पूरे समाज को संगठित करना है : भागवत
- बोले- समाज में खड़ा नहीं करना है अलग संगठन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बुरहानपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संघ, संपूर्ण समाज को अपना मानता है। एक दिन संघ बढ़ते-बढ़ते समाजरूप हो जाएगा तो संघ नाम भी हट जाएगा। हिंदू समाज ही संघ बन जाएगा। हमें पूरे समाज का संगठन करना है, समाज में अलग संगठन खड़ा नहीं करना है। बता दें कि सरसंघचालक भागवत दो दिवसीय मालवा प्रांत के प्रवास पर थे।
उन्होंने बुरहानपुर जिले में विविध कार्यक्रमों में भाग लिया। भागवत ने कहा कि यह कार्यालय हिंदू समाज का केंद्र है। यह समाज के सहयोग से खड़ा हुआ है और समाज को ही समर्पित है। संघ का कार्य स्वार्थ तथा भय से नहीं चलता, आत्मीयता से चलता है। क्योंकि स्वार्थ और भय स्थायी नहीं है। इसीलिए कार्यालय पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उस आत्मीयता के दर्शन होना चाहिए। साथ ही कार्यालय के अनुशासन का पालन भी होना चाहिए। संघ प्रमुख का ये 17 दिन में दूसरा एमपी दौरा है। इसके पहले वो 31 मार्च को भोपाल में शहीद हेमू कालाणी जन्मशताब्दी समारोह में शामिल हुए थे। वे नाथ संप्रदाय और आरएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित भी करेंगे। भगवान श्रीराम दरबार प्रतिमा स्थापना कार्यक्रम में शामिल होंगे।
शक्ति मिलने पर सज्जनों को दें सुरक्षा
भागवत ने कहा कि संघ का कार्य लोक संग्रह का कार्य है। समाज को इस संगठित शक्तिसे अच्छे कार्य होंगे। इस शक्ति से सज्जन लोगों की सुरक्षा होगी और धर्म की रक्षा के लिए इस शक्ति का उपयोग होगा और जो दुर्जन हैं उनमें धाक बैठेगी। इसलिए संघ का कार्य ईश्वरीय कार्य है और ईश्वरीय कार्य को भगवान करेगा, लेकिन उसका निमित्त हमें बनना है। इसलिए शाखा चलती है। अपने इस ईश्वरीय और पवित्र कार्य का अनुभव कार्यालय के वातावरण से होना चाहिए। आज संघ का कार्य बढ़ रहा है, संघ के हितैषी बढ़ रहे हैं। इसलिए जगह -जगह पर कार्यालय बन रहे हैं। लेकिन जब कार्यालय नहीं थे, तब भी संघ था। इसलिए सुविधाओं के कारण क्षमता कम नहीं होना चाहिए।