बिना वजह की बयानबाजी से बचें कार्यकर्ता: अखिलेश
- मंदिर मुद्दे व मायावती के खिलाफ न बोलने का निर्देश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा के कार्यकर्ताओं को मंदिर मुद्दे पर बयान न देने के सख्त निर्देश दिए है। यहीं नही उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती के बारे में भी कुछ न बोलने की सलाह दी है। पूर्व सीएम ने पूर्व विधायकों व सांसदों की बैठक में अपनी रणनीति समझाई। उन्होंने कहा कि मंदिर मुद्दे पर बोलकर समाजवादी भाजपा के पिच पर न खेलें। इसके बजाय बेरोजगारी, महंगाई, अग्निवीर, कानून-व्यवस्था और किसानों की समस्याओं पर सरकार को घेरने में कोई कोर-कसर न छोड़ें।
इस बार मतदाता सूची में किसी तरह की गड़बड़ी न होने दें। कहीं किसी समर्थक का वोट कटा दिखे तो तत्काल उसे जुड़वाने के लिए वैधानिक प्रक्रिया शुरू करें। प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर हुई इस बैठक में अखिलेश ने इटावा में समाजवादियों की ओर से बनाए जा रहे केदारेश्वर महादेव मंदिर का वीडियो भी जारी किया। अखिलेश ने कहा कि हम सभी की अपने-अपने धर्म में आस्था है, लेकिन हम लोग इसको प्रचारित नहीं करते हैं। केदारेश्वर महादेव मंदिर पिछले करीब डेढ़ साल से बन रहा है। शीघ्र ही इसका काम पूरा हो जाएगा। बैठक में उन्होंने 26 जनवरी के संविधान कार्यक्रम को सफल बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ समाजवादी नेता चुनाव प्रचार में जुटें। उनके जुटने से कार्यकर्ताओं के बीच आपसी मतभेद कम होंगे, जिसका लाभ पार्टी को मिलेगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स के जरिये कहा कि लोकतांत्रिक भारत जोड़ो यात्रा पर भाजपा शासित राज्य असम में हुआ हमला बेहद निंदनीय है। हर तरह से हारती भाजपा अब पूरी तरह से निराश हो चुकी है, तभी हिंसा पर उतारू है। हिंसा मानसिक हताशा का भौतिक रूप होती है।
योगी सराकर में बढ़ रहा अपराध : सपा मुखिया
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ मे पुलिस की पिटाई से हुई मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर कटाक्ष करते हुए जनता की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। आजमगढ़ की इस घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है। अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ये उप्र में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के जीरो हो जाने का परिणाम है। दरअसल, तरवां थाना के ठाटा गांव में पुलिस की पिटाई से घायल 54 वर्षीय शोभनाथ की शनिवार की रात इलाज के दौरान वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में मौत हो गई। स्वजन रात को ही शव लेकर घर आ गए। दूसरे दिन रविवार को शव दरवाजे पर रखकर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। परिवार वालों ने आरोप लगाया कि थाने के दो पुलिसकर्मियों ने 15 दिन पूर्व घर में घुसकर शोभनाथ की पिटाई कर घायल कर दिया था। एसडीएम व सीओ की कार्रवाई के आश्वासन पर स्वजन शांत हुए। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।