भाजपा यूपी में अभी तक नहीं चुन पायी अगला प्रदेश अध्यक्ष

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां पार्टी पूरी तरह ताकतवर है। क्या वहां वो नए प्रदेश अध्यक्ष के नियुक्ति जरूरी नहीं समझती या वह एक चेहरे की तलाश में हैं जो उसकी 2024 लोक सभा चुनाव के नजरिए से सबसे कारगर साबित होगा? आखिर क्यों उत्तर प्रदेश में बीजेपी नहीं चुन पा रही है अपना अगला अध्यक्ष? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठ पत्रकार अनुपम मिश्रा, सैयद कासिम, सुशील दुबे, बृजेश शुक्ला और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
सैयद कासिम ने कहा कि संगठन को अपने तरीके से काम करना। सरकार को अपने तरीके से काम करना, भाजपा में ऐसी अवधारणा है। फिलहाल जो भी प्रदेश अध्यक्ष होगा, वह ऐसा होना चाहिए जो सरकार के साथ बेहतर तालमेल कर सके। पीएम की नजर है इस प्रदेश इसलिए देर हो रही है अध्यक्ष का नाम सुझाने में।
बृजेश शुक्ला ने कहा जब विधान सभा चुनाव परिणाम आए तो तीन जिले ऐसे थे, कौशांबी, आजमगढ़ व एक अन्य, जहां खाता नहीं खुला। जांचें करवाई गई कि क्या कारण था कि एक भी सीट नहीं मिली। कौशांबी में दलित वोट छिटक गया। ऐसे में अब ऐसा प्रदेश अध्यक्ष देना हैजो 24 में भरपाई कर सके। एक दर्जन नेता को दिल्ली बुलाया गया, बैठकें की। अनपुम मिश्रा ने कहा जहां-जहां बीजेपी की सरकारें है, वहां शीर्ष नेतृत्व का सीधा दखल रहता है। बृजेश पाठक को देखे, बसपा से आया आदमी डिप्टी सीएम हो जाता है। पर बीजेपी को ब्राह्मïण की दरकार अभी पूरी नहीं हो रही है। सुशील दुबे ने कहा बिना योगी के मर्जी के अब कुछ नहीं होगा। योगी वन सरकार में वे केशव मौर्य से इसी बात पर भिड़ते रहे। कुर्सी का खेल है। जहां पर एक राज्यमंत्री देश के गृह मंत्री को इस्तीफा पहुंचाए वहां आप किस कदर संगठन और सरकार में रस्साकस्सी चल रही है, ये किसी से छुपा नहीं है। बंसल राजनीतिक डॉक्टर है। अमित शाह मंथन कर रहे होंगे, जल्द नाम सामने आ ही जाएगा।

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