अखिलेश यादव ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, 2027 में BJP का होगा सफाया!
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि “2027 में बीजेपी को प्रदेश की सत्ता से बाहर करने का समय आ गया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी 2027 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की है….. और उन्होंने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी का यूपी में पूरी तरह सफाया होगा….. और प्रदेश में PDA की सरकार बनेगी…… अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सामाजिक न्याय की उपेक्षा का आरोप लगाया है…… उनका कहना है कि भाजपा की नीतियों से PDA वर्ग के लोग शिक्षा…. और रोजगार से वंचित हो रहे हैं….. और इसका जवाब वे 2027 में वोट के माध्यम से देंगे….. वहीं अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह PDA वर्ग के लोगों को शिक्षा…… और रोजगार से वंचित कर रही है…… भाजपा की नीतियों से प्रदेशवासियों को तबाही के सिवा कुछ नहीं मिला है…… भाजपा भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबी हुई है……. भाजपा में माफियाओं की भरमार है….. और वह जनता की नहीं सुनना चाहती……
आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि…… प्रदेश का दुर्भाग्य है कि यहां सत्ता में विराजमान योगी जी योगी नहीं है…… वह भ्रष्ट योगी है…… वह ईमानदार भी नहीं है…… भाजपा सरकार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है…… महंगाई चरम पर है…… किसान, नौजवान, मजदूर, व्यापारी, शिक्षक, अधिवक्ता सभी परेशान है…… वहीं लोकतंत्र की बुनियादी आत्मा संविधान है और भाजपा संविधान को ही बदलना चाहती है……. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के पास डॉ. राममनोहर लोहिया, बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा…… और नेताजी मुलायम सिंह यादव के संघर्ष की विरासत है….. सामाजिक न्याय की लड़ाई समाजवादी ही लड़ते रहे है….. और आज भी संघर्ष जारी है…… वहीं जातीय जनगणना के माध्यम से हर एक की समानुपातिक भागीदारी निश्चित हो सकेगी……
आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए……. उनका कहना है कि बीजेपी ने पिछले कुछ वर्षों में न तो नौजवानों को रोजगार दिया…….. न किसानों को राहत दी और न ही मजदूरों के लिए कोई ठोस कदम उठाया…… जहां बेरोजगारी, किसानों की बदहाली और मजदूरों की आर्थिक तंगी जैसे मुद्दे हमेशा से सियासी एजेंडे का हिस्सा रहे हैं…… अखिलेश ने बीजेपी की नीतियों को “जुमलेबाजी” करार देते हुए कहा कि सरकार ने केवल बड़े-बड़े वादे किए……. लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिखा….. वहीं अखिलेश ने दावा किया कि बीजेपी ने 1,93,000 शिक्षक पदों की भर्ती का वादा किया था…….. लेकिन यह केवल एक जुमला साबित हुआ…… और उन्होंने यह भी कहा कि इन भर्तियों के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई…… जिसके चलते लाखों युवाओं की उम्मीदें टूट गईं……. उनके इस दावे की गणना और भी चौंकाने वाली है…… अखिलेश ने अनुमान लगाया कि अगर हर शिक्षक पद के लिए औसतन 75 अभ्यर्थी आवेदन करते हैं……. तो कुल मिलाकर लगभग सवा करोड़ लोग प्रभावित हुए……. अगर इन अभ्यर्थियों के परिवारों को जोड़ा जाए……. तो यह संख्या चार करोड़ से अधिक हो जाती है…….
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है…… अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि सरकार ने नौजवानों को रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही है……. केंद्र और राज्य सरकार के तमाम दावों के
बावजूद, बेरोजगारी दर में कमी नहीं आई है…… सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है……… और ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी गंभीर है…….. अखिलेश का यह दावा कि बीजेपी ने नौकरियों की कोई ठोस योजना नहीं बनाई……. कई युवाओं के गुस्से को आवाज देता है……. खासकर शिक्षक भर्ती जैसे मामलों में……. जहां पेपर लीक और भर्ती प्रक्रिया में देरी जैसे मुद्दों ने युवाओं का भरोसा तोड़ा है……
आपको बता दे कि 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण और नियुक्ति को लेकर लंबे समय तक विवाद चला…… जिसके चलते हजारों अभ्यर्थी सड़कों पर उतरे……. अखिलेश ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया है…….. और अब 1,93,000 शिक्षक पदों की बात करके उन्होंने बीजेपी की नीयत…… और नीति दोनों पर सवाल खड़े किए हैं……. वहीं अब यह सवाल उठता है कि अगर इतने बड़े पैमाने पर भर्ती का वादा किया गया था……. तो उसे पूरा करने में क्या बाधाएं थीं…… क्या यह केवल सियासी जुमला था……. जैसा कि अखिलेश दावा कर रहे हैं…..
