बजट में गरीबों की अनदेखी की गई: अखिलेश

  • पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यकों को किया निराश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। योगी सराकर का बजट आ गया है। इसी के साथ विभिन्न नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बजट पर सवालिया निशान लगा दिया है। उन्होंने कहा बजट में गरीबों की अनदेखी की गई है। सपा मुखिया ने कहा कि पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यकों अर्थात पीडीए के लिए बजट में कुछ नहीं है। इसके अलावा अखिलेश ने सरकार से पूछा कि झांसी और गोरखपुर में मेट्रो कब बनेगी? अब उन्हें सिर्फ 3 और बजट पेश करने हैं. 3 बजट में तो नहीं बन पाएगी, न गोरखपुर न झांसी की. मैं सोच रहा हूं कि अब इसे पूछना बंद कर दूं। बजट में मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के एलान पर अखिलेश यादव ने कहा कि इसके बारे में कुछ खास जानकारी नहीं दी गई है।
इसको मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना क्यों कहते हैं, इसका नाम रखें सांड खेत सुरक्षा योजना, ताकि लोगों को समझ आए कि क्या एलान हो रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या इसमें नई भर्ती होगी? कौन बचाएगा खेतों को? उन्होंने कहा कि गोरखपुर और बनारस के लिए तो योजनाएं ले लीं लेकिन पूरे यूपी को क्या मिला? आखिरी यूपी को और सैनिक स्कूल क्यों नहीं मिले? मैनपुरी के करहल में सपा के प्रमुख राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने सरकार के बजट को निराशा जनक बताया। लोकसभा चुनाव 2024 देश की दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट से किसी को फायदा नहीं पहुंचेगा। भाजपा सिर्फ झूठ बोलती है। बजट में सिवा झूठ के बोलने के कुछ नहीं है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग एक ट्रिलियन लक्ष्य की बात कहते हैं वह लोग उसका मतलब भी नहीं जानते हैं। उन्होंने सरकार की हर घर जल योजना पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं कि 80 प्रतिशत घरों में पानी पहुंच गया है। इस योजना में हजारों करोड़ रुपया चला गया लेकिन योजना से किसी को लाभ नही पहुंचा।

बजट का 10 प्रतिशत अंश भी नई योजनाओं के लिए नहीं : मोना

कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि बजट का आकार बड़ा होना बजट की सफलता की निशानी नहीं है, क्योंकि पिछले बजट को इसी तरह बड़ा बनाया गया था पर 40 प्रतिशत विभागों ने अपना आवंटित बजट खर्च नहीं किया। मोना ने पूछा कि जब पिछले बजट का आवंटन विभाग खर्च नहीं कर पाए तो बजट की राशि खर्च किए बिना प्रदेश का विकास कैसे हो सकता है। बजट को सबसे बड़ा बताकर कीर्तिमान रचने की बात की जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि बजट में अधिकांश आवंटन सिर्फ पुरानी योजनाओं के लिए ही है। बजट का 10 प्रतिशत अंश भी नई योजनाओं के लिए नहीं है। मोना ने कहा कि इस बजट में अधिकांश योजनाएं केंद्र सरकार की ही हैं जिन्हें उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपना बनाकर प्रस्तुत कर रही है। मोना ने कहा कि जब बजट में नई योजनाएं ही नहीं हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के विकास, युवाओं को नौकरी देने, आम आदमी की आय बढ़ाने, किसानों की समृद्धि और इस प्रदेश की महिलाओं-दलितों और पिछड़ों की सुरक्षा के लिए कितना गंभीर है।

भ्रमित करने वाला छलावे का बजट : अजय राय

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से पेश किए गए बजट को कांग्रेस ने निराशाजनक बताया है। कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने योगी सरकार तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शब्दों और जुमलों की बाजीगरी करता हुआ यह बजट प्रदेश के युवाओं को भ्रमित, पिछड़ों और दलितों से साथ छलावा, महिलाओं को निराश एवं किसानों को हताश करने वाला है। वहीं कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि नए बजट में अधिकांश आवंटन सिर्फ पुरानी योजनाओं के लिए है। कहा कि किसानों की हितैषी बनती इस सरकार का सच यह है कि उत्तर प्रदेश की कृषक गृह (एग्रीकल्चर हाउसहोल्ड) की औसत मासिक आय 6,668 रुपये है जो राष्टï्रीय औसत आय 8,931 रुपये से 35 प्रतिशत कम है। राय ने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट आर्थिक मानकों पर पूरी तरह से विफल है। यह बजट सिर्फ और सिर्फ निराशा के अलावा कुछ नहीं है।

विकास के पुराने वादों का मूल्यांकन हो : मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गये बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट पार्टी के चुनावी हित का ज्यादा व व्यापक जनहित एवं जनकल्याण का कम लगता है। सरकार की विभिन्न घोषणाएं, वादे और दावे अपनी-अपनी जगह हैं लेकिन क्या विकास संबंधी सरकार के पिछले सारे वादे पूरे हो गए हैं, इसका भी मूल्यांकन जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि यूपी सरकार के सर्वसमाज के हित, विकास व कानून-व्यवस्था के संबंध में जितने भी दावे और वादे बजट में करती है, उसका सही से अनुपालन जरूरी है। तभी राज्य के लोगों की अपार गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ापन आदि दूर हो पाएगा। जिसका फिर सीधा प्रभाव देश के विकास व यहां के लोगों की उन्नति पर पड़ेगा।

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