खतरे में आ सकती है भाजपा-शिंदे सरकार!
विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए अजित पवार तो हम नहीं होंगे सरकार का हिस्सा : शिरसाट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर अजित पवार भाजपा में शामिल होते हैं तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा नहीं होगी। शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा है कि अजित पवार अगर एनसीपी नेताओं के समूह के साथ भाजपा में शामिल होते हैं तो हम महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा नहीं होंगे।
संजय शिरसाट ने कहा कि उन्हें लगता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सीधे भाजपा के साथ नहीं जाएगी। हमारी नीति इसके बारे में स्पष्ट है। एनसीपी एक ऐसी पार्टी है जो विश्वासघात करती है। हम सत्ता में भी एनसीपी के साथ नहीं होंगे। अगर बीजेपी एनसीपी को अपने साथ ले जाती है, तो महाराष्ट्र इसे पसंद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के साथ जाना पसंद नहीं आया था।
अजित पवार का अकेले आने पर करेंगे स्वागत : शिरसाट
संजय शिरसाट ने कहा कि अजित पवार ने कुछ भी नहीं कहा है, जिसका मतलब है कि वह एनसीपी में नहीं रहना चाहते हैं। हमने कांग्रेस-एनसीपी को छोड़ दिया, क्योंकि हम उनके साथ नहीं रहना चाहते थे। अजित पवार के पास वहां फ्री हैंड नहीं है। इसलिए, अगर वह एनसीपी छोड़ते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे। अगर वह एनसीपी (नेताओं) के एक समूह के साथ आते हैं, तो हम सरकार में नहीं होंगे।
पार्थ पवार के चुनाव हारने की वजह से नाराज हैं अजित
उन्होंने कहा कि अजित पवार की नाराजगी इसलिए है, क्योंकि उनके बेटे पार्थ पवार पहले चुनाव हार गए थे। उनकी नाराजगी का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका के मामले से कोई संबंध नहीं है। शिरसाट को हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का प्रवक्ता नियुक्त किया गया था।
समलैंगिक विवाह पर राज्यों से राय लेगा कें द्र
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का हलफनामा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। समलैंगिकों के विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है कि वह इस मामले में सभी राज्यों का पक्ष जानें। इसके लिए केंद्र ने राज्यों को भी पत्र लिखकर इस मामले पर उनके विचार मांगे हैं। केंद्र ने पहले सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि समलैंगिक जोड़े के लिए शादी करने के अधिकार की मांग करने वाली याचिकाओं पर कार्यवाही में सभी राज्यों को पक्षकार बनाया जाए। लेकिन कोर्ट ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया था। हालांकि अब केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर इस मामले पर उनके विचार मांगे हैं।
गौरतलब है, याचिकाकर्ता पक्ष समानता और सम्मान से जीवन जीने के अधिकार का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिकों के विवाह को मान्यता देने की मांग कर रहा है। वहीं केंद्र सरकार ने सुनवाई का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि यह विषय ऐसा नहीं है जहां पांच विद्वान लोग बैठकर पूरे समाज के बारे में फैसला कर दें। ऐसे में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि समलैंगिकों के विवाह की मांग करने वाली याचिकाओं पर कार्यवाही में सभी राज्यों को पक्षकार बनाया जाए। हालांकि कोर्ट ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया। अब केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर समलैंगिकों के विवाह पर उनके विचार मांगे हैं।
केंद्र का कहना है कि राज्यों के साथ विचार-विमर्श करने और कोर्ट के सामने अपने विचार रखने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही तब तक के लिए सुनवाई को स्थगित कर देना चाहिए।
विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मऊ । विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में अधिकारियों को धमकी देने के मामले में आरोपी विधायक अब्बास अंसारी की ओर से को सीजेएम एमपी/ एमएलए कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी गई। जिस पर सीजेएम श्वेता चौधरी ने अब्बास अंंसारी के अधिवक्ता और सहायक अभियोजन अधिकारी रविंद्र प्रताप यादव के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दिया।
मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है।अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में अपराध संख्या 97/ 22 धारा 506, 171च भादवि के तहत एफआईआर दर्ज हुई। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया।
कर्नाटक सीएम बोम्मई ने किया नामांकन
कांग्रेस पर बरसे – कहा लिंगायतों के लिए आरक्षण का किया विरोध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बंगलुरू। कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है। इस अवसर पर बोम्मई ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कर्नाटक में लिंगायत मतदाता सतर्क हैं।
कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उसका कहना है कि कांग्रेस ने दक्षिणी राज्य में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के मतदाताओं को नजरअंदाज किया और उनके साथ धोखा किया है। उन्होंने हमेशा सही निर्णय लिया है। विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद कांग्रेस ने उनके लिए विशेष प्रेम दिखाया है। यह वही पार्टी थी, जिसने लिंगायतों और वीरशैवों को विभाजित करने की कोशिश की थी। लोग कांग्रेस पार्टी की फूट डालो और राज करो की नीति को नहीं भूले हैं। बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस चुनाव के दौरान लिंगायतों पर विशेष प्यार जताती है। गौरतलब है, मुधोल में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी लिंगायतों के लिए आरक्षण का विरोध किया था।
सिद्धारमैया पीएफआई के संरक्षक : जेपी नड्डï
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डï ने भी कांग्रेस पर वार किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर पीएफआई के संरक्षक होने का आरोप लगाया। नड्डा ने हुबली में कहा कि कांग्रेस के सिद्धारमैया ने पीएफआई के खिलाफ मामले वापस ले लिए। वहीं पीएफआई के 1,700 कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा किया। सिद्धारमैया उनके संरक्षक हैं। बता दें, केंद्र ने पिछले साल सितंबर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया था।
भारत ने आबादी में चीन को पछाड़ा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत चीन को पीछे छोडक़र दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है। जबकि चीन की आबादी 142.57 करोड़ है। गौरतलब है, संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार सुबह एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि भारत इस साल के मध्य तक दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन जाएगा। साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला कि भारत 30 लाख से अधिक लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023 के जनसांख्यिकीय आंकड़ों का अनुमान है कि चीन की 142.57 करोड़ की तुलना में भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो अमेरिका 34 करोड़ की आबादी के साथ तीसरे नंबर पर है।
165 करोड़ जा सकती है आबादी
यूएनएफपीए की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 वर्ष के आयु वर्ग की है। वहीं 18 प्रतिशत 10 से 19 आयु वर्ग, 26 प्रतिशत 10 से 24 आयु वर्ग, 68 प्रतिशत 15 से 64 वर्ष आयु वर्ग में और 65 वर्ष से ऊपर 7 प्रतिशत है। वहीं, विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों ने सुझाव दिया है कि भारत की जनसंख्या लगभग तीन दशकों तक बढ़ती रहने की उम्मीद है। इससे आबादी 165 करोड़ हो सकती है। जनसंख्या विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र के पिछले आंकड़ों का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया था कि भारत इस महीने चीन को पीछे छोड़ देगा। कहा गया था कि अभी यह नहीं पता है कि इस बदलाव में कितना समय लगेगा। लेकिन बुधवार दोपहर तक संयुक्त राष्ट्र ने एक और रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। हालंकि भारत की जनगणना साल 2011 में हुई थी।
छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में कमी
गौरतलब है, पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट आई थी। इसके बाद चीन की आबादी में कमी ही देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2011 के बाद से औसतन 1.2 फीसदी रही है, जबकि पिछले 10 वर्षों में यह 1.7 फीसदी थी।