भारत-पाक सीमा और अरब सागर क्षेत्र में 20 जून को वायुसेना का बड़ा हवाई अभ्यास, NOTAM जारी

अधिकारियों का कहना है कि यह अभ्यास रूटीन तैयारियों का हिस्सा है. भारतीय वायुसेना हवाई क्षमताओं को मजबूत करने के लिए हाल के वर्षों में कई अभ्यास कर रही है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः वायु सेना 20 जून को भारत-पाकिस्तान सीमा के पास और अरब सागर क्षेत्र में एक अहम हवाई अभ्यास करेगी. इस अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स और अन्य सैन्य विमान उड़ान भरेंगे. इस अभ्यास के चलते NOTAM जारी किया गया है.

भारत-पाकिस्तान सीमा के पास और अरब सागर क्षेत्र में भारतीय वायुसेना एक महत्वपूर्ण हवाई अभ्यास करेगी. इस अभ्यास के लिए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया गया है. यह अभ्यास 20 जून 2025 को सुबह 10:30 बजे से शुरू होकर रात 12:30 बजे तक चलेगा.सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स और अन्य सैन्य विमान सक्रिय रूप से उड़ान भरेंगे. कराची एयरस्पेस और पाकिस्तान के दक्षिणी क्षेत्रों में इसकी गूंज महसूस की जा सकती है.

अभ्यास क्यों है अहम?
इस NOTAM को देखते हुए नागरिक विमानों को वैकल्पिक रूट अपनाने की सलाह दी गई है. यह अभ्यास क्षेत्रीय तैयारियों और सामरिक संकेतों के नजरिये से अहम हो सकता है, खासकर मौजूदा भूराजनैतिक हालात को देखते हुए. अधिकारियों का कहना है कि यह अभ्यास रूटीन तैयारियों का हिस्सा है. भारतीय वायुसेना हवाई क्षमताओं को मजबूत करने के लिए हाल के वर्षों में कई अभ्यास कर रही है. इससे पहले 4 जून को भी पाकिस्तानी सीमा के पास भारतीय वायु सेना की ताकत दिखी थी. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान सीमा से सटे दक्षिणी क्षेत्र में एक अहम वायुसेना अभ्यास के लिए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया था.

क्या होता है NOTAM?
NOTAM एक नोटिस होता है. जो पायलटों, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स और विमानों से जुड़े अन्य लोगों को हवाई यात्रा से संबंधित अहम जानकारी देता है. NOTAM का मकसद हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाना है. इसके जरिए किसी एयर पोर्ट, हवाई क्षेत्र या अन्य वैमानिक सुविधाओं में किसी अस्थायी परिवर्तन या खतरे के बारे में जानकारी दी जाती है. जैसे बंद रनवे, मौसम में बदलाव या सैन्य अभ्यास. यह जानकारी टेलीकम्यूनिकेशन के जरिए से दी जाती है ताकि उड़ान संचालन से जुड़े लोग इस बारे में तुरंत पता लगा सकें और अपनी उड़ान की योजना बदल सकें.

दरअसल, NOTAM के जरिए ही फ्लाइट्स को टेकऑफ या लैंडिंग की जानकारी मिलती है. यह रियल टाइम डेटा को इकट्ठा कर एयरपोर्ट ऑपरेशन्स या एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को देता है. इसके बाद ATC इसे विमान में बैठे पायलट्स तक पहुंचाने का काम करता है.

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