विज्ञापन असम सरकार का और सियासी पारा चढ़ा मुंबई में

नई दिल्ली। असम सरकार की ओर देश के छठे ज्योतिर्लिंग को लेकर किए गए दावे पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने असम सरकार को घेरते हुए उनके दावे की आलोचना की और कहा कि देश में पहले से ही पुणे जिले के भीमाशंकर में स्थित ज्योतिर्लिंग को छठे ज्योतिर्लिंग के रूप में मान्यता मिली हुई है।
दरअसल, असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से एक विज्ञापन निकाला गया था जिसमें दावा किया गया है कि देश का छठा ज्योतिर्लिंग राज्य के डाकिनी पहाड़ी पर स्थित है। जैसे ही यह विज्ञापन सामने आया महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई। महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने ट्वीट करते हुए असम सरकार को आड़े हाथ ले लिया।
सावंत ने ट्वीट में कहा, बीजेपी महाराष्ट्र से भगवान शिव को भी छीनना चाहती है। अब असम की बीजेपी सरकार ने दावा किया है कि भीमाशंकर का ज्योतिर्लिंग असम में स्थित है न कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में। हम असम सरकार के इस दावे की कड़ी निंदा करते हैं।
सावंत ने इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र सरकार से भी सफाई और अपना स्टैंड क्लियर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि असम सरकार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। असम सरकार के दावों ने महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के खिलाफ बीजेपी की बौखलाहट एक बार फिर नजर आ रही है।
वहीं, एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने भी ट्वीट करते हुए असम सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है। सुले ने पूछा, क्या बीजेपी के नेता महाराष्ट्र के हिस्से के लिए कुछ भी नहीं रखने की ठान रखी है? पहले महाराष्ट्र के हिस्से के उद्योग और रोजगार की चोरी हुई और अब हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की चोरी होने वाली है…!

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