दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की कलानिधि मारन की याचिका

नई दिल्ली। स्पाइसजेट विवाद में कलानिधि मारन को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कलानिधि मारन की याचिका को खारिज कर दिया है। स्पाइसजेट विवाद को लेकर कलानिधि मारन ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका डाली थी। अपने याचिका में कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट और उनके वर्तमान प्रमोटर अजय सिंह से 1323 करोड़ रुपए की डैमेज की मांग की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने मारन के साथ साथ स्पाइसजेट और इसके प्रमोटर अजय सिंह को उस चैलेंज को भी खारिज कर दिया है जिसमें सिंह को मारन को 579 करोड़ रुपए ब्याज समेत लौटाने को कहा गया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले स्पाइसजेट को आदेश दिया था कि वो मारन को 380 करोड़ की रकम अदा करें।
साल 2015 के फरवरी में मारन ने कैल एयरवेज मे अपनी पूरी 58।46 फीसदी की हिस्सेदारी अजय सिंह को ट्रांसफर कर दी थी। फिर साल 2017 में मारन दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और हिस्सेदारी ट्रांसफर के बदले 362 करोड़ रुपए का दावा किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह रकम लौटाने का निर्देश दिया था। साथ ही ब्याज के 75 करोड़ रुपए भी मारन को लौटाने के आदेश दिए गए। लेकिन स्पाइसजेट के इसके लिए समय मांगा और पैसा लौटाने की अवधि को आगे बढाने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई। इस याचिका को कोर्ट ने खारिज करते हुए तुरंत पैसा लौटाने का आदेश दिया था।
दरअसल यह मामला कंपनियों के एसेट और उनके शेयर ट्रांसफर से जुड़ा हुआ है। मारन ने जब अपने एयरलाइन की हिस्सेदारी स्पाइसजेट को दी। तो इसमें उनकी हिस्सेदारी के शेयर भी ट्रांसफर किए गए। इसी के एवज में मारन ट्रांसफर किए गए शेयरों के बदले पैसे दिए जाने थे। नियमों के मुताबिक कंपनी के 18 करोड़ वारंट्स रिडीमेबल शेयर इक्विटी शेयरों के रूप में उन्हें ट्रांसफर किए जाने थे जो नहीं किया गया। इसके बाद ये विवाद बढ़ता गया। जब कलानिधि मारन ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने पैसे लौटाने के निर्देश दिए।

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