प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर सपा की सभी राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी भंग

  • पार्टी का राष्टï्रीय सम्मेलन अगस्त के अंतिम सप्ताह में

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर अन्य सभी कार्यकारिणी भंग कर दी है। उन्होंने राष्टï्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी के साथ ही लोहिया वाहिनी, छात्र सभा, यूथ ब्रिगेड सहित अन्य सभी फ्रंटल संगठनों की राष्टï्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी कार्यपरिषद के सम्मेलन के बाद नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। पार्टी का राष्टï्रीय सम्मेलन अगस्त के अंतिम सप्ताह अथवा सितंबर में होगा। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही कार्यकारिणी भंग करने की संभावना जताई जा रही थी। इस बीच पार्टी के विधायकों और चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों के साथ दो दौर की समीक्षा बैठक हुई। समीक्षा बैठक के बाद अब राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी प्रदेश एवं राष्टï्रीय कार्यकारिणी को भंग करने की घोषणा की है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का पद अभी बहाल रखा गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी बदलाव हो सकता है लेकिन जब तक नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश पूरी नहीं हो जाती है तब तक नरेश उत्तम पटेल कार्य करते रहेंगे। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा के उप चुनाव में दो मजबूत गढ़ गंवाने के बाद समाजवादी पार्टी की अब ओवरहालिंग की जा रही है।

अब उत्तर प्रदेश के सभी संगठन का नए सिरे से गठन किया जाएगा। हाल ही में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हुए। और दोनों ही सीटों पर सपा को हार का समना करना पड़ा। जहां आजमगढ़ सीट पर सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को निरहुआ ने हराया तो वहीं आजम खां के गढ़ रामपुर से सपा प्रत्याशी आसिम राजा को भी हार का मुंह देखना पड़ा। और उन्हें भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने 42,192 वोटों से मात दी। इसके बाद से ही पार्टी में उपचुनाव में मिली हार और लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी को लेकर मंथन जारी है। वहीं इससे पहले 30 जून को ही लखनऊ के तीन हजार कार्यकर्ताओं की प्रारंभिक और सक्रिय सदस्यता समाप्त हो गई। समाजवादी पार्टी 16 जून से सदस्यता अभियान की शुरुआत करने की तैयारी में थी। माना जा रहा है कि अब नगर व जिला कमेटी को भंग करके नए सिरे से सदस्यता अभियान की शुरुआत होगी। सपा ने जून 2017 में सदस्यता अभियान चलाया था। पार्टी के संविधान के अनुसार पार्टी में पहले प्रारंभिक सदस्यता लेना अनिवार्य होता है। इसके बाद यह प्रारंभिक सदस्य 20 रुपये की पर्ची काटकर 50 नए सदस्यों को अपने साथ जोड़ता है। तब जाकर प्रारंभिक सदस्य को सक्रिय सदस्य बनाया जाता है।

प्रयागराज में कांग्रेस कार्यालय का किराया चुकाने को नेताओं ने मांगा चंदा

लखनऊ। कांग्रेस जितनी संगठनात्मक रूप से कमजोर है, उससे अधिक आर्थिक तंगी का भी उसे सामना करना पड़ रहा है। 31 साल से पार्टी शहर कांग्रेस के ऐतिहासिक कार्यालय का किराया चुकता नहीं कर सकी है। 6.12 लाख रुपये किराया चुकता करने के लिए पार्टी कार्यालय में मंथन तो हुआ ही, चंदा भी किया गया। किराया जमा करने के लिए कोर्ट ने पार्टी को 15 जुलाई तक का समय दिया गया है। बकाये अदा न करने पर कांग्रेस कार्यालय की हाल में ही बिजली भी काटी जा चुकी है। सोमवार को किराया चुकाने के लिए दफ्तर में चंदा किया गया। पार्टी की हुई बैठक में प्रदेश महासचिव मुकुंद तिवारी ने गंभीर चिंता जताई। उनका कहना था कि इस ऐतिहासिक दफ्तर को हर हाल में हाथ से जाने नहीं दिया जाएगा। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने 50 हजार रुपये का चेक दिया तो कई नेताओं ने सौ-50 रुपये भी चंदे के रूप में जमा किए। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से दो लाख रुपये दिए गए जा चुके हैं। इसे मिलाकर अब तक 2.60 लाख रुपये का संग्रह किया जा चुका है।

इस कार्यालय को लेकर पार्टी इसलिए भी संजीदा है, क्योंकि इसमें कभी दिग्गजों की अध्यक्षता में बैठकें हुआ करती थीं। इसी दफ्तर से कांग्रेस कमेटी ने कई बड़े फैसले लिए थे। इलाहाबाद शहर कांग्रेस कमेटी की पहली अध्यक्ष कमला नेहरू थीं। इनके बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू, पुरुषोत्तम दास टंडन, विश्वंभर नाथ पांडेय, मुजफ्फर हसन, इंदिरा गांधी भी इस शहर कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रह चुकी हैं। शहर के व्यस्ततम इलाके चौक में आजादी के पहले वर्ष 1932 से शहर कांग्रेस कमेटी का दफ्तर है। कभी देश के तीन प्रधानमंत्रियों पं. जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी ने इस कार्यालय में हुई महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लिया था। आजादी के पहले इस कार्यालय में कई अहम निर्णय भी लिए गए थे। पुराने कांग्रेसियों का कहना है कि फिरोज गांधी की इंदिरा गांधी से मुलाकात भी इसी दफ्तर में पहली बार हुई थी। यहीं से उनके प्रेम प्रसंगों के किस्से दुनिया भर चर्चित हुए। जवाहर लाल नेहरू एवं इंदिरा गांधी के शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष होने के बावजूद अब इस दफ्तर का किराया चुकता करने के लिए चंदा किया जा रहा है।

सपा विधायक आरके वर्मा के घर तोड़फोड़, समर्थकों में गुस्सा

लखनऊ। प्रतापगढ़ के रानीगंज विधानसभा के निर्वाचित सपा विधायक आरके वर्मा के लखनऊ आवास पर तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। अराजक तत्वों ने लखनऊ के गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास का ताला तोड़कर तोड़फोड़ की। आवास में बने पाइप को उखाड़ दिया। विधायक ने मामले की शिकायत पुलिस से करते हुए गहरी साजिश की बात कही है। विधायक का लखनऊ के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र के राजकीय गुलिस्ता कॉलोनी में सरकारी आवास है। उनका आरोप है कि रविवार दोपहर वह अपने सरकारी आवास पर पहुंचे तो देखा कि कमरे का ताला टूटा पड़ा था। अंदर दाखिल होने पर कमरे का सारा सामान अस्त-व्यस्त था। टोटियां टूटी हुई थीं। वीआईपी इलाके में बदमाश विधायक के सरकारी आवास में तोड़फोड़ कर चले गए और किसी को भनक तक नहीं लगी। विधायक ने पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में आशंका जताई है कि सुनियोजित साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया गया है।

Related Articles

Back to top button