गोला की गोलबंदी से भाजपा के रणनीतिकारों के हौसले बुलंद
यूपी में बीजेपी का पन्ना समिति का प्रयोग रहा सफल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बीजेपी पिछले कई चुनावों से लगातार पन्ना प्रमुखों को महत्वपूर्ण भूमिका सौंपती रही है लेकिन गोला गोकर्णनाथ के उपचुनाव में पार्टी ने पहली बार यूपी में पन्ना समिति का प्रयोग किया। यह प्रयोग सफल रहा। गोला गोकर्णनाथ में सामाजिक समीकरण बहुत अनुकूल न होते हुए भी बीजेपी के पक्ष में गोलबंदी दिखी। इससे पार्टी के रणनीतिकारों के हौसले बुलंद हैं। यूं तो यह यूपी में महज एक विधानसभा सीट का उपचुनाव था लेकिन भाजपा के लिए यह जीत कई मायने में खास है।
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों के बाद अब इस विधानसभा सीट के उपचुनाव में भी योगी सरकार के कामकाज पर जनता ने मुहर लगा दी है। वहीं बतौर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के सांगठनिक कौशल का यह पहला इम्तिहान था। प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह लगातार पन्ना समितियों के गठन से लेकर उनकी सक्रियता पर नजर जमाए रहे। हर समिति में पांच लोगों को रखा गया था। इनके जिम्मे 30-30 वोटों की जिम्मेदारी थी। गोला सीट के इस छोटे से उपचुनाव में जीत हासिल करने को भगवा खेमे ने भारी-भरकम व्यूह रचना की थी। इस चुनाव में सरकार और संगठन का बेहतर तालमेल भी बखूबी देखने को मिला। नतीजा यह था कि सामाजिक समीकरण भाजपा प्रत्याशी के बहुत ज्यादा पक्ष में न होने के बावजूद पार्टी शुरुआत से ही विरोधियों पर भारी दिखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी रैली इस पूरे चुनावी मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। इस दौरान सीएम योगी ने जनता से सीधा संवाद किया।
भूपेंद्र और धर्मपाल ने किया लगातार प्रवास
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने भी लगातार प्रवास कर कार्यकर्ताओं में जोश भरा। बूथ स्तर तक प्रबंधन की लगातार निगरानी रखी। वहीं योगी सरकार के तमाम मंत्री भी लगातार वहां डेरा डाले रहे। उपमुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी कई सभाएं कीं। गोला सीट पर भाजपा प्रत्याशी अमन गिरि के सजातीय वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। चुनाव में समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मïण प्रत्याशी उतारकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने का प्रयास किया था। मगर सीएम योगी के प्रति भरोसे और बेहतर रणनीतिक प्रबंधन से भाजपा ने विरोधियों के समीकरण पूरी तरह गड़बड़ा दिए।