हाथरस के बाद रायबरेली से राहुल ने चला बड़ा दांव, बीजेपी को झटका!

2024 के लोकसभा चुनाव में मिली जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं.... एक दशक के बाद दिल्ली की सियासत में कांग्रेस की ताकत बढ़ी है.. तो उत्तर प्रदेश में छह सीटों पर मिली जीत ने दोबारा से उभरने की उम्मीद जगा दी है.... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव के बाद से नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी काफी एक्टिव मोड में नजर आ रहें हैं… सड़क से लेकर सदन तक सरकार को हर मुद्दे पर जमकर घेर रहें हैं… सरकार से सवाल कर रहें है… लेकिन सरकार उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रही है… आपको बता दें कि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के बाद से काफी बदले हुए नजर आ रहे है… आऱ सरकार के नाक में दम कर दिया है… सरकार के पास राहुल के किसी भी सवाल का जवाब नहीं है… बता दें कि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने हाथरस पीड़ितो से मुलाकात करने पहुंचे… और उनके हाल को जाना… बता दें कि हाथरस में इतनी बड़ी घटना हो गई… लेकिन मोदी ने आज तक एक भी शब्द नहीं बोला है… लेकिन राहुल गांधी गरीबों, मजलूमों के साथ खड़े रहते है… और समय-समय पर जनता के बीच पहुंचकर उनकी परेशानियों को साझा करते हैं… बता दें कि हाथरस का दौरा करने के बाद राहुल गांधी ने असम और मणिपुर का दौरा किया… और अमस में बाढ़ पीड़ितों के राहत शिविरों में गए… और उनका हाल जाना,… जिसके बाद राहुल गांधी मणिपुर पहुंचे… जहां हिंसा से प्रभाविक लोगों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना… आपको बता दें कि मणिपुर पिछले साल से हिंसा की आग में जल रहा है… लेकिन मोदी मणिपुर मामले को लेकर बिल्कुल चुप है… सदन में राहुल गांधी कई बार सरकार से महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, नीट परीक्षा समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा करने की मांग कर चुके हैं… लेकिन सरकार ने कभी भी राहुल से चर्चा करने के लिए तैयार वहीं हुई… और राहुल की मांग पर कोई भी चर्चा नहीं कि… मोदी के लिए मणिपुर देश के बेरोजगार युवा, महंगाई समेत देश के अंदर व्याप्त समस्याओं पर बात नहीं करते हैं…

आपको बता दें कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी अकेले पूरी बीजेपी पर भारी पड़ते नजर आ रहे है… वहीं भाजपा और मोदी राहुल के सवालों से बचते नजर आ रहे है… और राहुल के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहें है… और उनके बयानों को तोड़ मरोड़ कर जनता के सामने परोसने का काम करते हैं… इसी कड़ी में रायबरेली से सांसद बनने के बाद दूसरी बार राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे… जहां सबसे पहले उन्होंने हनुमान मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की… आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बदले-बदले नजर आ रहे हैं…. रायबरेली लोकसभा से सांसद चुने जाने के एक महीने में राहुल गांधी दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे हैं… और उत्तर प्रदेश का यह उनका तीसरा दौरा है…. राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से जिस तरह संसद से लेकर सड़क तक एक्टिव हैं…. और एक महीने में दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे हैं…. उसके सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं….

वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं…. एक दशक के बाद दिल्ली की सियासत में कांग्रेस की ताकत बढ़ी है.. तो उत्तर प्रदेश में छह सीटों पर मिली जीत ने दोबारा से उभरने की उम्मीद जगा दी है…. कांग्रेस यूपी में साढ़े तीन दशक से सत्ता का वनवास झेल रही है… और 2019 में राहुल गांधी को अमेठी में हार का मुंह तक देखना पड़ा था…. जिसके चलते 2024 के चुनाव में राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी की रायबरेली सीट को अपनी कर्मभूमि बनाया…. वायनाड सीट को छोड़कर रायबरेली को अपने पास रखा है… ताकि यूपी की सियासत में कांग्रेस को दोबारा से सियासी संजीवनी मिल सके…. राहुल गांधी ने रायबरेली के जरिए यूपी को साधने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है…. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी 10 जून को अपने संसदीय क्षेत्र के एक दिवसीर दौरे पर आए थे…. अब दूसरी बार मंगलवार को राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे…. राहुल ने सबसे पहले चुरुवा हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन किया… और आशीर्वाद लिया…. इसके बाद रायबरेली के भुएमऊ गेस्ट हाऊस पहुंचे…. जहां पर राहुल गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात किया…. कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद जिले के विकास कार्यों पर चर्चा करेंगे…. ताकि सांसद चुनने के बाद जिले के विकास कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर कराया जाए…. इस दौरान राहुल के अपनी मां सांसद सोनिया गांधी की सांसद निधि से जो काम हुए हैं… उनके बारे में जानकारी ली….

