महाराष्ट्र हार रही बीजेपी, मराठा आरक्षण बनी चुनौती !
महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है... देखिए खास रिपोर्ट....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है… और पहले चरण का मतदान उन्नीस अप्रैल को है… जिसको देखते हुए सभी पार्टियां पहले चरण के मतदान के लिए पूरे दम-खम से चुनाव प्रचार में जुटी हुई है…. इसी कड़ी नें महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है… बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी को कई सीटों का नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है… जिसका मुख्य कारण मराठा आरक्षण और सीएम शिंदे और अजित पवार से जनता की नाराजगी का है…. बता दे कि हालिया हुए सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है… आपको बता दें सर्वे रिपोर्ट में बीजेपी को महाराष्ट्र में कम बहुत कम सीटे मिलने का अनुमान जताया गय़ा है… जिसको देखते हुए बीजेपी खेमे में हड़कंप मचा हुआ है…. सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र को बीजेपी गठबंधन को इक्कीस सीटे मिलने की संभावना है… वहीं इंडिया गठबंधन को छब्बीस सीटों मिलने का उम्मीद है… जिसको देखते हुए सीएम शिंदे समेत डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस चुनावी रण में पूरे दम खम से जुटे हुए है…. जनता को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है…. बता दें कि जनता एकनाथ शिंदे से काफी नाराज है… वहीं बीजेपी के स्टार प्रचारकों में से सीएम शिंदे और अजित पवार का नाम कटने से भी दोनों नेताओं मे बहुत परेशानी देखी जा सकती है… बता दें कि चुनाव आयोग के एक्शन के बाद से सीएम शिंदे और अजित पवार का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटा दिय़ा गया है… महाराष्ट्र में अपनी जमीन तलाश रहे शिंदे की परेशानी और बढ़ गई है…
इंडिया गठबंधन को मिल रही 41 सीटें
आपको बता दें कि हाल ही में हुए सीवोटर सर्वे में इंडिया गठबंधन को महाराष्ट्र में बीस सीटें दी गई हैं… और गठबंधन का वोट शेयर बयालीस फीसदी रहने की बात कही गई है…. वहीं, एनडीए गठबंधन को तैंतालीस फीसदी वोट शेयर के साथ अट्ठाइस सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है… जिसके बाद एक और सर्वे सामने आया है… जिसमें सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन को इकतालीस और एनडीए को महज सात सीटें मिल सकती हैं…. का ताजा आंकड़ा जारी किया गया है… जिसको देखते हुए महाराष्ट्र में बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ गई है…. और सभी नेता परेशान दिखाई दे रहे है… पीएम मोदी से पूरे महाराष्ट्र की जनता परेशान है… जिसके चलते पीएम मोदी की लोकप्रियता कम हुई है… वहीं जनता का कहना है कि बीजेपी ने जो भी वादे किए उन वादों में से किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया… साथ ही साथ मनोज जरांगे पाटिल द्वारा उठाया गया मराठा आरक्षण का मुद्दा भी जोरो पर चल रहा है…. जिसको देखते हुए बीजेपी हलकान में है…. बता दें कि मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटिल का कहना है कि सरकार ने जो वादा किया वो भूल गई… औस मराठाओं को मात्र दस फीसदी आरक्षण दिया गया जिससे कुछ भी होने वाला नहीं है…
एलडीए गठबंधन को मिल रहा 40.5 फीसदी वोट शेयर
आपको बता दें कि दो हजार उन्नीस के सर्वे में एनडीए गठबंधन को चालीस दशमलव पांच फीसदी वोट शेयर के साथ बाईस सीटें और इंडिया गठबंधन को चौव्वालीस दशमलव पांच फीसदी वोट शेयर के साथ छब्बीस सीटें मिलने की बात कही गई है…. महाराष्ट्र में दो हजार उन्नीस लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन का हिस्सा थीं…. उस समय शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में नहीं बंटी हुई थीं….. बीजेपी शिवसेना के एनडीए गठबंधन को इकतालीस सीटें मिली थीं….. इनमें से तेईस सीटें बीजेपी…. और अट्ठारह सीटें शिवसेना के खाते में गई थीं…. एनसीपी को चार और कांग्रेस को एक सीट मिली थी….. जिसके बाद महाराष्ट्र की सियासत में विद्रोह शुरू हुआ जिसके बाद से शिवसेना और एनसीपी के दो फाड़ हो गए और वर्तमान समय में एक फाड़ बीजेपी के साथ और दूसरा फाड़ इंडिया गठबंधन के साथ है….
