चुनाव के बाद पार्टी नेतृत्व तय करेगा मेरी भूमिका : केशव मौर्य

लखनऊ। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के पिछड़े वर्ग के चेहरे केशव प्रसाद मौर्य नहीं मानते कि पश्चिमी यूपी में भाजपा के स्टार प्रचारकों की भाषा में तल्खी आई है। वह कहते हैं कि कैराना पलायन और कवाल कांड को कौन भूल सकता है। उन्हें लगता है कि भाजपा फिर 300 सीट जीतकर सरकार बनाएगी। वे कहते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है। लोगों को भाजपा पर भरोसा है। कौशांबी जिले की सिराथू सीट से नामांकन दाखिल कर चुके केशव कहते हैं कि चुनाव बाद मेरी भूमिका राष्टï्रीय नेतृत्व तय करेगा। उन्होंने कहा कि मेरठ में हम सभी 7 और प्रदेश में 300 से ज्यादा सीट जीतने जा रहे है। यह गुंडागर्दी से मुक्ति और सुरक्षा की गारंटी का चुनाव है। भाजपा सरकार में 24 घंटे सुरक्षा की गारंटी है। पश्चिमी यूपी के लोग अपराधी, माफिया से मुक्ति पा चुके हैं, भविष्य में संकट में नहीं पड़ना चाहते। इसलिए वेस्ट यूपी में भाजपा को भारी सफलता मिलने जा रही है।

मैनपुरी में अखिलेश यादव की करहल समेत पांचों सीट भाजपा जीतेगी। किसानों में नाराजगी नहीं है। कृषि कानून लागू करने के बाद भी किसान नाराज नहीं थे। फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए कृषि कानून वापस लिए, कष्ट के लिए किसानों से माफी मांगी। भाजपा सरकार ने अन्नदाता की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए। सपा, बसपा और कांग्रेस किसानों के जन्मजात दुश्मन हैं, वे उनके नाम पर राजनीति कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी में किसानों का हर वर्ग हमारे साथ है। 2014 से उनका आशीर्वाद मिल रहा है। उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य सभी तीर्थों का विकास करना है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, काशी में बाबा विश्वनाथ धाम का लोकार्पण हो चुका है। कन्हैया की जन्मस्थली और उनकी लीला स्थली को भव्य स्वरूप में खड़ा करना चाहते हैं। मथुरा, वृंदावन का विकास करना चाहते हैं तो अखिलेश, प्रियंका की छाती पर सांप क्यों लोटता है। हम सभी तीर्थों का विकास करेंगे।

निशाने पर सपा-रालोद गठबंधन ही क्यों?

केशव मौर्य कहते हैं कि हमारा किसी से मुकाबला ही नहीं है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और रालोद मिलकर चुनाव लड़े थे, तब भी हमने लोकसभा की 64 सीट जीतीं, 51 फीसदी वोट लिया। सभी विरोधी एक भी हो जाएं तो भी कमल खिलेगा। मोदी है तो मुमिकन है। लोगों को भाजपा पर भरोसा है। सौ में साठ हमारा, 40 में भी बंटवारा, बंटवारे में भी हमारा। हमारा मुद्दा विकास, सुशासन, कानून व्यवस्था और गरीबों का कल्याण है। किसानों की आय बढ़ाना, 24 घंटे बिजली देना, चमाचम सड़के बनाना हमारा मुद्दा है। इसके विपरीत यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि विपक्षी दल आपराधिक गैंग को संरक्षण देते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने से कोई फर्क नहीं

केशव कहते हैं कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव का स्मरण कीजिए। इन नेताओं में से कोई हमारे साथ नहीं था। प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी। तब 73 सांसद जीतकर केंइ्र में सरकार बनाई। किसी से आने-जाने से भाजपा पर फर्क नहीं पड़ता। ये सभी नेता अपनी सीट भी नहीं बचा पाएंगे। पिछड़ी जातियों के मतों के बंटवारे का कोई सवाल ही नहीं। पूरब, पश्चिम, मध्य, बुंदेलखंड, हर जगह भाजपा की आंधी चल रही है। भाजपा के साथ अगड़ा, पिछड़ा और दलित की त्रिवेणी है। गरीब, किसान और महिलाओं के लिए जितना काम इस सरकार में हुआ, उतना पहले नहीं हुआ। भाजपा सरकार ने 4.50 लाख युवाओं को बना भेदभाव के सरकारी नौकरी दी। सपा सरकार में नौकरियो के लिए बोली लगती थी।

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