आपको बता दें कि 19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए… कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार से भी मुलाकात की…. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए शहीद की मां ने राहुल की तारीफ की साथ ही अग्निवीर योजना की खिलाफत की… और उन्होंने बताया कि जिस तरह राहुल गांधी कह रहे हैं… उससे उम्मीद है कि अग्निवीर योजना खत्म होगी…. शहीद की मां मंजू सिंह ने कहा कि राहुल गांधी से मिलने के बाद लगा कि वे फौजियों को लेकर बहुत गंभीर हैं… और उनके बारे में सोचते हैं…. शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह बेटे को याद कर भावुक हो गईं…. बताया कि अंशुमान उनके बड़े बेटे थे और अभी उनकी एक बेटी और बेटे छोटे हैं जो पढ़ रहे हैं…. राहुल गांधी से प्रभावित हुईं मंजू सिंह ने बताया कि राहुल गांधी को उन्होंने राष्ट्रपति भवन में तब देखा था…. जब वह शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह को मिले कीर्ति चक्र सम्मान को हासिल करने पहुंची थीं…. बताया कि राहुल को जब वह संसद में बोलते हुए सुनती थीं तो इच्छा थी एक बार उनसे मिलने की…. जब इच्छा जाहिर की तो फोन नंबर लिया और फिर रायबरेली में मिलने का समय मिला…. मंजू सिंह ने कहा फौज में अग्निवीर योजना सही नहीं है…. बताया कि राहुल गांधी से इस मसले पर बात हुई तो इस दौरान लगा कि वह इस योजना पर रोक लगा कर रहेंगे…. शहीद कैप्टन अंशुमान के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी एक अच्छे इंसान है…. इसी कारण उनसे मिला हूं…. बताया कि राहुल गांधी ने उनसे कहा कि जो बलिदान शहीद अंशुमान सिंह ने दिया है…. उसका ऋणी पूरा देश रहेगा… और आपके बेटे की शहादत पर पूरे देश को और कांग्रेस पार्टी को गर्व है… वहीं राहुल गांधी ने आश्वासन दिया है कि कांग्रेस पार्टी परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है…

इसके बाद राहुल गांधी एम्स पहुंचे…और वहां के डॉक्टरों से मुलाकात की…. और एमबीबीएस छात्रों से बातचीत की…. इसके बाद एम्स के अगले चरण के विकास कार्यों के बारे में जानकारी हासिल की…. रायबरेली एम्स की नींव कांग्रेस सरकार में रखी गई थी…. जो अब बनकर तैयार हुआ है…. वर्ष 2007 में इसे केंद्र की यूपीए सरकार से मंजूरी मिली थी…. लेकिन राज्य की सरकार कई साल तक जमीन ही नहीं उपलब्ध करा पाई… वर्ष 2012 में शहर की सीमा पर स्थित मुंशीगंज चीनी मिल की जमीन एम्स के लिए मिली…. 8 अक्टूबर 2013 को यहां की सांसद सोनिया गांधी ने भूमि पूजन किया था…. पीएम नरेंद्र मोदी ने एम्स का ऑनलाइन उद्घाटन किया था…. बता दें कि रायबरेली राहुल गांधी की सूची में पहले स्थान पर है…. इसका जिक्र वह लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर चुके हैं…. इसीलिए रायबरेली में खुद को एक्टिव बनाए रखना चाहते हैं…. क्योंकि 2019 में सोनिया गांधी सांसद का चुनाव जीतने के बाद आश्वस्त होने के चलते पांच साल तक नहीं आईं है…. ऐसे में विपक्ष यह आरोप लगाता रहा है कि गांधी परिवार सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए आते हैं… और उसके बाद से क्षेत्र का दौरा नहीं करते हैं…. राहुल गांधी का एक महीने में रायहबरेली का दूसरा दौरा उसी नैरेटिव को तोड़ने की कोशिश के तौर पर है….

