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संसद में हुई धक्का मुक्की को लेकर सियासत गरमा गई है। वहीं इसी बीच संसद में हुई धक्कामुक्की कांड पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर राहुल गांधी ने सफाई दी।
4पीएम न्यूज नेटवर्कः संसद में हुई धक्का मुक्की को लेकर सियासत गरमा गई है। वहीं इसी बीच संसद में हुई धक्कामुक्की कांड पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर राहुल गांधी ने सफाई दी। राहुल गांधी ने कहा कि मुख्य मुद्दे की शुरुआत तब हुई जब गौतम अदाणी मामले सामने आया था। बीजेपी ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। उसके बाद अमित शाह ने आंबेडकर को लेकर बयान दिया। हम शुरुआत से कहते आए हैं कि बीजेपी की सोच एंटी आंबेडकर है।
2 राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अंबेडकर विवाद पर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहब अंबेडकर का सम्मान नहीं किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहब अंबेडकर का सम्मान नहीं किया। पार्टी जानती है कि उसने उनका कितना अपमान किया है। गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा यह सब कहने के बाद कांग्रेस तिलमिला गई… मैं पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस ने भारत को क्यों नहीं दिया।
3 संसद परिसर में हुई धक्का मुक्की के बाद कांग्रेस की ओर से आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले पर बात की। उन्होंने कहा,अभी-अभी कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी ने और राहुल गांधी जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। हम सोच रहे थे कि वो संसद में उनके द्वारा किए गए कुकृत्य की क्षमा मांगेंगे, लेकिन उन्होंने क्षमा नहीं मांगी। मुझे तो समझ ही नहीं आया कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनका अहंकार झलक रहा था।
4 कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “राहुल जी डॉ. बीआर अंबेडकर की तस्वीर लेकर और “जय भीम” का नारा लगाते हुए शांतिपूर्वक संसद में प्रवेश कर रहे थे। आप देख सकते हैं कि उन्हें अंदर जाने से किसने रोका। हम इतने दिनों से विरोध कर रहे हैं और हमेशा लोगों को रास्ता देते हैं। आज जब उन्होंने विरोध किया तो धक्का-मुक्की हुई और यह ‘गुंडागर्दी’ हुई। अब केवल अमित शाह जी को बचाने के लिए उन्होंने यह साजिश शुरू की है कि भैया ने किसी को धक्का दिया। मेरी आंखों के सामने खड़गे जी को धक्का दिया गया और वह जमीन पर गिर गए।
5 बीआर अंबेडकर को लेकर राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी नेता सागरिका घोष ने माफी मांगने की मांग की. उन्होंने आगे अमित शाह के भाषण पर चिंता जताई और कहा कि लोकतंत्र सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं है बल्कि गरीबों और पिछड़ों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने में मदद करने का एक उपकरण है। “लोकतंत्र कोई सरकार की पहल नहीं है, बल्कि जाति व्यवस्था और भेदभाव को खत्म करने का एक उपकरण है। अमित शाह को बीआर अंबेडकर पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
6 घायल बीजेपी सांसदों पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान कहते हैं, ”जिस तरह से विपक्ष के नेता, उनकी पार्टी के सांसद, आप इसे अहंकार, गुंडागर्दी कह सकते हैं, बीजेपी के सभी नेता आज सीढ़ियों पर अपनी बात रख रहे थे, आप भी रख रहे थे.” अपने विचार सामने रखें… लेकिन आपने एक बुजुर्ग सांसद को धक्का दिया जो आपके आने पर तुरंत हिल नहीं सके. 2 सांसद इस समय अस्पताल में हैं. यह अहंकार बिल्कुल भी ठीक नहीं है… आप इस तरह से हिंसक नहीं हो सकते बिल्कुल उचित है।”
7 महाराष्ट्र के नागपुर में विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस बीच विपक्ष के नेता अजित पवार को परमानेंट डिप्टी सीएम कहकर तंज कस रहे हैं. राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इसी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने शुभकामना देते हुए कहा कि अजित पवार एक न एक दिन मुख्यमंत्री बनेंगे.
8 पश्चिम बंगाल की श्रीरामपुर लोकसभा सीट से चौथी बार के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर घर पर लड़कियां अकेली हों, तो लोग डिलीवरी बॉय को घर में न घुसने दें।कल्याण बनर्जी ने इसके पीछे की वजह भी बताई। दरअसल हुगली जिले के श्रीरामपुर में एक डिलीवरी बॉय ने घर में अकेली लड़की को पाकर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।
9 कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, संसद भवन में डंडे कैसे पहुंच गए। आखिर भाजपा सांसद, डंडे लेकर कैसे संसद भवन के भीतर आ गए। उन्होंने सीआईएसएफ की सुरक्षा पर भी सवाल उठा दिया है। दिग्विजय सिंह ने कहा, कुछ समय पहले ही संसद भवन की सुरक्षा का जिम्मेदारी सीआईएसएफ को सौंपी गई है।
10 बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि “भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों से बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को गहरी ठेस पहुंची है और एक तरह से उनका अपमान हुआ है। अब पूरे देश में उनके अनुयायियों में जबरदस्त गुस्सा और आक्रोश है और उन्हें अपने ये शब्द वापस लेने चाहिए और इसके लिए पश्चाताप भी करना चाहिए।