मराठा आरक्षण को लेकर चल रही तकरार
आपको बता दें कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पहले दो हजार चौदह फिर दो हजार अट्ठारह में दिया गया…. लेकिन वो अदालत में नहीं टिक पाया…. वहीं एकनाथ शिंदे सरकार की मराठा समुदाय को दस प्रतिशत आरक्षण देने की कोशिश से जरांगे पाटिल ख़ुश नहीं हैं…. क्योंकि उन्हें लगता है कि पचास प्रतिशत की सीमा का हवाला देते हुए अदालत फिर इसे ख़ारिज कर देगी….. उनकी मांग है कि मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में शामिल किया जाए…. इससे ओबीसी ख़ुश नहीं हैं…. मराठा आरक्षण का चुनाव पर असर पर जरांगे पाटिल ने कहा कि “महाविकास अघाड़ी और महायुति (भाजपा गठबंधन) दोनो गुटों ने हमें धोखा दिया है….. बता दें कि पाटिल के मुताबिक़, “हमने किसी को (चुनाव में बतौर उम्मीदवार) खड़ा नहीं किया है….. मराठा समाज किसको मतदान करेगा, इसका टेंशन अब महाविकास अघाड़ी और महायुति दोनों गुटों में है….. जो उम्मीदवार मराठा आरक्षण के पक्ष में नहीं है…. वो उम्मीदवार सौ प्रतिशत गिरेगा…. अब मराठा वोट नहीं बटेंगे…. और सभी मराठा मत एक जगह पर ही रहेगा…. जिसको लेकर भी बीजेपी में चिंता दिखाई दे रही है….
जरांगे पाटिल समर्थक ने भाजपा के खिलाफ नाराजगी जताई
वहीं जरांगे पाटिल समर्थक ने भाजपा के ख़िलाफ़ नाराज़गी जताई…. और कहा कि चुनाव के ठीक पहले इशारा दिया जाएगा कि मराठा समाज किस उम्मीदवार के पक्ष में वोट करे…. हालांकि हमें बीजेपी समर्थक मराठा समुदाय के एक व्यक्ति ने कहा कि ये कोई ज़रूरी नहीं है कि जरांगे पाटिल जिस उम्मीदवार के पक्ष में इशारा दें तो समुदाय उनके पक्ष में ही वोट करेगा…. वहीं मराठा समुदाय को लगता है कि बीजेपी ने उन्हें एक अस्थायी हल दिया है लेकिन ऐसा हल जो सुप्रीम कोर्ट का क़ानूनी टेस्ट पास नहीं कर पाएगा…. इससे मराठा समुदाय ख़ुश नहीं है…. और मराठा समुदाय के कई लोगों को ओबीसी कुनबी जाति का सर्टिफ़िकेट देने से ओबीसी ख़ुश नहीं हैं…. उन्हें लगता है कि इससे संघर्ष बढ़ेगा…. और बीजेपी के लिए डबल वैमी या दोहरा झटका है…..
