बसपा से बाहर किए जाने के बाद आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर दिया पहला रिएक्शन

लखनऊ। बसपा के सभी पदों से हटाए जाने के बाद आकाश आनंद की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। आकाश आनंद ने ऐक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैं मायावती का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैंने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं। ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं। बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं। मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है।उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।आप बता दें कि बसपा सुप्रीमो ने रविवार को लखनऊ स्थिति प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। उन्होंने बैठक में आकाश आनंद को सभी पदों से हटाने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। हालांकि अशोक सिद्धार्थ के हटाए जाने के बाद ही आकाश को हटाने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। मायावती ने बैठक में 15 मार्च को कांशीराम की जयंती मनाने और महंगाई व अपराध पर चर्चा के बाद सीधे मुद्दे पर आईं। उन्होंने पदाधिकारियों के सामने अशोक सिद्धार्थ को खूब खरी खोटी सुनाई। उन्होंने उनके द्वारा की जाने वाली धन उगाही की भी बात की। मायावती ने कांशीराम के बारे में यह भी बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों को पार्टी में काम करने के लिए कभी मना नहीं किया, लेकिन उनका कहना था कि यदि मेरे नाम का दुरूपयोग करेंगे तुरन्त ही निकाल कर बाहर कर दूंगा।

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