अखिलेश से मिलकर भावुक हुए आजम खान
सपा नेता ने गले लगाकर किया स्वागत

बरेली शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव आज पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान से रामपुर स्थित उनके आवास पर मुलाकात किया है। 22 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद, यानी लगभग 23 महीने बाद, दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब मुरादाबाद नहीं बल्कि बरेली एयरपोर्ट से सीथे रामपुर गए। जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने उन्हें बरेली शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है, जिसके बाद उनके कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। आजम खान ने अखिलेश यादव को गले लगाते हुए उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेता एक ही कार से घर के लिए रवाना हो गए। बैठक से पहले, आज़म खान ने साफ़ तौर पर कहा कि वह सिर्फ़ अखिलेश यादव से मिलेंगे। रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी से मुलाक़ात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह उन्हें नहीं जानते। उन्होंने कहा कि कोई कार्यक्रम नहीं है। अखिलेश यादव मुझसे मिलेंगे, और मैं सिर्फ़ उनसे ही मिलूँगा। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसी अफवाहों के बीच हो रही है कि रामपुर के पूर्व सांसद मायावती की बसपा में शामिल हो सकते हैं। हालाँकि, उन्होंने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि वह समाजवादी पार्टी में बने रहेंगे। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे पास चरित्र नाम की एक चीज़ है। चरित्र का मतलब यह नहीं है कि हम किसी पद पर हैं या नहीं; इसका मतलब है कि लोग हमें प्यार और सम्मान देते हैं। और हम बिकाऊ नहीं हैं, हमने यह साबित कर दिया है। 18 सितंबर को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने क्वालिटी बार ज़मीन हड़पने के मामले में आज़म खान को ज़मानत दे दी। इस मामले में रामपुर के सिविल लाइंस थाने में उनके और अन्य के खि़लाफ़ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के बाद, खान ने ज़मानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख़ किया। इससे पहले, खान को एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने 17 साल पुराने एक मामले में बरी कर दिया था, जिसमें सडक़ जाम करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का मामला शामिल था। इसके अलावा, 10 सितंबर को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रामपुर की डूंगरपुर कॉलोनी से निवासियों को कथित तौर पर जबरन बेदखल करने से जुड़े एक अलग मामले में आज़म खान को ज़मानत दे दी। पिछले कुछ वर्षों में आज़म खान के ख़िलाफ़ विभिन्न आपराधिक आरोपों से संबंधित कुल 16 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

सोनम वांगचुक से जेल में मिलीं पत्नी गीतांजलि
कानूनी लड़ाई का लिया संकल्प
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लेह। लद्दाखी अन्वेषक और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने बुधवार को बताया कि कानूनी कार्रवाई के बावजूद उनका मनोबल मजबूत बना हुआ है, क्योंकि उनकी कानूनी टीम उनके खिलाफ जारी किए गए नजरबंदी आदेश को चुनौती देने की तैयारी कर रही है।
वांगचुक और उनके कानूनी सलाहकार रितम खरे से मुलाकात के बाद गीतांजलि ने बताया कि हालांकि हिरासत आदेश प्राप्त हो गया है, लेकिन वांगचुक की अपने मुद्दे के प्रति प्रतिबद्धता पहले से कहीं अधिक मजबूत है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि हमें नजऱबंदी का आदेश मिला है, जिसे हम चुनौती देंगे। उनका हौसला अडिग है। उनकी प्रतिबद्धता दृढ़ है! उनका लचीलापन बरकरार है! वह सभी के समर्थन और एकजुटता के लिए हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गीतांजलि द्वारा दायर एक रिट याचिका पर केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जवाब मांगा था। इस याचिका में गीतांजलि ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अपनी हिरासत को चुनौती दी थी और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की थी। हालांकि, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने हिरासत के आधार बताने संबंधी उनकी याचिका पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी। वांगचुक को 26 सितंबर को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। यह घटना केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद हुई थी। इस हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे। सरकार ने उन पर हिंसा भडक़ाने का आरोप लगाया था। एनएसए केंद्र और राज्यों को व्यक्तियों को हिरासत में लेने का अधिकार देता है ताकि वे भारत की रक्षा के लिए हानिकारक कार्य न कर सकें। अधिकतम हिरासत अवधि 12 महीने है, हालाँकि इसे पहले भी रद्द किया जा सकता है। वांगचुक राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को जेल नियमों के तहत वांगचुक की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने का निर्देश दिया।
फतेहपुर: टायर फटने से स्कार्पियो खंदक में गिरी, चार लोगों की मौत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
फतेहपुर। फतेहपुर जिले में कानपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर बुधवार की सुबह भोर पहर एक भीषण सडक़ हादसे में चार लोगों की पानी में डूबने से मौत हो गई। हादसा तब हुआ जब शादी समारोह से लौट रही एक स्कार्पियो अनियंत्रित होकर बड़ौरी ओवरब्रिज के पास पानी से भरे गहरे खंदक में जा गिरी। हादसे में पानी में डूबने चार लोगों की मौत हो गई।
पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। जानकारी के अनुसार, प्रयागराज के सब्जी मंडी खुल्दाबाद से नौ लोग कानपुर के मोतीझील स्थित वाल्मीकि आश्रम में आयोजित सामूहिक शादी समारोह में शामिल होने गए थे। बुधवार सुबह वापस लौटते समय बड़ौरी ओवरब्रिज के पास स्कार्पियो का टायर फट गया, जिससे गाड़ी अनियंत्रित होकर गहरे पानी भरे खंदक में जा घुसी। गाड़ी में पानी भर जाने के कारण चार लोगों की दम घुटने से मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया। पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। हादसे के मृतकों में साहिल गुप्ता (26), शिवम साहू (28), रितेश सोनकर (28), और राहुल केसरवानी (25) शामिल हैं। वहीं, चालक राहुल कुमार, महेश, अमित, सुमित, नीरज समेत पांच को बचा लिया गया।
कांग्रेस विस चुनाव में मथेगी पूरा बिहार
राहुल गांधी बिहार में करेंगे 10 सभाएं, प्रियंका की पांच से छह सभाएं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस इस बार अति सक्रियता के साथ अपनी चुनावी तैयारियों को अंजाम दे रही है। अब जबकि चुनाव की घोषणा हो चुकी है तो बड़े नेताओं की चुनावी सभाओं का सिलसिला शुरू होगा। कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी की अब तक बिहार में नौ से 10 चुनावी सभाएं करने की योजना है, जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा की भी पांच से छह चुनावी सभाएं प्रस्तावित हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस को अब तक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के जो संभावित कार्यक्रम मिले हैं उसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा खरगे की तीन से चार चुनावी सभाएं करने की बात है।
कांग्रेस के इन तीन वरिष्ठ नेताओं के अलावा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिव पायलट, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा दूसरे कई बड़े नेताओं की यहां सभाएं होगी। कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने बताया कि पार्टी फिलहाल स्टार वक्ताओं के नाम तय कर रही है। दो-चार दिनों के अंदर स्टार वक्ताओं के नाम जारी कर दिए जाएंगे।
तेजस्वी यादव राजद की ओर से चुनावी सभाओं को लीड करेंगे
इधर दूसरी ओर, राजद के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव राजद की ओर से चुनावी सभाओं को लीड करेंगे। वे राजद के साथ महागठबंधन के अन्य दलों के उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार करेंगे। पार्टी फिलहाल उनकी चुनावी सभाओं का कार्यक्रम तय कर रही है। पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि दो-चार दिनों में तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार का कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा। तेजस्वी के साथ ही भाकपा माले की ओर से प्रचार की कमान दीपंकर भट्टाचार्य संभालेंगे। उनके साथ राष्ट्रीय स्तर के अन्य नेता भी मंच शिरकत करेंगे। भाकपा माले भी वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम तय करने में जुटी है।
मध्य प्रदेश: कफ सिरप मामले पर गरमाई सियासत
बच्चों की मौत की न्यायिक जांच हो : सिंघार
कांग्रेस पहुंची दिल्ली भाजपा सरकार पर प्रहार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। छिंदवाड़ा जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस ने इसे करप्शन और कमीशन का मामला बताते हुए न्यायिक जांच, विस्तृत मेडिकल स्कैनिंग, मृतक परिवारों को सरकारी नौकरी और इलाज में हुआ पूरा खर्च लौटाने की मांग की।
दिल्ली में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और परासिया विधायक सोहन बाल्मीकि मौजूद रहे।
सिंघार ने सवाल किया कि, जब छोटे मामलों में सरकार बुलडोजर चला देती है, तो क्या इस मामले में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के घर भी बुलडोजर चलेगा?उमंग सिंघार ने कहा कि 24 अगस्त से 6 अक्टूबर के बीच परासिया और बैतूल में 15 से अधिक बच्चों की मौत हुई, लेकिन सरकार की ओर से समय पर न तो मेडिकल जांच कराई गई, न ही पीड़ित परिवारों को कोई सुरक्षा या सहायता मिली। उन्होंने कहा, यह सरकार की लापरवाही नहीं, बल्कि आपराधिक उदासीनता है।
विधायक ने पहले ही लिखा था सीएम को पत्र
सिंघार अनुसार, विधायक सोहन बाल्मीकि ने पहले ही बच्चे की मौत के बाद मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और जिला प्रशासन को पत्र लिखे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उमंग सिंघार ने कहा कि जब बच्चों की मौत हो रही थी, तब मुख्यमंत्री काजीरंगा नेशनल पार्क में थे। उन्होंने कहा, 72 घंटे के भीतर टेस्ट कराना अनिवार्य होता है, लेकिन सरकार ने एक महीने तक इंतजार किया। सिंघार ने डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, जब तक मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में नहीं आया, तब तक वे कहते रहे कि कफ सिरप से कोई मौत नहीं हुई। क्या कारण था कि वे तमिलनाडु की कंपनी को क्लीन चिट दे रहे थे?
संवेदनहीनता का स्पष्ट उदाहरण : सचिन पायलट
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि एसएमएस अस्पताल में हुई घटना सरकार की कार्यशैली और उसकी संवेदनहीनता का स्पष्ट उदाहरण है। यह सरकार पूरी तरह प्रशासनिक विफलता का शिकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पौने दो साल पूरे होने को हैं लेकिन इस दौरान जनता का भरोसा पूरी तरह टूट चुका है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच खिंचाव, टकराव और समन्वय की कमी साफ नजर आती है। अफसरशाही सरकार पर हावी है, जिससे जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा। कैबिनेट विस्तार तक नहीं हो पा रहा है, जो इस सरकार की कमजोरी को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की बात करने वाले आज खुद जनता को डबल निराशा दे रहे हैं। पायलट ने कहा कि प्रदेश के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। विकास ठप है, भ्रष्टाचार चरम पर है और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। यह सरकार चुनाव टालने का प्रयास इसलिए कर रही है, क्योंकि उसे जनता के गुस्से का डर है। भाजपा जानती है कि चुनाव हुए तो जनता उसे जवाब देगी।