पीएम मोदी के विकास पर वोट मांग रही बीजेपी
बता दें कि चाहे गांव हो या शहर, और बैलट पर कोई भी हो, बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में विकास के नाम पर वोट मांग रही है….. जिसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री मोदी का नाम सभी राजनीतिक चुनौतियों पर भारी पड़ेगा….. विदर्भ इलाक़े के अमरावती से भाजपा उम्मीदवार नवनीत राणा ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में रोज़गार, मूलभूत सुविधाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं पर सरकारी कामों की लंबी फ़हरिस्त गिनाई…. वो कहती हैं, पचहत्तर साल के गड्ढे को भरने के लिए समय तो ज़रूर देना पड़ेगा….. वहीं बीजेपी सभी राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निर्भर होगी…. और ये देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र में कितनी रैलियां करते हैं….. और अपने रैलियों के माध्यम से प्रधानमंत्री और कितना झूठ बोलकर लोगों के दिल में जगह बनाने में कारगर साबित होते है….
चुनाव जीतने के बाद जनता को नहीं पूछता है कोई नेता
वहीं जनता समझ चुकी है कि चुनाव आते ही सभी नेता जनता के दुखों को खत्म करने के लिए पहुंच जाते है,… और तुरंत सभी दुखों को खत्म करने का आश्वासन देने लगते हैं…. वहीं चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेता और कार्यकर्ता आपने पूरे कार्यकाल में जनता का दुख दर्द सुनने के लिए नहीं आता है… जिसको देखते हुए… इस बार का लोकसभा चुनाव बहुत दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है… महाराष्ट्र की सियासत में उस समय में ट्विस्ट आया है… जब पहले चरण के मतदान में महज पांच दिन का समय बचा है…. जिसको देखते हुए विपक्ष में खुशी की लहर है… वहीं बीजेपी गठबंधन में चिंता की लकीरे खिंच गई है… वहीं इस लोकसभा चुनाव में क्या होने वाला यह आने वाला समय तय करेगा… मराठा आरक्षण समेत तमाम मुद्दे इस समय जनता के मन में घर बनाएं हुए है… जिसको देखते हुए बीजेपी कौनसी रणनीति अपनाती है… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा….
सर्वे में आए दिन हो रहे नए-नए खुलासे
आपको बता दें आये दिन सर्वे नए-नए खुलासे कर रहें है… जिसको देखते हुए बीजेपी के आलाकमान पीएम मोदी समेत सभी दिग्गजों के चेहरे उतरे हुए दिखाई दे रहे हैं… और अब पहले वाली चमक नहीं दिखाई दे रही है… बीजेपी पूरी तरह से डरी हुई है… और जनता को साधने के लिए तमाम कोशिशें कर रह है… वहीं जनता भी बीजेपी सरकार के पिछले दस साल के कार्यकाल को देख चुकी है…,. और जनता को भी सब पता है कि बीजेपी ने पिछले चुनावों में जो वादे किए उन वादों पर बीजेपी कितनी खरी उतरी है…. और किन वादों पर फेल हुई है…. सभी को पता है… बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से महंगाई चरम पर पहुंच गई है…. और बेरोजगारी भी चरम पर पहुंच गई है…. सेना की भर्ती में जो युवा जाकर देश की सेवा करते थे.,… उन भर्तियों में भी परिवर्तन कर के अग्निवीर भर्ती योजना बनाई गई… जिसमें देश का युवा भर्ती होकर चार साल तक देश की सेवा करने के बाद अपने घर आकर बैठ जाए… बता दें कि सेना की भर्ती गरीब किसान का लड़का भर्ती होने के लिए जाता है… सेना भर्ती में किसी नेता, मंत्री विधायक का लड़का नहीं शामिल होता है… जिसका मुख्य कारण है… कि वो सत्ता में रहते हुए इतना लूट करके जमा कर लेते है कि उन रूपयों से उनकी दो चार पुस्ते आराम से बैठकर खाएंगी फिर भी किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी… लेकिन एक गरीब जनता का कैसे गुजारा होता है… उसको देखने सुनने और समझने वाला कोई नहीं है….
4 जून को जनता करेगी फैसला
वहीं बीजेपी के सभी कामों और देश के उत्थान के लिए जितना काम किया है का फैंसला जनता जनता आगामी चार जून को करने का काम करेगी…. और बीजेपी को सभी कामों का हिसाब चार जून को मिल जाएगा….