हिंदुत्व के मुद्दे पर बुरा फंसी बीजेपी, योगी-मोदी का नारा नहीं आया काम

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भारत की राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी ख़ासा अहम है.... देश की आर्थिक गतिविधियों में महाराष्ट्र की बड़ी भूमिका होती है....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भारत की राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी ख़ासा अहम है…. देश की आर्थिक गतिविधियों में महाराष्ट्र की बड़ी भूमिका होती है…. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी विपक्षी गठबंधन है…. इसमें उद्धव ठाकरे की शिव सेना, कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं…. इस गठबंधन ने लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति पर बढ़त बनाई थी…. महायुति गठजोड़ में भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे की शिव सेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं…. वहीं सबसे बड़ा सवाल यह है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे इसी साल हुए लोकसभा चुनाव की तरह ही होंगे या बिल्कुल अलग होंगे…. महाराष्ट्र की दो अहम क्षेत्रीय पार्टियां शिव सेना… और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो चुका है…. दोनों का एक-एक खेमा बीजेपी के साथ है… और दूसरा खेमा कांग्रेस के साथ…. ऐसे में सवाल है कि हिन्दुत्व के नाम पर वोट बीजेपी और एकनाथ शिंदे को मिलेगा कि उद्धव ठाकरे की शिव सेना को…. क्या अजित पवार बीजेपी के साथ होने के कारण कांग्रेस… और शरद पवार के वोट बैंक में सेंध लगा पाएंगे….

आपको बता दें कि लोकसभा के चुनावी नतीजों के बाद केंद्र में भले ही बीजेपी…. और उसके सहयोगी दल सरकार बनाने में क़ामयाब हो गए हों…. लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था…. वहीं लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के हिस्से में अड़तालीस सीटें आती हैं…. इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी को तीस और महायुति गठबंधन को सत्रह सीटें मिलीं…. यानी जनता ने अपना झुकाव महाविकास अघाड़ी की ओर दिखाया…. बता दें कि दो हजार उन्नीस में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नज़र डालें तो बीजेपी को एक सौ पांच, शिव सेना (अविभाजित शिव सेना) को छप्पन, एनसीपी (अविभाजित एनसीपी) को चौव्वन और कांग्रेस को चौव्वालीस सीटें मिलीं थीं…. जिसके बाद शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस ने साथ मिलकर सरकार बना ली थी…. हालांकि इस गठबंधन की सरकार ज़्यादा दिन तक नहीं चल सकी…. और साल दो हजार बाइस के जून में शिव सेना के आपसी विवाद के कारण एकनाथ शिंदे शिव सेना के एक गुट को लेकर अलग हो गए….. वहीं अजित पवार भी एनसीपी के एक गुट को अपने साथ ले आए…. इसके बाद वो बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिव सेना की सरकार में शामिल हो गए… और उपमुख्यमंत्री बन गए….

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा नारा “बंटोगे तो कटोगे” और पीएम मोदी का नारा “एक हैं तो सेफ हैं” पर महायुति में बहुत सहजता नहीं है…. बीजेपी के बड़े नेता अपनी रैली में इन नारों का इस्तेमाल कर रहे हैं….. लेकिन महायुति में ऐसे भी दल हैं जो इन नारों से परहेज कर रहे हैं…. महायुति के बाकी सहयोगी और महाराष्ट्र बीजेपी के बीच में इसको लेकर सहमति नहीं है… कि हिंदुत्व का मुद्दा किस तरीक़े से सामने लाया जाए…. मराठा फैक्टर और बेरोज़गारी का मुद्दा महाविकास अघाड़ी के पक्ष में है…. इसके अलावा महायुति के लिए हिंदुत्व जैसा मुद्दा लाना ज़रूरी है…. जो देश भर में मज़बूत रहा है…. महायुति चाहता है कि किसी तरह से इसका फ़ायदा मिल जाए….. हरियाणा में योगी आदित्यनाथ ने यह सब मुद्दा उछाला था…. लेकिन जब इन्होंने ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले बैनर महाराष्ट्र में लगाए तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई…. क्योंकि महाराष्ट्र में इस तरीके का हिंदुत्व नहीं चलता जो उत्तर प्रदेश या हरियाणा में चला है…. वहीं बीजेपी को पता चल चुका है कि इन हिंदुत्व वाले नारों का महाराष्ट्र में फ़ायदा नहीं होगा…. महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ अजित पवार हैं… और उन्होंने ये साफ़ कर दिया है कि ये जो भी कुछ चल रहा है ये नहीं होना चाहिए…. महाराष्ट्र में जाति और धर्म पर चुनाव नहीं लड़े जाते….

