रेप केस में उम्रकैद काट रहे आसाराम की अस्थायी जमानत इतने जुलाई तक बढ़ी
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ‘‘वर्तमान मामले के विशिष्ट तथ्यों, विशेषकर नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, हम अस्थायी जमानत को सात जुलाई तक बढ़ा रहे हैं.’

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार 27 जून को 2013 के चर्चित रेप केस में दोषी आसाराम को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उसकी स्थायी जमानत का अवधि बढ़ाकर 7 जुलाई 2025 तक कर दी है। इससे पहले यह जमानत 30 जून को समाप्त होने वाली थी। आसाराम वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे यह सजा नाबालिग लड़की से रेप के मामले में सुनाई गई थी।
इस मामले की सुनवाई गुजरात हाई कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस इलेश वोरा और जस्टिस संदीप भट्ट शामिल थे, ने की। अदालत ने आसाराम की उस अस्थायी जमानत को बढ़ाने का निर्णय लिया जो उसे 28 मार्च 2025 को तीन महीने के लिए दी गई थी। हाई कोर्ट के एस फैसले से आसाराम को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन यह मामला अब भी न्यायिक प्रक्रिया के तहत पूरी गंभीरता से आगे बढ़ रहा है।
वकील ने क्या कहा?
आसाराम (86) स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर है. जमानत अवधि इसलिए बढ़ायी गयी है ताकि उसका वकील याचिका में आवश्यक दस्तावेज जमा कर सके. मामले पर अगली सुनवाई दो जुलाई को होगी. आसाराम के वकील ने दस्तावेज जमा करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगते हुए दावा किया कि अदालत के 28 मार्च को अस्थायी जमानत दिए जाने के बाद जोधपुर हाई कोर्ट से आदेश मिलने की प्रक्रिया के कारण 10 दिन बर्बाद हो गए थे और आसाराम को सात अप्रैल को रिहा किया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं दो दिन का समय देने का अनुरोध करता हूं ताकि अगर सोमवार को मामले पर सुनवाई होती है, तो मैं दस्तावेज रिकॉर्ड पर रख सकूं और वे (प्रतिवादी) भी इसे सत्यापित कर सकें.’’
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ‘‘वर्तमान मामले के विशिष्ट तथ्यों, विशेषकर नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, हम अस्थायी जमानत को सात जुलाई तक बढ़ा रहे हैं.’’ हाई कोर्ट ने 28 मार्च को आसाराम को तीन महीने के लिए अस्थायी जमानत दी थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दी गई अंतरिम जमानत 31 मार्च को समाप्त हो रही थी. उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने विभाजित फैसला सुनाया था जिसके बाद इस मामले को तीसरे न्यायाधीश के पास भेजा गया था, जिन्होंने आसाराम को तीन महीने की अस्थायी जमानत देने के पक्ष में फैसला सुनाया.
गांधीनगर में एक अदालत ने जनवरी 2023 में आसाराम को रेप मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी थी. आसाराम 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण के एक अन्य मामले में भी उम्रकैद की सजा काट रहा है. मौजूदा मामले में उसे सूरत की रहने वाली एक महिला अनुयायी के साथ 2001 से 2006 के बीच कई बार बलात्कार करने का दोषी ठहराया गया था.



