सरकारी एजेंसियों के भरोसे चुनावी नैया पार लगाना चाहती है भाजपा!
मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के नेताओं के यहां डलवाए जा रहे छापे
4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्धों ने उठाए कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में विधान सभा चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियां भी मैदान में उतर आयी हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सहयोगियों के घर इनकम टैक्स के छापे पड़ रहे हैं। सवाल यह है कि चुनाव से पहले सरकार छापेमारी की याद क्यों आती है? क्या ये छापे अखिलेश को फायदा पहुंचाएंगे या नुकसान करेंगे? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार राजेश बादल, शीतल पी सिंह, अमलेंदु उपाध्याय, उमाशंकर दुबे, अरुणा सिंह, सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
अमलेंदु उपाध्याय ने कहा, जहां भी चुनाव होता है तो केंद्र की एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं। नोटबंदी के बाद इतने नोट कहां से निकल रहे हैं। पीएम को यह बताना चाहिए। उमाशंकर दुबे ने कहा, सरकार की नीतियों से व्यापारी परेशान है। छापेमारी होनी चाहिए लेकिन जब चिन्हित कर छापेमारी होगी तो सवाल उठेंगे। अरुणा सिंह ने कहा, पिछले सात सालों में संवैधानिक संस्थाओं और एजेंसियों को नष्टï कर दिया गया है। ये छापे सियासी बदले की भावना से किए जा रहे हैं। यूपी में अखिलेश लीड बना रहे हैं तो भाजपा उनको परेशान कर रही है। शीतल पी सिंह ने कहा, बसपा सड़क पर आयी ही नहीं है। भाजपा चाहती है सपा और अन्य दल भी सरेंडर कर दें। अखिलेश भाजपा का मुकाबला कर रहे हैं। सर्वे में भी 33 फीसदी वोट सपा को मिल रहा है। यह भाजपा को असहज कर रही है।
राजेश बादल ने कहा, बीते चालीस सालों में लोकतंत्र में होने वाले चुनाव को सारी पार्टियों ने धंधा बना दिया है। राजनीति अब सेवा नहीं रह गयी है। सभी पार्टियां इसमें शामिल हो चुकी हैं। सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कहा, भाजपा सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रही है। सरकारी मंचों से राजनीतिक भाषण दिया जाता है। जनता इस सबको समझ रही है।