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के अच्छे प्रदर्शन के बाद अब जब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं…. ऐसे में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के माहौल में अंतर दिख रहा है….. लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसा नहीं लग रहा था कि माहौल अलग है….. लेकिन जब चुनाव के नतीजे आएं तब आंकड़े चौंकाने वाले थे….. लोकसभा चुनाव में ‘कांग्रेस ने संविधान बचाओ’ का नारा दिया था…. ये एक बड़ा नैरेटिव था जो विधानसभा चुनाव में नहीं है…. वहां केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ जो माहौल था वो भी नहीं है…. लेकिन कहा जाए तो यहां राज्य का कोई भी अपना नैरेटिव और मुद्दा नहीं है….. जिस ढंग से महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता से बाहर हुई, उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था….. उस बारे में हमदर्दी की लहर कुछ हद तक है…. लेकिन जो लोकसभा चुनाव में था वैसा अब नहीं है….. लोकसभा चुनाव में मनोज जरांगे फैक्टर बहुत चला और विधानसभा चुनाव में भी चल सकता है….. लेकिन जरांगे फैक्टर मराठवाड़ा में बीजेपी को ज़्यादा नुकसान करने वाला है…. इसलिए लोकसभा चुनाव जैसा परिणाम विधानसभा में मिलेगा ऐसा नहीं लगता है….. दरअसल, मराठा आरक्षण के लिए होने वाले विरोध प्रदर्शनों और भूख हड़ताल का नेतृत्व मनोज जरांगे ने किया था….

महाराष्ट्र की दो सौ अट्ठासी विधानसभा सीटों के लिए बीस नवंबर को वोटिंग होनी है…. इससे पहले राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का जारी है…. इसी बीच, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा…. और उन्होंने ‘वोटों का धर्मयुद्ध’ वाले बयान पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह चुनाव आयोग के आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करता है…. ठाकरे ने कहा कि हमारा हिंदुत्व लोगों के घरों में चूल्हे जलाता है…. जबकि भाजपा का हिंदुत्व उन्हें जलाकर राख कर देता है…. दरअसल, ठाकरे ने जिले के डोम्बिवली में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक प्रचार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें लोकसभा चुनावों से पहले अपनी पार्टी के चुनावी गान से “जय भवानी, जय शिवाजी” के शब्द हटाने के लिए कहा गया था…. लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था…. और उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने ‘मतों का धर्मयुद्ध’ का आह्वान किया है…. मैं चुनाव आयोग से पूछता हूं, क्या धर्मयुद्ध आपके आदर्श आचार संहिता में फिट बैठता है…

आपको बता दें कि फडणवीस ने पुणे में शुक्रवार को एक रैली में कहा था कि कुछ इस्लामी विद्वान ने महायुति सरकार के खिलाफ “वोट-जिहाद” की अपील की है…. जिसके जवाब में उन्होंने “मतों का धर्मयुद्ध” का आह्वान किया था…. ठाकरे ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अब यह पार्टी अवसरवादी नेताओं से भरी हुई है… जो बाहर से आए हैं…. और उन्होंने कहा कि वह भाजपा, जो अपने कार्यकर्ताओं की बलिदान…. और समर्पण से बढ़ी, अब वह एक हाइब्रिड बन गई है…. जो अवसरवादी राजनीति का प्रजनन स्थल बन चुकी है… और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के वर्तमान नेतृत्व ने पार्टी के पूर्व दिग्गज नेताओं जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के दृष्टिकोण को नकारा है…. और उन्होंने भाजपा पर “गुजराती-मराठी विभाजन” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया…. और कहा कि भाजपा नेतृत्व द्वारा कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता दी जा रही है…. ठाकरे ने भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों पार्टियों ने ठाणे जिले में नगर निगमों को लूटा है….

वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने मतदाताओं से राजनीति को दूषित करने वालों को खारिज करने की अपील की…. और उन्होंने आग्रह किया कि जिन्होंने पार्टियों और परिवारों को तोड़कर और सामाजिक विभाजन पैदा कर राज्य की राजनीति को दूषित किया है, उसे खारिज कर दें…. एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने मराठी समाचार पत्रों में प्रकाशित एक सार्वजनिक अपील में कहा कि राज्य का गौरव बहाल करना समय की मांग है…. और उन्होंने लोकप्रिय कल्याणकारी योजनाओं की निरंतरता, कृषि संकट, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और रोजगार के घटते अवसरों को तेइस नवंबर को आने वाले चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाले मुद्दों के रूप में रेखांकित किया… बीजेपी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के महायुति गठबंधन का महा विकास आघाडी के साथ कड़ा मुकाबला है….. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और NCP (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं…. इस बीच शरद पवार ने आरोप लगाया कि महायुति के कार्यकाल में भ्रष्टाचार बढ़ा है…. जिसने मुंबई में प्रवेश करने वाले वाहनों पर शुल्क माफ करने के शिंदे सरकार के फैसले में खामियां पैदा की….

आपको बता दें कि शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र एक सुसंस्कृत, प्रगतिशील, मजबूत और स्वाभिमानी राज्य है…. इसने न केवल राष्ट्र को रास्ता दिखाया…. बल्कि संकट के समय उसके साथ खड़ा रहा…. हालांकि, मौजूदा शासक दिल्ली के हाथों के प्यादे बन गए हैं…. और उन्होंने महायुति नेताओं पर राज्य के प्रतीकों जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज, जिनकी प्रतिमा इस साल अगस्त में ढह गई थी…. ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का अपमान करने पर अमादा होने का आरोप लगाया…. पवार ने कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन एक व्यक्ति ने सावित्रीबाई और ज्योतिबा फुले के विवाहित जीवन पर अपमानजनक टिप्पणी की…. भ्रष्टाचार के कारण ही (तटीय सिंधुदुर्ग जिले में) शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई….. सतारा में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग बदलाव लाएंगे…. और उन्होंने कहा कि लोग बदलाव चाहते हैं और वे बदलाव लाएंगे…. वे महा विकास आघाडी के साथ खड़े होंगे….

वहीं एनसीपी प्रमुख ने दावा किया कि राज्य का समग्र माहौल उन्हें दो हजार उन्नीस के चुनावों की याद दिलाता है….. जब लोग चुप रहे लेकिन मतदान के दिन जवाब दिया…. पवार ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा घोषित कल्याणकारी योजनाओं का मतदाताओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा…. और उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने लोगों को खुश करने के लिए नकद अंतरण योजनाएं शुरू कीं…. हालांकि, राज्य सरकार ने यह जानकारी नहीं दी कि ये योजनाएं कब तक जारी रहेंगी…. पवार ने महायुति के वादों और जमीनी हकीकत के बीच विरोधाभास को उजागर करते हुए दावा किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं…. और उन्होंने दावा किया कि पिछले दो सालों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सरसठ हजार मामले दर्ज किए गए हैं….. आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में लगभग चौसठ हजार महिलाएं और लड़कियां लापता हुई हैं….. जिसमें नागपुर भी शामिल है…. जो राज्य के गृह मंत्री (देवेंद्र फडणवीस) का गृह क्षेत्र है….. पवार ने कहा कि किसान अपनी फसलों को जोखिम के कारण परेशान हैं….

 

Related Articles

Back to top button