पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है भाजपा
- एक-एक सीट पर बीजेपी के शीर्ष नेता कर रहे मंथन
- प्रदेश में 300 से अधिक सीटों पर जीत का हैं लक्ष्य
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में मिशन 300 प्लस के साथ चुनाव लड़ रही भाजपा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों को चुनाव मैदान में उतार सकती है। एक-एक विधानसभा सीट पर जीत के लिए गहन मंथन में जुटे भाजपा के रणनीतिकार निगम, आयोग और बोर्डों के प्रभावशाली अध्यक्षों को भी चुनाव लड़ाने पर मंथन कर रहे है। विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने 384 सीटों पर चुनाव लड़कर 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी। विधानसभा चुनाव-2022 में भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ïडा ने प्रदेश में 300 से अधिक सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है।
यूपी चुनाव के परिणाम 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को पूरी तरह प्रभावित करेंगे। यही वजह है कि भाजपा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक-एक सीट पर प्रत्याशी चयन में गहन मंथन कर रही है। भाजपा के रणनीतिकार किसी भी सीट पर जोखिम उठाने की जगह सटीक रणनीति से जिताऊ उम्मीदवार को टिकट देना चाहते है। पार्टी ने ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य के साथ पिछड़ी व दलित जातियों में प्रभाव रखने वाले नेताओं को आयोगों, निगम और बोर्डों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नामित कराया था। प्रदेश के विभिन्न आयोग, बोर्ड और निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के जातीय वोट बैंक को साधने और उनके प्रभुत्व का उपयोग करने के लिए पार्टी उन्हें भी टिकट दे सकती है।
सांसद को विधायक का चुनाव जीतने पर बनाया जा सकता है मंत्री
भाजपा के एक उच्च पदस्थ पदाधिकारी बताते हैं कि जहां कहीं जातीय समीकरण बनाने और वर्तमान विधायक से कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी के सांसद को भी चुनाव लड़ा सकती है। खासतौर पर ऐसे सांसद जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल और पार्टी की राष्टï्रीय टीम में जगह नहीं मिली है उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ाकर सरकार बनने पर मंत्री पद दिया जा सकता है। उनका कहना है कि प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों का चयन हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है।
युवा जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख सरकार व जनता की अपेक्षा के अनुरूप काम करने के साथ क्षेत्र में कुछ नवाचार कर अपनी अलग छवि बनाने का प्रयास कर रहे है। भाजपा विधानसभा चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के काम और छवि का फायदा उठाने के लिए उन्हें उम्मीदवार बनाने का दांव भी लगा सकती है।
पंचायतों में मंदिर पॉलिटिक्स को भी धार देने में जुटी भाजपा
सूत्र बताते हैं कि पंचायतों में भी भाजपा ने मंदिर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। इसके जरिए वह हिंदुत्व का धार देने में जुट गयी है ताकि प्रदेश में सत्ता को बरकरार रखा जा सके। यही वजह है कि भाजपा के दिग्गज गांवों में चौपाल लगाकर अयोध्या व काशी जैसे मुद्ïदे पर जोर दे रहे हैं। चौपालों व संवाद कार्यक्रम में भाजपा विकास के साथ राम मंदिर निर्माण और काशी विश्वनाथ मंदिर के कायाकल्प का लगातार मुद्दा उठा रही है। साथ ही यह भी बता रही है कि इसके कारण न केवल पर्यटन का विकास होगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेंगे। भाजपा अयोध्या, काशी व मथुरा के नाम पर मंदिर पॉलिटिक्स कर जनता को अपने पक्ष में करने के मूड़ में हैं, ताकि बहुमत का आंकड़ा पार करने में कोई समस्या न आए।
शुरू की जाएंगी जन विश्वास यात्राएं
भाजपा की छह जन विश्वास यात्राएं 19 दिसंबर से शुरू होने वाली हैं। यह यात्राएं सभी 403 विधान सभा क्षेत्रों का भ्रमण करेंगी। जनता से संवाद किया जाएगा, जिसमें अयोध्या और काशी का भी खास तौर पर उल्लेख किया जाएगा।