आपको बता दें कि राहुल गांधी में यह बड़ा बदलाव आया है…. अभी तक वह सिर्फ विकास की बात करते थे… लेकिन अपने पूर्वजों का अमेठी-रायबरेली के साथ नाते… और किए गए कार्यों को बढ़ाने की बात करते रहे हैं…. रायबरेली के साथ अपनापन जताने का प्रयास कर रहे हैं…. राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान और उसके बाद भी इसी पैटर्न पर रायबरेली में नजर आए हैं…. इससे समझा जा सकता है कि राहुल गांधी रायबरेली को परमानेंट सीट बनाए रखना चाहते हैं…. वहीं कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 6 लोकसभा सीटें इस बार जीती है…. और पांच सीटों पर उसे मामूली वोटों से हार का मूंह देखना पड़ा है…. 2024 के चुनाव नतीजे से कांग्रेस के लोग उत्साहित हैं… ऐसे में यूपी के लिए कोशिशों का दौर शुरू हो गया है… कांग्रेस ने इसके लिए प्रेशर पॉलिटिक्स की राह चुनी है… इसका अक्स लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की हाथरस यात्रा और उसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी गई चिट्ठी में देखा जा सकता है… अब राहुल मंगलवार को रायबरेली पहुंचें हैं…. ऐसे में यूपी को लेकर उनकी सक्रियता एक तरह से बीजेपी… और यूपी सरकार पर दबाव का काम करेगी….

बता दें कि कांग्रेस यूपी में 1989 के बाद से सत्ता का वनवास झेल रही है… साल 2014 में दो जबकि 2019 में केवल एक लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में थी…. 2019 में राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए थे…. इस बार के चुनाव में महज 17 सीटों पर लड़ने के बाद कांग्रेस को छह सीटों पर जीत मिली है…. इन छह सीटों में अमेठी, रायबरेली के साथ इलाहाबाद… और सहारनपुर की सीट भी है…. जहां कांग्रेस 40 साल के बाद जीती है…. सपा के साथ गठबंधन और फिर मुस्लिम और दलित वोटरों का कांग्रेस के पक्ष में रुझान दिखाई दिया है… उसके चलते ही कांग्रेस अपने लिए 2027 के विधानसभा चुनाव में बड़ा अवसर तलाश रही है…. ऐसे में राहुल यूपी में अपनी सक्रियता को बनाए रखने के लिए रायबरेली को सियासी हथियार बनाने का दांव चल रहे…. कांग्रेस और राहुल गांधी ने यूपी को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स की नीति पर काम शुरू कर दिया था…. चाहे वह नीट का मसला हो या हाथरस कांड. नीट भले राष्ट्रीय मसला है… लेकिन यूपी को पेपर लीक का केंद्र बताकर कांग्रेस ने यहां अपना पक्ष मजबूत करने के लिए आंदोलन का रास्ता चुना…. पहले कांग्रेस के मुख्य संगठन ने आंदोलन किया…. इसके बाद एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने मोर्चा संभाला…. इस बीच हाथरस कांड हुआ तो राहुल गांधी ने लोगों के बीच पहुंचने में देर नहीं लगाई…. राहुल गांधी हाथरस और अलीगढ़ पहुंचकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात करके दुख-दर्द बांटने के साथ-साथ सियासी संदेश भी देते नजर आए….

वहीं राहुल गांधी ने हाथरस हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और पीड़ित परिजनों को मुआवजा देने की मांग उठायी…. इसके फौरन बाद सीएम योगी को पत्र लिखकर राहुल गांधी कहा कि पीड़ितों को दिया गया मुआवजा काफी कम है…. जिसे सरकार बढ़ाए और बिना देर लगाए उन्हें समय से दिया जाए…. इसके बाद राहुल गांधी अब रायबरेली पहुंचे हैं…. जहां पर अपने संसदीय क्षेत्र के विकास का जायजा लेंगे और पार्टी नेताओं के साथ बैठक उनका हौसला बढ़ाएंगे…. इस तरह राहुल गांधी के एजेंडे में यूपी सबसे प्रमुख रूप से दिख रहा है…. वहीं अब देखना होगा कि राहुल गांधी 2027 में अपना पांव कितना मजबूती से जमाते हैं…

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