अखिलेश ने न केवल नौजवानों, बल्कि किसानों और मजदूरों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया…… उत्तर प्रदेश भारत का कृषि-प्रधान राज्य है……… वहां किसानों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है…… न्यूनतम समर्थन मूल्य, कर्जमाफी, और बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी ने किसानों को परेशान किया है……. बीजेपी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया…… हाल के वर्षों में किसान आंदोलनों ने भी बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ व्यापक असंतोष को उजागर किया है…….
इसी तरह मजदूर वर्ग भी बीजेपी की नीतियों से नाखुश दिखता है……. कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा ने पूरे देश का ध्यान खींचा था…… उत्तर प्रदेश के लाखों मजदूरों को बिना किसी ठोस सरकारी सहायता के अपने गांवों की ओर पलायन करना पड़ा था……. वहीं अखिलेश यादव ने ‘पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक’ के नारे को एक बार फिर जोर-शोर से उठाया…… यह नारा समाजवादी पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा है……. जिसके तहत वह सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की बात करती है……. उत्तर प्रदेश की सियासत में जातिगत और सामुदायिक समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं……. अखिलेश का यह दावा कि 2027 में जनता पीडीए की सरकार बनाएगी……..
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में पिछड़े वर्ग दलित और अल्पसंख्यक एक बड़ा हिस्सा हैं….. अगर अखिलेश इन समुदायों का समर्थन हासिल करने में कामयाब होते हैं…… तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है……. खासकर तब जब बीजेपी की नीतियों पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं……. अखिलेश का यह बयान न केवल इन समुदायों को लामबंद करने की कोशिश है……. बल्कि यह भी संदेश देता है कि समाजवादी पार्टी 2027 में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरना चाहती है……
अखिलेश के इस तीखे हमले के बाद बीजेपी की प्रतिक्रिया भी अहम होगी……. बीजेपी ने पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में अपनी मजबूत स्थिति बनाई है…… और 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में उसने शानदार जीत हासिल की…… हालांकि अखिलेश के आरोपों ने बीजेपी के सामने एक नई चुनौती पेश की है……. क्या बीजेपी इन आरोपों का जवाब आंकड़ों और तथ्यों के साथ देगी…… या इसे सियासी बयानबाजी करार देकर खारिज करेगी……
बता दें कि बीजेपी दावा करती रही है कि उसने उत्तर प्रदेश में विकास के कई काम किए हैं……. जैसे कि सड़कों का निर्माण, बिजली आपूर्ति में सुधार…… और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों का विस्तार…… इसके अलावा, केंद्र सरकार की योजनाएं जैसे उज्ज्वला, आयुष्मान भारत और पीएम-किसान सम्मान निधि भी बीजेपी के पक्ष में जाती हैं…… लेकिन अखिलेश का तर्क है कि ये योजनाएं केवल कागजों पर हैं……. और धरातल पर जनता को इनका लाभ नहीं मिल रहा…… अगर बीजेपी इन आरोपों का ठोस जवाब नहीं देती…… तो यह 2027 में उसके लिए नुकसानदेह हो सकता है…….
आपको बता दें कि अखिलेश यादव का यह बयान केवल सियासी बयानबाजी नहीं……. बल्कि एक रणनीतिक कदम है…… वह नौजवानों, किसानों और मजदूरों के असंतोष को एकजुट करके बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा जनांदोलन खड़ा करना चाहते हैं……. उनकी गणना कि चार करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं…….. एक सियासी मास्टरस्ट्रोक हो सकता है…….. क्योंकि यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश की कुल मतदाता संख्या का एक बड़ा हिस्सा है…….. अगर यह असंतोष वोटों में तब्दील होता है…….. तो समाजवादी पार्टी के लिए 2027 में सत्ता में वापसी का रास्ता खुल सकता है…….



