पूर्वांचल के बाद अब पश्चिमी यूपी को साधने उतरे मोदी
जेवर एयरपोर्ट का किया शिलान्यास
- जारी किसान आंदोलन और सपा-आरएलडी गठबंधन से शीर्ष नेताओं की बढ़ी चिंता
- कृषि कानूनों की वापसी और जेवर एयरपोर्ट से नुकसान कम करने की कोशिश में भाजपा
- पश्चिमी यूपी में जाट-मुस्लिम वोटर निभाएंगे निर्णायक भूमिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा कोई कोर कसर छोडऩे के मूड में नहीं है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी कमान संभाल ली है। वे प्रदेश में ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। पिछले दिनों पीएम मोदी ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया। बुंदेलखंड को कई सौगातें दीं और आज उन्होंने पश्चिमी यूपी को साधने के लिए जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया।
प्रदेश में सत्ता बचाने के लिए भाजपा हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, किसान और विकास के जरिए सियासी एजेंडा सेट करने में जुटी है। कृषि कानूनों की वापसी के बाद माना जा रहा है कि भाजपा को पश्चिमी यूपी के चुनावी समर में उतरने में मदद मिलेगी। जेवर एयरपोर्ट और पश्चिमी यूपी में फिल्म सिटी सहित कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात वापसी की राह को आसान बना सकती है। 34 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के औद्योगिक, आर्थिक और पर्यटन के विकास के लिए मील का पत्थर बनेगा।
इसके 2024 तक शुरू होने की संभावना है। एयरपोर्ट दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद के आस-पास के इलाकों के लिए बड़ी सौगात साबित होगा। दरअसल, किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी यूपी भाजपा के लिए चुनौती मानी जा रही है, जिसकी काट के लिए पीएम मोदी ने कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की लेकिन आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गठबंधन कर लिया। लिहाजा पीएम मोदी सियासी समीकरण दुरुस्त करने में जुट गए हैं।
सियासी समीकरण
15 साल बाद भाजपा ने 2017 में यूपी की सत्ता में वापसी की थी, उसमें पश्चिमी यूपी की भूमिका अहम रही है। उत्तर प्रदेश की कुल 403 सीटों में से 136 सीटें पश्चिमी यूपी में आती है। इस तरह से सूबे की एक तिहाई सीटें इसी इलाके में हैं और भाजपा इनमें से 80 फीसदी सीटें जीतने में कामयाब रही थी। पश्चिमी यूपी की कुल 136 सीटों में से 109 सीटें भाजपा ने जीती थीं लेकिन किसान आंदोलन के बाद जिस तरह से जाट-मुस्लिम एक साथ आए हैं और आरएलडी-सपा का गठबंधन हुआ है उससे भाजपा के लिए राह कठिन हो गयी है।
हाईकोर्ट की बेंच की मांग पर भी विचार
पश्चिमी यूपी को केंद्र सरकार की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच की सौगात देने की योजना भी चल रही है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आगरा में एक कार्यक्रम में कहा था कि विधि मंत्रालय के पास न्यायमूर्ति जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट मौजूद है और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है। रिजिजू ने कहा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आगरा खंडपीठ की स्थापना को जल्द मंजूरी मिल जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से हाईकोर्ट की वेस्ट यूपी में बेंच को मंजूरी मिलती है तो इससे भाजपा को पूरे इलाके को साधने में मदद मिलेगी। दशकों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की अलग बेंच की मांग उठती रही है।
भाजपा को चौतरफा घेरने में जुटे अखिलेश, कहा
दलित और महिला विरोधी यूपी सरकार को करें बेनकाब
- हाथरस की बेटी स्मृति दिवस मनाने की अपील
- गैंगरेप पीडि़ता की मौत के बाद परिवार की गैरमौजूदगी में पुलिस ने जला दिया था शव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधान सभा चुनाव के पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव भाजपा को चौतरफा घेरने में जुट गए हैं। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए एक ओर वे छोटे दलों से गठबंधन कर रहे हैं तो दूसरी ओर प्रदेश की कानून व्यवस्था, किसानों, महिलाओं और दलितों समेत कई मुद्दों पर भाजपा की योगी सरकार पर हमले कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रदेशवासियों से हर महीने की तीस तारीख को हाथरस की बेटी की स्मृति दिवस मनाने और भाजपा सरकार की दलित और महिला विरोधी चेहरा बेनकाब करने की अपील की है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, उप्रवासियों, सपा व सहयोगी दलों से अपील है कि वे हर महीने की 30 तारीख को ‘हाथरस की बेटी स्मृति दिवस’ मनाएं और प्रदेश की भाजपा सरकार ने 30-09-20 को जिस अभद्र तरीके से बलात्कार पीडि़ता के शव को जलाने का कुकृत्य किया था उसकी याद दिलाएं। अखिलेश ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का दलित व महिला विरोधी चेहरा बेनकाब हो। गौरतलब है कि 2020 में 14 सितंबर को हाथरस में दलित लडक़ी के साथ गैंगरेप किया गया था। 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने रात में ही पीडि़ता का शव गांव ले जाकर परिवार की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया था। सीबीआई मामले की जांच कर रही है।
राजा भैया ने की मुलायम सिंह से मुलाकात
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष राजा भैया ने आज सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर भी की और लिखा आदरणीय नेता जी से काफी समय बाद भेंट हुई, आशीर्वाद मिला, भावुक पल। वहीं उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नेताजी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने आया था। इसके कोई और निहितार्थ नहीं निकाले। दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव से राजा भैया की मुलाकात से सियासी गलियारे में गठबंधन की अटकलें तेज हो गयी हैं।