इंडोनसिया के इस गांव में है अजीबो-गरीब बीमारी

यहां के लोगों की आंखेें कंचे की तरह होती है नीली

यो यो हनी सिंह का गाना, ‘ब्लू आइज़’ तो आपने सुना ही होगा। लोगों में नीली आंखों को लेकर अलग ही रुचि होती है। राज कपूर से लेकर करिश्मा कपूर तक और ऐश्वर्या राय बच्चन से लेकर तैमूर अली खान तक, जिन सेलेब्स या सेलेब्स के बच्चों की नीली आंखें लोगों के सामने नजर आई हैं, उन्हें देखकर लोग हैरान हो गए हैं। यूं तो ये रंग काफी दुर्लभ है और आप बहुत कम ही लोगों को नीली आंखों के साथ देखेंगे, मगर दुनिया में एक गांव ऐसा भी है जहां हर किसी की आंखों का रंग नीला है। लोग उनकी आंखें देखकर ही डर जाते हैं! तो अब सवाल ये उठता है कि आखिर नीली आंखें होने के पीछे क्या कारण है?
इंस्टाग्राम अकाउंट ञ्चद्भड्डष्द्मशद्घद्घह्लशड्डह्म्ह्ल पर हाल ही में एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें कई नीली आंखों वाले लोग नजर आ रहे हैं। ये लोग असल में बुटॉन जनजाति के लोग हैं जो इंडोनेशिया के सुलावेसी प्रांत में, बुटॉन आइलैंड पर रहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इनकी आखों का रंग प्राकृतिक है जो एक दुर्लभ जेनेटिक कंडीशन की वजह से आया है। इस कंडीशन के तहत 42 हजार में 1 व्यक्ति की आंख नीली हो जाती है। फोटोग्राफर कॉर्चनोई पासारिबू ने इन लोगों की फोटोज खींची थी।
इस दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर का नाम वारडेनबर्ग सिंड्रोम है। इस सिंड्रोम की वजह से शरीर में कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे सुनने में परेशानी, पिगमेंटेशन में कमी, जिसकी वजह से आंखें नीली हो जाती हैं, या फिर एक आंख नीली और एक भूरी हो जाती है और शरीर पर सफेद दाग भी पड़ सकते हैं। ये सिंड्रोम म्यूटेशन की वजह से होता है। ये भ्रूण के विकास के दौरान ही होता है।
बुटॉन आइलैंड इस जनजाति के अलावा अपने जंगली जानवरों के लिए भी फेमस है। अनोआ नाम की एक प्रकार की भैंस भी यहां पाई जाती है। ये भैंस सिर्फ दो ही जगह मिलती है, जिसमें से बुटॉन भी एक जगह है। ये आइलैंड दुनिया का 129वां सबसे बड़ा आइलैंड है और इंडोनेशिया का 19वां सबसे बड़ा आइलैंड है। जैसे-जैसे पीढ़ी बढ़ रही है, ये जेनेटिक म्यूटेशन एक से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होता जा रहा है।

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