चुनावी नतीजों से पहले राजस्थान में सियासी पारा हाई! गहलोत ने कर दिया बड़ा ऐलान!

राजस्थान में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब लोगों को 4 जून को आने वाले चुनावी परिणामों का इंतजार है ऐसे में अब सभी अपने-अपने दल को जिताने की आस में बैठे हुए हैं। वहीं राजनीतिक दलों की अगर हम बात करें तो सभी दलों के नेता अब अन्य राज्यों में पहुंच के चुनावी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और अपने दल को मजबूत करने में लगे हुए हैं। इस बार के चुनाव की अगर हम बात करें तो चुनाव काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस बार के चुनाव में इंडिया बनाम NDA गठबंधन की साख दांव पर लगी हुई है। इन दिनों भले ही प्रदेश में भाजपा की सरकार हो लेकिन कांग्रेस ने भी जमकर मेहनत की है। कांग्रेस का मानना है कि इस बार राजस्थान में पार्टी ज्यादा सीटें जीतेगी। खैर ये तो चुनावी नतीजों के आने के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन अभी फिलहाल की अगर हम बात करें तो इस समय राजस्थान में भीषड़ गर्मी पड़ रही है जिसकी वजह से वहां बिजली कटौती की समस्या भी हो रही है जिसके वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही इन सभी मामलों पर राजनीति भी खूब हो रही है।

सिलसिलेवार तरीके से एक-एक करके हम बात करें तो, के गृह जिले कोटा में ही बिजली की आंख मिचोली से लोग परेशान हैं. रात हो या दिन कभी भी अघोषित बिजली कटौती की जाती है. भीषण गर्मी में लगातार बिजली कटौती से लोगों के पसीने छूट जाते हैं.मनमानी कटौती से परेशान बीजेपी के ही पार्षदों ने ऊर्जा मंत्री हीरालाला नागर से इसकी शिकायत कर दी. जिसके ऊर्जा मंत्री ने कोटा में बिजली सप्लाई करने वाली प्राइवेट कंपनी केईडीएल के अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई. कोटा में फ्रेंचाईजी कंपनी केईडीएल के जरिये की जा रही विद्युत वितरण की व्यवस्थाओं में शीघ्र सुधार और चौबीस घण्टे निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए हैं.

ऐसे में सरकार भले ही इन मामलों को लेकर मीटिंग कर रही हो लेकिन विपक्ष उन्हें जमकर घेर रही है। राजस्थान में भीषण गर्मी की वजह से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है. ऐसे में कई जगहों पर पानी की समस्या और अघोषित बिजली कटौती की समस्या लोगों को और ज्यादा परेशान कर रही है. वहीं राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने बढ़ते पारे के बीच आमजन और सरकार को सुझाव दिया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट करते हुए लिखा, ”मुझे ऐसा याद है कि उन्नीस सौ नब्बे के दशक में भी एक बार इसी तरह राजस्थान में कुछ जगह तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार गया था. तब भी हीट स्ट्रोक के कारण लोग हताहत हुए थे.अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए बर्फ की सिल्लियां लाई गईं एवं हीट स्ट्रोक के वार्ड्स का तापमान कम कर इलाज किया गया था.’ उन्होंने लिखा, ”राजस्थान में हीटस्ट्रोक से अभी तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. आमजन से निवेदन है कि बेहद आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें.ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. घर के बाहर पक्षियों एवं पशुओं के पीने के लिए भी पानी रखने का प्रयास करें.सरकार भी गर्मी से होने वाली परेशानियों से निपटने का पूरा इंतजाम रखे. मजदूर एवं निम्न आय वर्ग के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने वाले समृद्ध वर्ग से निवेदन है कि इस गर्मी में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सुबह और शाम में ही काम करवाएं जिससे इनका जीवन और आजीविका दोनों चल सकें.”.

वहीं चुनाव की बात करें तो चुनाव प्रचार के बीच पीएम मोदी के कैंपेन को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तंज कसे हैं। गहलोत ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि पीएम मोदी ने असल मुद्दे तो छोड़ दिए। पिछले 10 साल में जो उनकी तथाकथित उपलब्धियां थी। उनका तो जिक्र ही नहीं किया। अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा कि पीएम मोदी ने पूरे चुनाव में असल मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता पर आधारित कैंपेन नहीं किया। पीएम मोदी पर तंज कसते हुए पूर्व सीएम गहलोत ने लिखा कि मोदीजी को इस चुनाव में अपने 10 साल की तथाकथित उपलब्धियों जैसे नोटबंदी, जीएसटी, अग्निवीर, कृषि कानून, PSUs के निजीकरण, सरकारी तानाशाही का विरोध करने वाले पत्रकारों और छात्र नेताओं पर NSA, पेट्रोल-डीजल 100 रु पार, गैस सिलेंडर 1100 रु पार करने, बैंक लोन की EMIs बढ़ाने आदि के नाम पर कैंपेन करना चाहिए। आखिर जनता को उन्हें अपनी इन उपलब्धियों को तो गिनाना चाहिए जिससे जनता इन्हें ध्यान रखकर वोट दे।

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अमेठी सहित कई लोकसभा क्षेत्रों में जाकर कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया था। अपने संबोधन में गहलोत हमेशा कहते रहे हैं कि भाजपा के नेता जानबूझकर देश के मूल मुद्दों से ध्यान भटकाते रहे हैं। कभी हिंदुत्व, कभी राम मंदिर या कभी जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं। गहलोत का कहना है कि पीएम मोदी ने देश की जनता से झूठ बोलकर सत्ता हासिल की। कभी देश के नागरिकों के खाते में 15-15 लाख रुपए ट्रांसफर करने, कभी किसानों को आय दोगुनी करने का वादा किया। कभी हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का तो कभी महंगाई को कम करने का वादा किया। भाजपा का हर वादा एक चुनावी जुमला निकला।आज जिस तरह का सियासी माहौल राजस्थान में बना हुआ है इससे एक बात तो तय है कि प्रदेश के लोगों को चुनावी परिणामों का इंतजार है अब देखना ये होगा कि प्रदेश की जनता किसे चुनती है प्रदेश में कुल 25 सीटों को लेकर चर्चा बनी हुई है।

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