी हैं.. इसी तरह नेहा सिंह राठौड़ ने सोशल मीडिया पर तंज कसा कि “खुद विदेशी घड़ी, गाड़ी, कलम, चश्मा और आईफोन का शौक रखने वाले मोदी जी किस मुंह से स्वदेशी की सीख देते हैं.. ये बयान बीजेपी की ‘स्वदेशी अभियान’ को लेकर छिड़ी बहस का हिस्सा हैं.. जो हाल ही में पीएम मोदी के एक भाषण से तेज हुई..

भारत में स्वदेशी की अवधारणा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई है.. महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार कर स्वदेशी को राष्ट्रीय आंदोलन का हथियार बनाया था.. आजादी के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ के साथ ‘खादी का समर्थन’ का संदेश दिया.. गढ़वी ने शास्त्री जी का उदाहरण देते हुए कहा कि शास्त्री जी ने खुद उपवास किया, फिर देश को अनाज आयात कम करने का संदेश दिया.. लेकिन आज की सरकार पहले खुद स्वदेशी अपनाए, उसके बाद जनता से अपील करे..

बीजेपी सरकार ने 2014 से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान चलाए हैं.. इनके तहत स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए.. 2025 तक भारत ने मोबाइल फोन निर्माण में बड़ी सफलता हासिल की है.. जहां 95% से ज्यादा फोन अब देश में ही बनते हैं.. लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये आंकड़े सतही हैं.. गढ़वी ने बीजेपी नेताओं के विदेशी सामानों के इस्तेमाल का जिक्र किया.. स्विट्जरलैंड की घड़ी, जर्मनी की कार, अमेरिका का फोन, विदेशी विमान और शूट-बूट (इटालियन ब्रांड) का है..

वहीं यह आरोप नया नहीं है.. 2023 में भी विपक्ष ने पीएम मोदी की लग्जरी कार ‘रेंज रोवर’ पर सवाल उठाए थे.. जो ब्रिटिश कंपनी की है.. सरकार का पक्ष है कि सुरक्षा कारणों से विशेष वाहनों का इस्तेमाल जरूरी है.. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, पीएम की सुरक्षा के लिए SPG द्वारा विदेशी वाहनों को मंजूरी दी जाती है.. फिर भी, गढ़वी का सवाल बरकरार है.. अगर नेता खुद न अपनाएं, तो जनता कैसे भरोसा करे…

आपको बता दें कि सुजुकी प्लांट का मामला भी दिलचस्प है.. 26 अगस्त 2025 को पीएम मोदी ने अहमदाबाद के हंसलपुर में मारुति सुजुकी के नए प्लांट का उद्घाटन किया.. जहां ई-विटारा इलेक्ट्रिक कार का निर्यात शुरू हुआ.. यह भारत का पहला ग्लोबल ईवी निर्यात है.. जो 100 देशों को भेजा जाएगा.. सुजुकी जापानी कंपनी है, लेकिन भारत में इसका 56% शेयर मारुति का है.. सरकार इसे ‘आत्मनिर्भरता’ की मिसाल बताती है.. क्योंकि प्लांट में 80% पार्ट्स लोकल हैं.. लेकिन AAP इसे विदेशी निवेश का प्रतीक मानती है.. न कि शुद्ध स्वदेशी…

गढ़वी ने जीएसटी को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा.. उन्होंने दावा किया कि 2017 में जीएसटी लागू होने के 8 सालों में कुल 127 लाख करोड़ रुपये वसूले गए.. इनमें से 80 लाख करोड़ (64%) गरीबों (निचले 50% आबादी) से आए.. जबकि अमीरों (टॉप 10%) से सिर्फ 4 लाख करोड़ (3%).. 2024-25 में जनता से 22.88 लाख करोड़ टैक्स लिया गया.. हाल ही में जीएसटी में की गई कटौती से 48 हजार करोड़ की राहत मिलेगी.. जो प्रति व्यक्ति प्रति माह सिर्फ 157 रुपये है..

ये आंकड़े AAP के हैं.. जो विपक्षी दलों द्वारा प्रचारित किए जा रहे हैं.. आधिकारिक डेटा से पुष्टि करें तो जीएसटी कलेक्शन वाकई बढ़ा है.. वित्त मंत्रालय के अनुसार, FY 2017-18 से FY 2024-25 तक कुल कलेक्शन लगभग 1,27 लाख करोड़ रहा.. जिसमें FY25 में रिकॉर्ड 22 लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल हुआ.. लेकिन वितरण पर विवाद है.. ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में टैक्स सिस्टम रिग्रेसिव है.. यानी गरीबों पर बोझ ज्यादा पड़ता है.. क्योंकि वे खपत पर निर्भर टैक्स चुकाते हैं.. अमीरों पर इनकम टैक्स ज्यादा है.. लेकिन कुल टैक्स में जीएसटी का हिस्सा 60% से ऊपर है..

