स्वास्थ्य सेवाओं पर सदन में घमासान, बृजेश पाठक को लेकर भिड़े अखिलेश और योगी
विधान सभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को लेकर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और नेता सदन योगी आदित्यनाथ आमने-सामने आ गए। अखिलेश ने जहां खराब स्वास्थ्य सेवाओं का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा वहीं योगी आदित्यनाथ ने नेशनल हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के साथ पूर्व सपा सरकार की कार्यप्रणाली और तत्कालीन स्वास्थ्य व शिक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए पलटवार किया।
स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपना चाहती है सरकार: अखिलेश
- मेडिकल स्टाफ की कमी तो क्यों नहीं हो रही भर्ती
- स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध नहीं डॉक्टर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने आज सदन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास बजट नहीं है तो मुख्यमंत्री को स्वीकार करना चाहिए। सरकार सभी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राइवेट कर देना चाहती है जिससे इलाज आम लोगों से दूर हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि स्टाफ नहीं है तो भर्ती करें। पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल में डॉक्टरों को उपलब्ध करवाएं। सरकार मुफ्त इलाज का वादा करती है लेकिन सभी तरह की जांच प्राइवेट हाथों में दे रही है। हर चीज का पैसा लिया जा रहा है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कहा जाता है कि दिल्ली वाले मदद नहीं करते हैं। दिल्ली वालों को समझाना चाहिए कि दिल्ली की सरकार यूपी से बनती है।
सपा सरकार में सबसे अधिक बदहाल रहीं स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएं: योगी
- पिछले साढ़े पांच साल में किया सुधार
- जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने को सरकार प्रतिबद्ध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नेता सदन और सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे…दूसरों को उपदेश देना बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से प्रदेश में चार बार सपा की सरकार रही है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में पिछले साढ़े पांच साल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। नेशनल हेल्थ सर्वे के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले इंसेफेलाइटिस से हर साल सैकड़ों मौतें होती थीं पर साल दर साल मौतों में कमी होते-होते इस बार एक भी मौत नहीं हुई है। प्रदेश की शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की जितनी बदहाली तथाकथित समाजवादियों ने की उतनी किसी ने नहीं की। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जो बेहतर हो सकता है वह करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्घ है। नेता प्रतिपक्ष को सच बोलना चाहिए।
नियम पर नेता प्रतिपक्ष स्पीकर आमने-सामने
उत्तर प्रदेश विधान सभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा कराने को लेकर सपा सदस्यों ने हंगामा किया और वेल में आ गए। सुबह 11 बजे जब कार्यवाही शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। पहले स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा हो। स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि किस नियम में आप यह मुद्दा उठाना चाहते हैं। अखिलेश ने नियम 311 का हवाला दिया। महाना ने कहा कि यह नियम क्या है। आप जानते हैं तो बता दीजिये। अखिलेश ने कहा कि अगर हम नियम नहीं जानते तो आप बता दीजिये। इस पर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय व वरिष्ठ सदस्य लाल जी वर्मा ने नियमों का हवाला दिया। अखिलेश ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर मानवाधिकार आयोग ने सरकार को नोटिस दे रखा है। महाना ने कहा कि नियम 311 को मैं अग्राह्य करता हूं। इस पर सपा सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे और नारे लगाए कि तानाशाही की सरकार नहीं चलेगी। स्पीकर ने कहा कि आप लोग अपनी सीट पर जाएं। आपकी बात सुनी जाएगी। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि ऐसी कोई विषम परिस्थिति नहीं है कि नियम 311 निलंबित कर इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए। इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। बाद में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रश्न काल के बाद नियम 56 के तहत चर्चा कराने पर सपा मान गई और 15 मिनट देरी से प्रश्नकाल शुरू हो पाया।
सदन से वॉकआउट
नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सेवाओं पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा किए गए सवालों का सदन में जवाब दिया। नेता सदन की बात खत्म होने के तुरंत बाद अखिलेश यादव ने कहा कि मैं नेता सदन के जवाबों से संतुष्टï नहीं हूं। इसके बाद उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष को धरना-प्रदर्शन न करने देना भाजपा की तानाशाही: मायावती
- सपा के पैदल मार्च रोके जाने के बाद बसपा प्रमुख ने साधा निशाना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने प्रदेश की योगी सरकार पर एक बार फिर हमला किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष के खिलाफ तानाशाही प्रवृत्ति अपना रही जो घातक है। उन्होंने ट्वीट किया, विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक है। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, बदहाल सडक़, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधान भवन के सामने बात-बात पर सडक़ जाम करके जनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है। गौरतलब है कि सपा ने विधानमंडल सत्र के पहले दिन विधान भवन की ओर पैदल मार्च किया तो उन्हें पुलिस ने रोक दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की सरगर्मियां तेज, भारत जोड़ो यात्रा के बीच सोनिया ने वेणुगोपाल को बुलाया दिल्ली
- कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन हैं वेणुगोपाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को होना है। इस पद की रेस में राहुल गांधी, अशोक गहलोत और शशि थरूर का नाम चल रहा है। इसी बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली बुलाया है। केसी वेणुगोपाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा में भाग ले रहे हैं। यात्रा के बीच में ही केसी वेणुगोपाल को दिल्ली बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि वेणुगोपाल को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव पर चर्चा के लिए राजधानी बुलाया गया है।