भाजपा ने यूपी को अराजकता में झोंका: अखिलेश

  • गुजरात की कंपनियों को लाभ पहुंचाने की साजिश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर भाजपा पर भडक़ गए है उन्होंने कहा है कि भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग कर उत्तर प्रदेश को अराजकता में झोंक दिया है। बुलडोजर का प्रयोग विधि व्यवस्था के लिए चुनौती बन गई है। देशभर में इस बुलडोजर संस्कृति की बदनामी हो रही है। गुजरात की कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए तमाम तरह की साजिशें हो रही हैं। अखिलेश यादव प्रदेश पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 का चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा नेताओं पर फर्जी मुकदमें लगाए जा रहे हैं और बदले की भावना से उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कमीशन की सरकार चल रही है। जबसे भाजपा सरकार में आई है, तबसे हर तरफ उत्तर प्रदेश का अपमान हो रहा है। जनता का भरोसा समाजवादी पार्टी पर है। अखिलेश सपा अध्क्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के राज में खुल्लम-खुल्ला लूट जारी है। उन्होंने ट्वीट किया कि सरकार बाकी सब कुछ बेच चुकी है और अब खान-खनन की बारी है। यह बात उन्होंने लोकसभा में लीथियम व अन्य खनिजों के मामले में बिल लाए जाने पर कही है।

प्रयागराज जाएगा सपा का प्रतिनिधिमंडल

समाजवादी पार्टी का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एक अगस्त को प्रयागराज जाएगा। सपा कहना है कि वर्ष 1952 में पूर्व सांसद मसुरियादीन पासी द्वारा निर्मित दलित छात्रावास और केंद्रीय विश्वविद्यालय के आसपास बने छात्रावासों को पुलिस प्रशासन के जरिये जबरन खाली कराया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल इस मामले में तथ्यों की पड़ताल करने प्रयागराज पहुंचेगा। प्रतिनिधिमंडल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व विधायक इंद्रजीत सरोज के नेतृत्व में जाएगा।

अन्य राज्यों में सपा लड़ेगी लोकसभा चुनाव

सपा नेतृत्व पश्चिम बंगाल में अपने नेता किरणमय नंदा को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए एक सीट मांगेगा। अगर विपक्षी समावेशी गठबंधन इंडिया ने वहां सपा को एक सीट दी तो इसके एवज में यूपी में एक सीट तृणमूल कांग्रेस के लिए दी जा सकती है। इसी तरह से राजस्थान और हरियाणा में भी सपा इंडिया से दो-दो सीट मांगने की तैयारी में है। सपा की तरह ही तृणमूल कांग्रेस भी राष्टï्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना चाहती है। इसी साल अप्रैल में चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस का राष्टï्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया था। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस और सपा, दोनों ही अपने-अपने आधार वाले राज्य के अलावा दूसरे राज्यों में भी पैर फैलाना चाहती हैं।

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