अखिलेश के सामने आएंगी कई चुनौतियां!

4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। अब उनके बिना सपा के लिए आगे की राह कितनी मुश्किल होगी या वह कितना आगे बढ़ेगी, यह बहुत कुछ उनके पुत्र अखिलेश यादव के सियासी कौशल पर निर्भर करेगा। अब आगे का सफर उन्हें पिता की छत्रछाया के बिना तय करना है और आगे की सियासी डगर कठिन ही दिखती है जो सपा के लिए चुनौती होगी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मुलायम के बिना अखिलेश! कुनबा बढ़ेगा या बिखर जायेगा? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार अनुपम मिश्रा, अनिल रायल, सुशील दुबे, शीतल पी सिंह, किसान नेता डॉ. सुनीलम और निधि मिश्रा के साथ लंबी परिचर्चा हुई।
डॉ. सुनीलम ने कहा कि मैं सैफई गया था अन्त्येष्टिï में। अंतिम विदाई में कई दृश्य दिखे। देश और दुनिया ने देखा कि नेताजी की लोकप्रियता क्या थी। अब जो परिस्थिति है, उसमें अखिलेश के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। ऐसे में विपक्ष भी उनके साथ खड़ा दिख रहा है। कुनबे और परिवार वाली बात अभी फिलहाल एक हैं।
शीतल पी सिंह ने कहा कि अब अखिलेश ही संभालेंगे। 2012 से अखिलेश ने पार्टी संभाल ली। मुख्यमंत्री भी रहे। ऐसे में अब वे सारी चीजें समझते हैं। नेताजी नहीं रहे, उनका कद बहुत बड़ा था। पर उन्होंने इतनी भूमिका बना दी कि अखिलेश अगर मेहनत करते रहें तो वे धीरे-धीरे नेताजी के सपनों को फिर से साकार कर देंगे।
अनुपम मिश्रा ने कहा कि मुलायम सिंह नहीं रहे पर उनके अनुभवों का लाभ अखिलेश को मिला। पर अब वह अनुभवों का लाभ नहीं मिलेगा। अब ऐसे हालत में शिवपाल क्या रुख अपनाएंगे? मुलायम सिंह के जाने के बाद वो कितना संयम रखते हैं और अखिलेश कितना संयम रखते हैं देखने वाली बात होगी। सुशील दुबे ने कहा कि नेताजी के जाने के बाद अखिलेश के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आई है। अनिल रायल ने कहा कि अखिलेश के लिए शिवपाल चुनौैती नहीं है। मुलायम सिंह के जाने के बाद अखिलेश के सामने चुनौतियां तो आएंगी। इसका सामना कैसे करते हैं उसे देखना होगा।

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