विपक्ष के प्रहार से जागी बिहार सरकार
सीएम बोले- पुराने पुलों की समीक्षा की जाए, विधानसभा चुनाव से पहले जमीन सर्वे करने के भी निर्देश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में पिछले 11 दिनों 15 पुल धराशाई हो गए। उसको लेकर एनडीए सरकार पर विपक्ष ने तीखा प्रहार शुरू दिया है। चारो तरफ से हो रहे हमले के बाद नीतीश सरकार की नींद खुली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि हर हाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में जमीन सर्वे का काम पूरा करवा लें। साथ ही राज्य के पुलों क ी भी समीक्षा करने के निर्देश दिया है।
वहीं विभाग की ओर से मुख्यमंत्री को जुलाई 2025 से पहले तक काम पूरा कर लेने का भरोसा दिलाया गया है। दरअसल, सीएम सचिवालय में नियुक्त पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। नव चयनित 9888 अमीन, कानूनगो और अन्य कर्मचारियों को नियुक्त पत्र देते वक्त सीएम नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र दिया। इसी कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को जमीन सर्वे का काम पूरा करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने भी पुराने पुल हैं, उसकी स्थिति की जानकारी लें और स्थल पर जाकर निरीक्षण करें। सभी पुलों के रखरखाव के लिये उचित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जो भी निर्माणाधीन पुल हैं, उसका निर्माण कार्य गुणवतापूर्ण तरीके से ससमय पूर्ण करायें।
2005 से बिहार के सभी क्षेत्रों में लगातार विकास के कार्य किये जा रहे
सीएम नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में पथों एवं पुलों के रखरखाव को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से बिहार के सभी क्षेत्रों में लगातार विकास के कार्य किये जा रहे हैं। लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिये बड़ी संख्या में पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है। हमलोगों का उद्देश्य सिर्फ बेहतर सडक़ और पुलों का निर्माण करना ही नहीं है बल्कि उसका बेहतर रखरखाव करना भी है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने निर्णय लिया था कि पुलों के रखरखाव के लिये मेंटेनेंस पॉलिसी बनायी जाय। पथ निर्माण विभाग ने पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी बना ली है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को भी पथ निर्माण विभाग के मेंटेनेंस पॉलिसी के अनुरूप शीघ्र मेंटेनेंस पॉलिसी तैयार करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा धड़ाम होते पूलों का मामला, दायर हुई जनहित याचिका, ऑडिट की उठी मांग
पिछले दो सप्ताह में नौ पुलों के ढहने की रिपोर्ट के बाद बिहार में सभी पुलों के संरचनात्मक ऑडिट की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में बिहार सरकार को सभी मौजूदा पुलों और निर्माणाधीन पुलों का उच्चतम स्तरीय संरचनात्मक ऑडिट करने और कमजोर ढांचे को ध्वस्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार में पिछले 15 दिनों में नौ पुल ढह गए। जनहित याचिका में सभी पुलों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति के गठन की प्रार्थना की गई है। याचिका में शीर्ष अदालत से बिहार सरकार को सभी मौजूदा पुलों और निर्माणाधीन पुलों का उन्नत संरचनात्मक ऑडिट करने का निर्देश देने की मांग की गई है। यह जनहित याचिका बुधवार को तीन और पुलों के ढहने के बाद आई है। इन तीन में से दो कथित तौर पर सीवान में और एक सारण जिले में ढह गया। बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और पुलों के रखरखाव के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय समिति बनाई
इससे पहले बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग मंत्री अशोक चौधरी ने बिहार में पुलों के ढहने की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की थी।
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने पद छोड़ा
दस दिन पहले मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपा था
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राजस्थान के कृषि मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ. किरोड़ी मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उनके एक सहयोगी ने यह जानकारी दी। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। मंत्री मीणा के एक सहयोगी ने कहा, डॉ किरोड़ी मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने दस दिन पहले मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपा था।
वहीं किरोड़ीलाल मीणा ने पार्टी से नाराजगी की खबरों को खारिज करते हुए कहा, नाराजगी का कोई कारण नहीं है और मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मीणा हाल ही में कैबिनेट की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। इस पर उन्होंने कहा, जब मैंने इस्तीफा दे दिया तो नैतिक रूप से मैं वहां जा नहीं सकता। मुख्यमंत्री जी से मैं मिला था। उन्होंने आदरपूर्वक कहा था कि आपका इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे। मैंने मुख्यमंत्री जी से कहा- चूंकि मैं जनता के बीच घोषणा कर चुका हूं कि अगर हम यह सीट (दौसा) नहीं जीते तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, इसलिए मैंने ऐसा किया।
प्रदर्शन
लखनऊ में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। नीट सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपरलीक मामले को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा घेरने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस ने बैरिकेटिंग करके प्रदर्शनकारियों को रोक दिया।