छगन भुजबल का बड़ा दावा, शरद पवार ने कहा था कि भाजपा से बात करो
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष एकजुट होने के लिए अपने गठबंधन को धार दे रहा है। इस गुट की तीसरी बैठक जल्द ही मुंबई में होने वाली है, लेकिन इससे पहले ही महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। शरद पवार का साथ छोड़ अजित पवार गुट में जाने वाले पार्टी के बड़े नेता छगन भुजबल ने अब शरद पवार को लेकर अहम खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि शरद पवार ने ही हमें बीजेपी से बात करने के लिए कहा था।
बीड़ में हुई एक जनसभा के दौरान छगन भुजबल ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर टिप्पणी की। छगन ने कहा कि हमें शरद पवार ने ही बीजेपी से मंत्री पद के लिए बात करने और अन्य चर्चाओं के लिए प्रेरित किया था। छगन भुजबल ने मंच से ही सवाल किया कि आप (शरद पवार) बताइए कि 2014 से अबतक क्या हुआ है, आपने अजित पवार, प्रफ्फुल पटेल और जयंत पाटिल को दिल्ली जाने को कहा और कैबिनेट बर्थ के लिए मीटिंग करने को कहा।
छगन भुजबल ने दावा किया कि जो जयंत पाटिल अभी शरद पवार के साथ हैं, वो भी पहले मंत्री बनने की रेस में थे और उनका नाम लिस्ट में था। कई ऐसे नेता हैं जो अभी शरद पवार के मंच पर खड़े होकर हमें कोसते हैं, वो सब पहले बीजेपी के साथ जाने के लिए तैयार रहते थे। छगन भुजबल ने ये रैली बीड़ के येउला इलाके में की थी, जब अजित पवार ने शरद पवार से नाता तोड़ लिया था तब पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने यहां से ही अपनी पहली रैली को संबोधित किया था और फिर से पार्टी को खड़ा करने की बात कही थी। छगन भुजबल यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने शरद पवार से और भी सवाल किए। उन्होंने कहा कि बारामती जाते ही शरद पवार और सुप्रिया सुले बदल जाते हैं और अजित पवार को अपना नेता बताते हैं, अगर ऐसा है तो अजित पवार को डिप्टी सीएम क्यों नहीं मानते हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कई वक्त से हलचल मच रही है। पहले अजित पवार ने कई समर्थकों, विधायकों के साथ पार्टी को तोड़ा और सरकार में शामिल हो गए। शरद पवार ने पहले इसे बगावत करार दिया था, हालांकि इसके बावजूद वह कई बार अजित पवार से मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन हर बार उन्होंने इसे पारिवारिक मुलाकात तक ही बताया। हाल ही में शरद पवार ने बयान दिया था कि उनकी पार्टी टूटी नहीं है, सभी एनसीपी के नेता ही हैं। सिर्फ इतना हुआ है कि कुछ नेताओं ने अलग रास्ता ले लिया है। एक तरफ शरद पवार और अजित पवार के बीच ये जंग चल रही है तो दूसरी ओर विपक्ष में कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है। क्योंकि शरद पवार इंडिया गठबंधन के अहम नेता हैं, जबकि अब अजित पवार एनडीए में शामिल हो गए हैं।