और बढ़ी नौसेना की ताकत, पीएम ने सौंपा आईएनएस विक्रांत
गुलामी के प्रतीक से मिली नौसेना को मुक्ति, ध्वज को बदला गया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोच्चि में नौसेना को पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत सौंपा। इस पोत के शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो गई है। इस मौके पर पीएम ने गुलामी के प्रतीक वाले नौसेना के ध्वज को बदलकर नए ध्वज का अनावरण भी किया। उन्होंने कहा कि विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विक्रांत आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है। आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। अगर समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है, विक्रांत।
उन्होंने कहा कि पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीजन और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरंदाज किया जाता रहा लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक, हर दिशा में काम कर रहे हैं। अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा। गौरतलब है कि विक्रांत दुश्मनों के लिए बेहद घातक है। इस पर मिग 29के लड़ाकू विमान और 10 Kmaov हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन तैनात हो सकते हैं। इस युद्धपोत पर 35 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं।
यह हुआ बदलाव
देश के आजाद होने के बाद भारतीय सेना में ब्रिटिश औपनिवेशक झंडे और बैज का ही इस्तेमाल होता रहा। 26 जनवरी 1950 को ध्वज के पैटर्न में सिर्फ भारतीयकृत बदलाव किये गये थे। ध्वज में यूनियन जैक को तिरंगे से बदल दिया गया था लेकिन जार्ज क्रास को छोड़ दिया गया था। अब इसको बदल दिया गया है। प्रधानमंत्री ने जिस नए नौसेना ध्वज का अनावरण किया है उसमें झंडे के ऊपरी बाएं कोने में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ लगे सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया है। इसके स्थान पर दाएं ओर मध्य में नौसैनिक क्रेस्ट को स्थान दिया गया है।
मोदी के बयान पर नीतीश का पलटवार, कहा, वे क्या बोलते हैं ध्यान नहीं देता, कोई नहीं बचा रहा भ्रष्टाचारियों को
- बिहार में भ्रष्टाचारियों को नहीं किया जाएगा बर्दाश्त, लगातार कर रहे हैं काम
- झारखंड-दिल्ली में भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों पर भी कसा तंज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचारियों को बचाने वाले बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वे क्या बोलते हैं, मैं इस पर ध्यान नहीं देता हूं। बस एक बात जान लीजिए कि भ्रष्टाचारियों को कोई नहीं बचा रहा है।
नीतीश कुमार ने कहा, जब अटल जी प्रधानमंत्री थे तो उनके साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने सभी लोगों का ख्याल रखा। यहां बिहार के लोगों ने मुझे काम करने का मौका दिया। आपने देखा होगा कितना काम हुआ है। कोई केंद्र में क्या बोलता है, इस पर हम ध्यान नहीं देते। भ्रष्टाचारियों को बचाने वाले आरोप पर नीतीश कुमार ने कहा, कहां भ्रष्टाचारियों को बचा रहे हैं। क्या कोई भ्रष्टाचारी को बचाएगा? खुद ही सोचना चाहिए। वे क्या बोलते हैं, अपना बोलें, हमसे कोई मतलब नहीं। बिहार में भ्रष्टाचारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इधर-उधर के राज्यों में जो लाने-ले जाने का काम हो रहा है, उसे लेकर पीएम मोदी को सोचना चाहिए। नीतीश का इशारा झारखंड-दिल्ली में भाजपा पर लगे रहे विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों को लेकर था। दरअसल, पीएम मोदी ने गुरुवार को केरल में कहा था कि कुछ राजनीतिक समूह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे लोगों को बचाने के लिए एक गुट में संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने इशारों में लालू यादव को लेकर नीतीश पर निशाना साधा था। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था।
मिशन-2024 पर निकलेंगे नीतीश, राज्यों का करेंगे दौरा
पटना। भाजपा से नाता तोडऩे के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिशन-2024 की शुरुआत कर दी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात के बाद अब खबर आ रही है कि नीतीश मिशन-2024 के लिए खुद को लॉन्च करने के लिए अगले सप्ताह दिल्ली का दौरा कर सकते हैं। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि मुख्यमंत्री अगले सप्ताह बिहार से बाहर जाकर इस मिशन को धार देंगे। वे हरियाणा, राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों में जाने की योजना बनाएंगे। गौरतलब है कि जेडीयू दफ्तर में नीतीश कुमार की तस्वीर और आगाज हुआ, बदला होगा, प्रदेश में दिखा, देश में दिखेगा जैसे नारों के साथ बैनर लगे हुए हैं।
जनसंख्या नियंत्रण की याचिका पर केंद्र को ‘सुप्रीम’ नोटिस
- केंद्र को कारगर गाइडलाइन जारी करने के आदेश देने की उठायी मांग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज जनसंख्या नियंत्रण की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कारगर गाइडलाइन जारी करने व उचित नियम बनाने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। जस्टिस केएम जोसफ और ऋषिकेश राय की एक बेंच ने सरकार से प्रतिक्रिया मांगी। साथ ही मामले को इसी तरह की लंबित याचिकाओं के साथ टैग कर दिया।
अखिल भारतीय संत समिति के जनरल सेक्रेटरी, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि हर साल जनसंख्या बढ़ रही है लेकिन प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और इसलिए समस्याएं आ रहीं हैं। गरीबी बढ़ गई है। खाने की सप्लाई और स्वास्थ्य सुविधाओं के सीमित होने से मुश्किलें भी लाजिमी हैं। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि केंद्र सरकार को इसके लिए कारगर और प्रभावी नियम कानून व उचित गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए जाएं ताकि देश के लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके। इसके अलावा महीने के पहले रविवार को हेल्थ संडे घोषित करने की मांग की गई है।
कश्मीरी पंडितों के नरसंहार मामले पर सरकार के पास जाने की सलाह
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के मामले पर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता एनजीओ वी द सिटीजंस को केंद्र सरकार के समक्ष रिप्रेजेंटेशन देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ से कहा कि पहले आप सरकार के पास जाएं। वहां रिप्रेजेंटेशन दें, फिलहाल अपनी याचिका वापस लें। याचिका में तीन दशक पहले हुई घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर जांच कराने, पुनर्वास और संपत्ति वापस दिलाने कि मांग की गई थी। जस्टिस बीआर गवई और सीटी रविकुमार की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कश्मीर में हुए हिंदुओं के उत्पीडऩ और विस्थापितों के पुनर्वास की मांग भी की गई थी।