आदिवासियों को वोट बैंक बना रही भाजपा
अभिषेक बनर्जी बोले- बीजेपी ने आर्थिक विकास के लिए काम करने से रोका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नयाग्राम (पश्चिम बंगाल)। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आदिवासी समुदायों के हितों की अनदेखी करते हुए वोट बैंक के रूप में उनका इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल की झारग्राम सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के सांसद को विभिन्न आदिवासी समुदायों के आर्थिक विकास के लिए काम करने से रोका है।
बनर्जी ने कहा, रैली में भाजपा से तृणमूल में शामिल हुए झारग्राम सांसद कुनार हेम्ब्रम ने याद किया कि क्षेत्र के विकास के लिए दिल्ली से निधि हासिल करने की उनकी प्रत्एक कोशिश को कैसे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बाधित किया गया और उसे नजरअंदाज किया। उन्हें भाजपा में घुटन महसूस हो रही थी और माना कि वह गलत पार्टी में थे। हेम्ब्रम, रैली में बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने भाजपा पर जंगलमहल क्षेत्र में अशांति पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा, एक साल पहले, हमारे काफिले को झारग्राम में एक भीड़ ने रोक दिया जिसने मेरे साथ यात्रा कर रहे मंत्री बीरबाहा हांसदा की कार पर पथराव किया। उन्होंने दावा किया, हालांकि, वे जंगलमहल क्षेत्र में कुर्मी समुदाय के लिए अधिकारों की मांग कर रहे थे, लेकिन उनके नारों, परिधान से यह स्पष्ट था कि वे स्थानीय कुर्मी समुदाय के सदस्यों के वेश में भाजपा कार्यकर्ता थे।
हमने लोगों से किसी भी पार्टी को वोट देने को नहीं कहा : बंगाल के संत
लोकसभा चुनाव में दो प्रमुख मठों के कुछ संतों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में काम करने से संबंधित पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों से उपजे विवाद के बीच, दोनों धार्मिक संस्थाओं ने दावा किया कि वे हमेशा ही राजनीति से दूर रही हैं और कभी किसी पार्टी के लिए वोट नहीं मांगा। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख बनर्जी ने शनिवार को एक चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल के दोनों प्रमुख मठों के कुछ संत भाजपा के निर्देश पर काम कर रहे हैं। रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ, दोनों ने आरोपों को खारिज कर दिया तथा कहा कि वे केवल समाज की सेवा करने पर ध्यान देते हैं। बेलूर में रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय के एक वरिष्ठ संत ने कहा, हम आक्षेपों से दुखी और व्यथित हैं…हम किसी भी विवाद में फंसना नहीं चाहते हैं…प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सहित सभी क्षेत्रों से हजारों आगंतुक हमारे परिसर में प्रार्थना और ध्यान करने आते हैं…हमारे लिए सभी समान हैं। उन्होंने कहा, हम लोगों के बीच धर्म और अध्यात्म के शाश्वत मूल्यों का प्रसार करने का प्रयास करते हैं।