हाल की जीएसटी कटौती 4 सितंबर 2025 को जीएसटी काउंसिल मीटिंग में हुई.. 28% और 12% स्लैब्स को हटाकर दो स्लैब (5% और 18%) कर दिया गया.. इससे दवाओं, मेडिकल डिवाइसेज, कारों, टीवी और ग्रॉसरी पर राहत मिली.. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह 48,000 करोड़ का राजस्व प्रभाव डालेगा.. लेकिन अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा.. एसबीआई रिसर्च के अनुसार, वास्तविक नुकसान सिर्फ 3,700 करोड़ का होगा.. क्योंकि खपत बढ़ेगी.. प्रति व्यक्ति राहत का गणना आधार 1.4 अरब आबादी पर 48,000 करोड़ सालाना है.. जो मासिक 28 रुपये प्रति व्यक्ति बनता है.. AAP का 157 रुपये का दावा अतिरंजित लगता है.. फिर भी, मिडिल क्लास को फायदा होगा.. जैसे हेयर ऑयल और साबुन पर 18% से 5% कट…

गढ़वी ने इसे ‘लोकप्रियता का स्टंट’ बताया.. उनका कहना है सरकार ने 8 सालों में गरीबों को लूटा.. अब चुनाव से पहले थोड़ी राहत देकर वाहवाही लूट रही है.. यह आरोप राजनीतिक है, लेकिन तथ्य यह है कि जीएसटी ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाया.. लेकिन महंगाई के दौर में आम आदमी पर दबाव बढ़ा.. गढ़वी ने कृषि क्षेत्र पर भी चिंता जताई.. उन्होंने कहा, “देश में कपास और अन्य कृषि उत्पादों का आयात बढ़ा है.., जिससे किसानों की आय कम हुई और महंगाई चढ़ गई.. 2024-25 में कपास आयात 77% उछला, भले ही उत्पादन 4.3% बढ़कर 24 मिलियन बैल्स हो गया.. अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2024-25 में रिकॉर्ड 10 मिलियन बैल्स खरीदे.. लेकिन किसानों को एमएसपी से कम दाम मिले.. एक एकड़ किसान को 31,500 रुपये का नुकसान हुआ..

सरकार ने एमएसपी 7-8% बढ़ाया.. लेकिन आयात ड्यूटी कट (11% से जीरो) ने किसानों को नुकसान पहुंचाया.. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय कपास किसानों को सजा दी.. महंगाई का असर भी पड़ा.. खाद्य मुद्रास्फीति 8% पर पहुंच गई.. गढ़वी का दावा सही है कि आयात से लोकल मार्केट प्रभावित हुआ.. लेकिन सरकार का पक्ष है कि यह टेक्सटाइल उद्योग को सस्ता कच्चा माल देता है.. 2025-26 में उत्पादन 3% गिरने का अनुमान है..

गढ़वी ने विदेश नीति पर भी सवाल उठाए.. और उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ युद्ध और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं में पीएम की लोकप्रियता घट गई.. विदेशी दबाव में निर्णायक कार्रवाई नहीं की.. यह 2025 के भारत-पाकिस्तान संघर्ष के संदर्भ में है.. 7 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी कैंपों पर मिसाइल हमले किए.. जो 22 अप्रैल के एक हमले का जवाब था.. चार दिनों का संघर्ष चला, जिसमें दोनों तरफ हताहत हुए..

10 मई को अमेरिकी दबाव से सीजफायर हुआ.. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार परमाणु हथियारों वाले पड़ोसी देशों ने युद्ध रोका.. लेकिन घंटों बाद धमाके हुए.. विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार ने पूर्ण कार्रवाई न करके कमजोरी दिखाई.. कांग्रेस ने कहा यह पहली बार है जब पीएम अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुके.. पीएम मोदी ने इसे खारिज किया.. विदेशी दबाव में शांति नहीं की.. स्टिमसन सेंटर की रिपोर्ट बताती है कि संघर्ष ने भारत की ‘नो टॉलरेंस’ नीति को मजबूत किया, लेकिन जोखिम बढ़ गए…

 

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