ब्रजेश पाठक का पलटवार- सपा का डीएनए है खराब
पाठक ने अखिलेश के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए आतंकियों से जुड़े 14 केस वापस लिए थे, ताकि तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा मिले.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोला, जिसमें उन्होंने उनकी राजनीतिक नीयत पर सवाल उठाए. पाठक ने कहा कि सपा PDA के नाम पर जातिवादी और अलगाववादी राजनीति करती है. वहीं इससे पहले पाठक के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब ब्रजेश पाठक ने एक सार्वजनिक मंच पर सपा नेताओं के डीएनए की जांच की बात कही थी. इस टिप्पणी को सपा ने व्यक्तिगत और आहत करने वाला बताया. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पाठक को पत्र लिखकर नाराजगी जताई और संयम बरतने की अपील की. उन्होंने कहा कि डीएनए पर टिप्पणी यदुवंश और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है. अखिलेश ने पाठक को उनकी स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी और मर्यादा का भी ध्यान कराया.
पाठक ने अखिलेश को जवाब देते हुए सपा की राजनीतिक विचारधारा पर साधा निशाना. उन्होंने कहा कि जब मैंने कहा कि सपा के डीएनए में खराबी है, तो मेरा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि सपा की उस सोच से था जो जातिवादी और अलगाववादी है. पाठक ने सपा पर मुस्लिम तुष्टीकरण को अपनी राजनीति का केंद्र बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि सपा की सरकारों ने शिक्षा, नियुक्तियों और कानून-व्यवस्था में एक वर्ग विशेष को प्राथमिकता दी, जिससे समाज में विभाजन और अविश्वास बढ़ा.
“अखिलेश यादव जी, आप डीएनए के सवाल पर बहुत भड़के हुए हैं। मैने ये कह क्या दिया कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में ख़राबी है, आप आपे से उसी तरह बाहर हो गए जैसे दस साल पहले यूपी की सत्ता से बाहर हो गए थे। आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं,…
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) May 19, 2025
पाठक ने अखिलेश के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए आतंकियों से जुड़े 14 केस वापस लिए थे, ताकि तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा मिले. इसके अलावा, उन्होंने सपा पर दलितों के अधिकारों को कुचलने और उन्हें राजनीतिक रूप से हाशिए पर रखने का भी आरोप लगाया. सपा की सत्ता के लिए समाज को बांटने वाली मानसिकता सपा के डीएनए का हिस्सा है.
इससे पहले अखिलेश ने कहा कि डीएनए पर टिप्पणी करना केवल व्यक्तिगत हमला नहीं, बल्कि यदुवंश और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हमारी धार्मिक भावनाओं पर भी प्रहार है. अखिलेश ने पाठक से अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने और भविष्य में ऐसी बयानबाजी से बचने की अपील की. उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं को भी संयम बरतने की सलाह दी और कहा कि पार्टी स्तर पर ऐसी भाषाका इस्तेमाल करने वालों को समझाया गया है.
हमने उप्र के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर अपना आपा खो बैठे। आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 17, 2025
सोशल मीडिया पर भी यह विवाद छाया हुआ है. सपा के मीडिया सेल द्वारा पाठक के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने मामले को और तूल दी. पाठक के समर्थकों ने लखनऊ में अखिलेश का पुतला फूंका. पाठक ने सपा के सोशल मीडिया हैंडल की भाषा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी नेताओं की विचारधारा से मेल नहीं खाती है. पाठक ने अखिलेश को सलाह दी कि वे अपनी पार्टी के डीएनए को बदलें, वरना 2027 तक हर गली-मोहल्ले में उनकी पार्टी की सोच पर सवाल उठेंगे. दूसरी ओर, अखिलेश ने सकारात्मक राजनीति और जनसेवा पर ध्यान देने की बात कही.



