त्रिपुरा-नगालैंड में बीजेपी की सरकार
- मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा
- मेघालय में एनएनपी सबसे बड़ी पार्टी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पूर्वात्तर के तीन राज्यों के चुनावों के रुझान आ गये है। वोटों की गिनती अभी जारी है। जहां त्रिपुरा व नागालैंड में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही वही मेघालय में त्रिशंकु विधान सभा बनने के आसार हैं। वहां पर एनएनपी को बढ़त मिल रही है।
मेघालय विधानसभा चुनावों के रुझान आने शुरू हो गए हैं। रुझानों में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है, लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी बेहतर प्रदर्शन कर रही है। फिलहाल, टीएमसी 5 सीटों पर आगे चल रही है। मेघालय में सीएम कोनराड सांगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) सबसे ज्यादा 26 सीटों के साथ आगे है। राज्य में दूसरे नंबर के लिए अब भाजपा और टीएमसी के बीच जंग होती दिख रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और इस बार भी लग रहा था कि वो ज्यादा सीटें लाएगी। पिछले चुनावों में टीएमसी की एक भी सीट नहीं थी और कांग्रेस की 21 सीटें आई थी, लेकिन एनपीपी ने भाजपा और अन्य के साथ सरकार बना ली थी। इसके बाद वर्ष 2021 में कांग्रेस के 21 में से 12 विधायक टीएमसी में चले गए थे, जिसके बाद से ममता की पार्टी ने वहां अपनी पैठ बिठानी शुरू की। नगालैंड में भाजपा गठबंधन को 40 सीटों और त्रिपुरा में 33 सीटों पर बढ़त है। मेघालय में एनएनपी 24 सीटों पर आगे है। भाजपा यहां 5 सीटों तक सिमटती दिखाई दे रही है।
नगालैंड में भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा किया पार
नगालैंड में भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। नगालैंड में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की पार्टी आरपीआई (आठवले) ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है।
त्रिपुरा में भाजपा की वापसी
त्रिपुरा में भाजपा 60 में से 3४ सीटों पर आगे चल रही है। वहीं अगरतला में मुख्यमंत्री माणिक साहा के आवास पर मिठाइयां बांटी जा रही हैं। कार्यकर्ता कह रहे हैं फिर से सत्ता में वापसी। भाजपा फिर 31 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है। त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य शुरुआती रुझानों में बनमालीपुर विधानसभा क्षेत्र में 493 मतों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। त्रिपुरा में भाजपा गठबंधन 14 सीटों पर आगे चल रहा है। लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन 6 सीटों पर आगे है। टिपरा मोथा पार्टी 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
नई पार्टी टिपरा मोथा का दिखा दम
त्रिपुरा में सबसे ज्यादा चर्चा राजा प्रद्योत देबबर्मा की हो रही है। राजा प्रद्योत देबबर्मा ने चुनाव से ठीक पहले एक नई पार्टी बनाई थी, जिसका नाम रखा गया टिपरा मोथा पार्टी। शुरुआती रूझान के अनुसार, इस पार्टी को करीब 10 सीटें मिल सकती हैं। अगर नतीजों में कुछ भी उलटफेर हुआ तो राजा प्रद्योत देबबर्मा किंगमेकर साबित हो सकते हैं। प्रद्योत ने कुछ शर्तों के साथ भाजपा गठबंधन को समर्थन देने का एलान भी कर दिया है।
यूपी के महेन्द्र व महेश की जुगलबंदी का असर
लखनऊ। त्रिपुरा में भाजपा की जीत में यूपी की भी अहम भूमिका रही। भाजपा नेतृत्व ने महेन्द्र ङ्क्षसंह व महेश शर्मा को वहां के चुनावों की जिम्मेदारी दी थी। महेश शर्मा त्रिपुरा के बीजेपी के प्रभारी हैं। जबकि महेन्द्र सिंह को चुनावों का प्रभारी बनाया गया था।
नगालैंड में पहली बार महिला विधायक
नई दिल्ली नगालैंड विधानसभ चुनाव में एक इतिहास रचा गया है। राज्य में पहली बार किसी महिला उम्मीदवार ने विधानसभा चुनाव जीता है। दीमापुर तृतीय विधानसभा से हेकानी जखालू ने जीत दर्ज की है। हेकानी को भाजपा और एनडीपीपी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरी थीं। उन्होंने लोजपा (रामविलास) की अजेतो जिमोमी को 1536 वोटों से मात दी। राज्य में विधानसभा चुनाव में सिर्फ चार महिला उम्मीदवारों को टिकट मिला था।
सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला : सरकार नहीं, समिति करेगी मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति
- पीएम, नेता विपक्ष व चीफ जस्टिस कमेटी के सदस्य होंगे, कॉलेजियम जैसी व्यवस्था पर की सुनवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोट ने अहम फै सले में कहा कि अब प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस की कमेटी निर्वाचन आयुक्त का चुनाव करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी व्यवस्था बनाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को अपना फैसला सुनाया।
न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ अपने फैसले में कहा कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष या सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कमेटी मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन करेगी। हालांकि, नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही रहेगा।
पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋ षिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार शामिल हैं। पीठ ने पिछले साल 24 नवंबर को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि आयोग को कानून के दायरे में रहते हुए काम करना चाहिए।
इसलिए उभरा था नयुक्ति पर सवाल
इससे पहले शीर्ष अदालत ने पूर्व नौकरशाह अरुण गोयल को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने में केंद्र द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी फाइल 24 घंटे में विभागों से बिजली की गति से पास हो गई। हालांकि, केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत की टिप्पणियों का जोरदार विरोध किया था। अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने तर्क दिया था कि उनकी नियुक्ति से संबंधित पूरे मामले को संपूर्णता से देखने की जरूरत है।
हाथरस कांड : कोर्ट ने मुख्य आरोपी संदीप को माना दोषी
- रामू, रवि और लवकुश को किया बरी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हाथरस। बूलगढ़ी कांड में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपित संदीप को धारा 304 और एससी/एसटी एक्ट के तहत दोषी माना है। अन्य आरोपित रामू, रवि और लवकुश को वरी करने का आदेश दिया गया है। पीडि़ता के अधिवक्ता ने यह जानकारी दी है। 28 सितंबर को युवती को अलीगढ़ से दिल्ली रेफर किया गया। 29 को उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई।
युवती की मौत के बाद यह मामला गरमा गया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद समेत देशभर के नेता, संगठनों से जुड़े लोग बूलगढ़ी पहुंचे थे। सीबीआइ ने इस मामले में 67 दिन की जांच के बाद 18 दिसंबर 2020 को चारों आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। 4 जनवरी 2021 को पहली सुनवाई हुई। सीबीआइ ने 104 लोगों को गवाह बनाया था, जिनमें से 35 लोगों की गवाही हुई थी।
अनुसूचित जाति की एक युवती पर हुआ था हमला
बूलगढ़ी में 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की एक युवती पर हमला हुआ था। युवती के भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयानों के आधार पर रवि, रामू और लवकुश के नाम और धाराएं बढ़ाई गईं। युवती का इलाज एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज में चला।