जालोर में बजरंग दल का विरोध-प्रदर्शन, बंगाल में हिंसा के खिलाफ ममता बनर्जी का पुतला फूंका

विहिप पदाधिकारियों ने कहा कि यह हिंसा केवल वक्फ कानून का विरोध नहीं, बल्कि हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथी तत्वों की सोची-समझी साजिश है, जिसमें राज्य प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध के नाम पर भड़की हिंसा और हिंदू समाज पर हो रहे कथित हमलों के खिलाफ मंगलवार को जालोर में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी और मातृशक्ति से जुड़े कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर एकत्र हुए। यहां उन्होंने जोरदार नारेबाजी करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आक्रोश जताया और उनका पुतला भी दहन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पश्चिम बंगाल सरकार हिंदू समाज के खिलाफ पक्षपाती रवैया अपना रही है। उन्होंने वक्फ कानून को असंवैधानिक बताते हुए इसकी समीक्षा की मांग की और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की। इस मौके पर संगठन के कई प्रमुख पदाधिकारी भी मौजूद रहे जिन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और पश्चिम बंगाल सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बंगाल में सुनियोजित तरीके से हिंदुओं को निशाना बनाकर हिंसा फैलाई जा रही है, जिसे राज्य सरकार का परोक्ष समर्थन प्राप्त है. विहिप पदाधिकारियों ने कहा कि यह हिंसा केवल वक्फ कानून का विरोध नहीं, बल्कि हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथी तत्वों की सोची-समझी साजिश है, जिसमें राज्य प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है.

प्रदर्शन के पश्चात विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी और मातृशक्ति के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने, हिंसा की जांच NIA से कराने और घुसपैठियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई है. ज्ञापन में दावा किया गया कि 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा में 200 से अधिक हिंदू घर और दुकानें जलाए गए, तीन नागरिकों की हत्या हुई और दर्जनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं सामने आईं. इसके चलते सैकड़ों परिवारों को पलायन करना पड़ा है. संगठनों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि देश की अखंडता और हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप कर आवश्यक कदम उठाए जाएं.

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