मिशन यूपी: राम मंदिर और राष्ट्रवाद को चुनावी हथियार बनाने की तैयारी में भाजपा
कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद बदली रणनीति, सरकार की उपलब्धियों पर भी फोकस
कार्यकर्ताओं को बूथों को मजबूत करने के निर्देश किसानों के हित में किए कामों को गिनाने पर जोर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। यूपी विधान सभा चुनाव के पहले प्रदेश की सियासत गर्म हो गयी है। विपक्ष को शिकस्त देने के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति बदल दी है। कृषि कानूनों की वापसी के बाद भाजपा अब राम मंदिर और राष्टï्रवाद को अपना चुनावी हथियार बनाने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा कार्यकर्ताओं से प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को भी जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। सियासी माहौल बनाने के लिए दिग्गज नेताओं ने कमान संभाल ली है। चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे।
बूथ सम्मेलनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह राम मंदिर, राष्ट्रवाद और कानून व्यवस्था को सरकार की उपलब्धि बताकर विपक्ष पर हमला बोल रहे हैं, उससे साफ है कि यही मुद्दे चुनाव में उसके हथियार बनेंगे। इसके अलावा कृषि काननूों की वापसी के बाद अब भाजपा किसान हित में कराए गए कामों को सभाओं में गिना रही है। पार्टी अब भाजपा सरकार को किसान हमदर्द दिखाने की मुहिम में लग गई है।
हम सबका साथ सबका विकास में यकीन करते हैं
जेपी नड्डा ने जिन्ना के जिक्र और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बहाने राष्ट्रीवाद लाइन दी तो मंदिर निर्माण का संकल्प साकार होने का भावनात्मक मुद्दा भी उछाल दिया है। उन्होंने कहा कि हम सबका साथ सबका विकास में यकीन करते हैं और बाकी दल वोट बैंक पर विश्वास करते हैं। हम तिलक, पटेल और गांधी को याद करते हैं और उनको आज भी जिन्ना याद आता है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को लेकर यकीन दिलाया कि आज प्रदेश दंगा मुक्त है जबकि 2017 से पहले यहां हर तीसरे-चौथे दिन दंगा होता था। असदुद्दीन ओवैसी का नाम लेते हुए कहा कि आजकल वह सीएए के नाम पर भावना भडक़ाने का काम कर रहे हैं। चुनाव में कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी अहम रोल अदा करेगा।
पीएम मोदी और शाह भी संभालेंगे कमान
2022 का विधान सभा चुनाव 2024 के लिए बेहद अहम है। भाजपा भी इस बात को अच्छी तरह जानती है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है। ऐसे में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चुनाव में कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहती है। यही वजह है कि दिग्गज नेताओं ने कमान संभालनी शुरू कर दी है। खुद पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चुनाव के दौरान अपनी पूरी ताकत लगाएंगे।
विपक्ष को घेरने में जुटी भाजपा
भाजपा विपक्ष को घेरने में जुटी हुई है। वह सपा-बसपा और कांग्रेस पर लगातार परिवारवाद, जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है। इसके अलावा पिछली सरकारों में कानून व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों पर आक्रामक तरीके से प्रहार करने की रणनीति बनायी है।