लंबी दूरी के लिए समुद्र के ऊपर से उडऩा पसंद करते हैं हवाई जहाज!

लोग हवाई जहाज से सफर तो करते हैं, लेकिन बहुत सारी बातें ऐसी हैं, जिनके बारे में पता नहीं होता। ये काफी इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स होते हैं और हर किसी को इसके बारे में पता होना चाहिए। जैसे क्या आपको पता है कि हवाई जहाज समुद्र के ऊपर से उडऩा क्यों पसंद करते हैं? हिमालय पर्वत या प्रशांत महासागर के ऊपर से क्यों नहीं उड़ते? सोशल मीडिया मंच कोरा पर एक एविएशन एक्सपर्ट ने इसका जवाब दिया है। जो बेहद दिलचस्प है। जब भी लंबी फ्लाइट होती है तो उड़ान का रास्ता बदल दिया जाता है और उसे समुद्र के ऊपर ले जाया जाता है। आपकी सुरक्षा और विमान की दक्षता की वजह से ऐसा किया जाता है। विमान अक्सर ग्रेट सर्कल रास्ते से चलाए जाते हैं। देखने पर यह समतल नजर आता है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। यह ग्लोब पर दो बिंदुओं के बीच की सबसे छोटी दूरी होती है। जब आप हजारों मील की यात्रा कर रहे हों, तो ग्रेट सर्कल मार्ग चुनने से समय और ईंधन की बचत होती है। समुद्र के ऊपर से गुजरने से यह दूरी कम हो जाती है। एक और अहम बात है। समुद्र की सतह का तापमान एक होता है। समुद्र के ऊपर हवा भूमि की तुलना में कम अशांत होती है। इससे विमान के फंसने की संभावना काफी कम हो जाती है। तो अगली बार जब भी आप विमान से लंबी यात्रा करें तो जरूर देखें कि आप किसी समुद्र के नीचे सफर कर रहे हैं। यह एक सुंदर नजारा होगा। अब दूसरे सवाल का जवाब। हिमालय और प्रशांत महासागर के ऊपर से विमान इसलिए नहीं जाते, क्योंकि यह विमान के लिए खतरनाक हो सकता है। आमतौर पर कोई भी विमान हवा में 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ता है। हिमालय की चोटियां 20 हजार फीट ऊंची हैं। इसलिए अगर मौसम किसी तरह का बदलाव हुआ तो विमान के नीचे आने पर टकराने का खतरा रहेगा। दूसरा, यहां हवा की गति असामान्य रहती है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से दिक्कत होती है। और सबसे अहम बात, इस इलाके में नेविगेशन न के बराबर होता है।

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