गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद सियासत गर्म : अब मनीष तिवारी बोले, मैं कांग्रेस का किराएदार नहीं, केशव ने कसा तंज
- जी-23 के नेताओं की चिट्ठी पर कांग्रेस आलाकमान ने दिया होता ध्यान तो न आती ऐसी स्थिति
- गुलाम नबी आजाद के सोनिया गांधी को लिखे पत्र पर नहीं की कोई टिप्पणी
- डिप्टी सीएम केशव मौर्य बोले, जल्द कांग्रेस में बचेंगे सिर्फ सोनिया, राहुल और प्रियंका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी से इस्तीफे के बाद सियासत गर्म हो गई है। एक ओर कांग्रेस के भीतर से बगावती सुर तेज हो गए हंै वहीं भाजपा भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साध रही है। गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोडऩे के बाद अब राज्य सभा सांसद मनीष तिवारी ने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने अपनी पार्टी को नसीहत देते हुए कहा है कि जी-23 के नेताओं ने जो कांग्रेस आलाकमान को पार्टी की स्थिति को लेकर चिट्ठी लिखी थी अगर उस पर ध्यान दिया गया होता तो ऐसी स्थिति नहीं आती। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इस पार्टी का किरायेदार नहीं, बल्कि सदस्य हूं। इस पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने तंज कसते हुए कहा है कि जल्द ही कांग्रेस में सिर्फ सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी ही बचेंगे।
कांग्रेस के राज्य सभा सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि दो साल पहले हममें से 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था और कहा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उस समय कांग्रेस सभी विधान सभा चुनाव हार गई थी। अगर कांग्रेस और भारत एक जैसे सोचते हैं तो अब लगता है कि दोनों में से किसी एक ने अलग सोचना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि 1885 से मौजूद कांग्रेस पार्टी और भारत के बीच समन्वय में दरार आ गई है। आत्मनिरीक्षण की जरूरत थी। मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती। गुलाम नबी आजाद के पत्र के गुण-दोष में मैं नहीं जाना चाहता। वह इसके बारे में समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे। उन्होंने कहा, जिस व्यक्ति की हैसियत एक वार्ड चुनाव लडऩे की भी नहीं है, जो व्यक्ति कभी कांग्रेस नेताओं का चपरासी हुआ करता था, वह जब पार्टी के बारे में ज्ञान देता है तो हंसी आती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं। मैं यह पहले भी कह चुका हूं कि हम इस संस्था यानी कांग्रेस के किरायेदार नहीं हैं, हम पार्टी के सदस्य हैं। अब अगर आप हमें बाहर निकालने की कोशिश करेंगे तो यह दूसरी बात है। तब इसे देखा जाएगा। वहीं भाजपा नेता और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कुछ समय बाद वह दिन भी आएगा जब कांग्रेस में सिर्फ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी ही रह जाएंगे। अब तक बहुत सारे लोग कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
गुलाम नबी ने राहुल पर लगाए थे गंभीर आरोप
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। वह जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा थे। उन्होंने शुक्रवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके व्यवहार को बचकाना कहा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल वरिष्ठ नेताओं से सलाह नहीं लेते हैं और पार्टी के ज्यादातर फैसले गार्ड व पीए लेते हैं।
आजाद बनेंगे जम्मू-कश्मीर के अगले सीएम: अमीन भट्ट
गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस में अपने पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक अमीन भट्ट ने दावा किया है कि गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पूर्व विधायक ने आज आजाद से मुलाकात की और कहा, हम आगे के रास्ते पर चर्चा करेंगे। हम भाजपा की बी टीम नहीं हैं। इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि मैं अपनी पार्टी बनाऊंगा। मैं भाजपा में शामिल नहीं होऊंगा।
जस्टिस यूयू ललित ने ली मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलायी शपथ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री इस समारोह में शामिल हुए।
प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा। वह 65 वर्ष के होने पर इस साल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस ललित को 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। तब वह वरिष्ठ अधिवक्ता थे। वे तीन तलाक की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अगस्त 2017 में 3-2 के बहुमत से तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
झारखंड में ऑपरेशन लोटस का डर! : विधायक रवाना, छत्तीसगढ़ हो सकते हैं शिफ्ट
- चुनाव आयोग ने सीएम हेमंत की विधायकी रद्द करने की भेजी है सिफारिश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी खतरे में पड़ गयी है। इस सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री ने आज लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक बुलाई। बैठक में महागठबंधन के सदस्य दलों आरजेडी और कांग्रेस के विधायक भी पहुंचे। विधायक कपड़ों से भरे बैग के साथ पहुंचे। हॉर्स टे्रडिंग रोकने के लिए विधायकों को राज्य के बाहर रवाना किया गया है। खनन पट्टे के मामले में चुनाव आयोग ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट झारखंड के राज्यपाल को भेजी थी। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद के अयोग्य ठहराया गया है यानी उनकी विधायकी रद्द करने की सिफारिश की गई है। इस पर हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा था कि यह आदिवासी का बेटा है। इनकी चाल से हमारा रास्ता न कभी रुका है, न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं। भाजपा वाले पिछले पांच माह से उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। राजभवन में षड्यंत्र रचा जा रहा है। विधायकों की तोडफ़ोड़ के डर से आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने विधायकों को दो बसों में भर कर राज्य के बाहर रवाना कर दिया है। ये विधायक छत्तीसगढ़ जा सकते हैं। इनमें कांग्रेस और झामुमो के विधायक शामिल हैं। एक बस में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बैठे हुए हैं। जिन दो बसों से इनको ले जाया गया है, उनमें एक बस का रंग पीला और दूसरी बस का रंग ब्लू है। सुबह से ही यह अटकलें लगाई जा रही थी कि हेमंत सोरेन अपने विधायकों को लेकर कहीं बाहर जा सकते हैं। साफ है हेमंत सोरने को विधायकों की तोडफ़ोड़ की आशंका है।