बसपा-कांग्रेस के वॉकओवर से सपा पहले से मजबूत, भाजपा से सीधी टक्कर
- बिछ चुकी है चुनावी बिसात, सभी की निगाहें इस हॉट सीट पर
- सियासी पिच पर राजनीतिक सूरमा दिखा रहें है अपना दमखम
- गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव : 3 नवंबर को मतदान, 6 को नतीजा
चेतन गुप्ता
लखनऊ। लखीमपुर जिले की गोला गोकर्णनाथ सीट इस समय सुर्खियों में है। बीजेपी विधायक अरविंद गिरि की इसी साल 6 सितंबर को हार्ट अटैक से मौत के बाद खाली हुई इस सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में इस सीट का रिजल्ट काफी मायने रखता है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर है। क्योंकि बीजेपी के खिलाफ अंदरखाने से सभी दल लामबंद है इसीलिए बीएसपी-कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। बीजेपी ने अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरि को यहां से टिकट दिया है वहीं समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक विनय तिवारी को चुनावी मैदान में उतारा है। उपचुनाव को लेकर अमूमन सभी का एक ही नजरिया होता है कि जिसकी सरकार होती है उसकी जीत होती है लेकिन इस बार सूबे में सत्तारूढ़ बीजेपी को कुछ खतरा महसूस हो रहा है क्योंकि अंदर खाने से विपक्ष एक है। बीजेपी के दोनों नए कमांडर्स, प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन के लिए गोला गोकर्णनाथ सीट पर होने वाला उपचुनाव एक टेस्ट की तरह है। चुनाव आयोग ने 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान करते हुए गोला गोकर्णनाथ की सीट पर भी इलेक्शन की तारीख बता दी है।
आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 3 नवंबर को वोटिंग के बाद 6 नवंबर को नतीजे आ जाएंगे। बीजेपी हर हाल में इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने कुल 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी, जिनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा स्वतंत्र देव सिंह, राधा मोहन सिंह, धर्मपाल, अरुण सिंह, दिनेश शर्मा, कौशल किशोर, जितिन प्रसाद और सुरेश खन्ना का नाम भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में है। ये सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठïा का सवाल बनी हुई है क्योंकि योगी सरकार पार्ट-2 के 6 महीने के कामकाज पर आम जनता की क्या प्रतिक्रिया है, इसका पता इस सीट के नतीजों से चलेगा। वैसे तो चुनाव सिर्फ एक सीट पर है पर बीजेपी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती इसीलिए कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार, बलदेव सिंह ओलाख लगातार यहां पर चुनावी रैलियां और डोर टू डोर वोट मांग रहे है। साथ ही योगी सरकार में दो मंत्री सुरेश राही और सतीश शर्मा भी जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं। इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी प्रचार करने जा चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर को भी पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगने भेजा जा चुका है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी एक दिन पहले ममरी में जनसभा कर चुके है। 31 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यानाथ की भी बड़ी चुनावी रैली है। वहीं समाजवादी पार्टी भी पूरा दम लगाए हुए हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव पहली बार किसी चुनावी अभियान में हिस्सा लेंगे। सपा प्रत्याशी के पक्ष में उनकी चुनाव रैली भी प्रस्तावित है। 2012 में विनय तिवारी सूबे में सपा की लहर में इसी सीट से चुनाव जीत विधायक रह चुके है।
जातीय समीकरणों पर टिका है पूरा चुनाव
वैसे तो इस सीट पर सभी जातियों का वोट है लेकिन ओबीसी में आने वाले कुर्मी और मुसलमानों का वोट सबसे ज्यादा है। आमतौर पर यूपी में कुर्मी बीजेपी के साथ है और मु सलमान समाजवादी पार्टी को वोट देता है। इस चुनाव में बसपा-कांग्रेस से प्रत्याशियों के न खड़ा किए जाने से मुसलमानों का एकमुश्त वोट सपा के खाते में जाने की उम्मीद है जो सपा के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। वहीं बीजेपी के सामने इस सीट को बच ए रखने की बड़ी चुनौती है। रामपुर और आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में भी समा जवादी पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी थी लेकिन अगर इस चुनाव में सपा को जीत मि लती है तो ये एक तरह से बूस्टर डोज का काम करेगा।
बाढ़ बन सकता है चुनावी मुद्दा
लखीमपुर खीरी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। इस बार लगातार हुई बारिश से इस विधानसभा के लोगों ने भी बाढ़ का कुछ ज्यादा ही दंश झेला। सरकार की ओर से बाढ़ के दौरान किए राहत और बचाव के कामों को भी मतदाता कसौटी पर कसेंगे। शासन-प्रशासन के खिलाफ नाराजगी की खबरों से बीजेपी हाईकमान भी चिंतित हैं। स्थानीय सपा नेताओं का दावा है कि बीजेपी सरकार लोगों तक मदद पहुंचाने में फेल रही है।
पिता के नाम पर मिल सकता है सहानुभूति वोट
बीजेपी के रणनीतिकारों को मानना है कि अरविंद गिरि इस सीट से पांच बार विधायक चुने गए थे। यहां के लोग उनके काम से खुश हैं। गिरि के परिवार की छवि भी ठीक है। ऐसे में अमन गिरि को यहां पर सहानुभूति का फायदा मिल सकता है। लॉ से ग्रेजुएट अमन गिरि हालांकि अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार में हिस्सा लेते थे लेकिन कभी सीधे तौर पर पार्टी से नहीं जुड़े थे।
पिछले विधानसभा चुनाव में वोट बैंक का प्रतिशत
बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां पर 48.67 प्रतिशत वोट मिला था जबकि सपा को 37.40 फीसदी, बीएसपी को 10.37 और कांग्रेस को 1.35 फीसदी वोट मिले थे। यहां पर कुल वोटरों की संख्या 3.96 लाख है। आकड़ों पर नजर दौड़ाए तो विपक्ष का वोट एकतरफा सपा के खाते में जाए तभी उसकी जीत संभव है।
ट्रैक्टर से टकराई बाइक, एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत
लखनऊ। प्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब सूबे के बुलंदशहर में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में एक मासूम समेत एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। गुलावठी कोतवाली इलाके में हुए हादसे में मारे गए लोगों में मां, बेटा और बेटी शामिल हैं। हादसा ट्रैक्टर ट्रॉली और बाइक की भिड़ंत के कारण हुआ। हादसे के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। वहीं ट्रैक्टर चालक फरार है। पुलिस ने खबर लिखे जाने तक मृतकों के नाम की पुष्टिï नहीं की हैं। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
सास और पत्नी पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाया
लखनऊ। सहारनपुर में जनकपुरी कोतवाली क्षेत्र की कृष्णा धाम कॉलोनी में ससुराल में रह रहे युवक ने पत्नी को साथ में ना भेजने पर अपनी सास और पत्नी पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। जिसमें सास की मौत हो गई जबकि पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के अनुसार शामली निवासी नितिन कुमार की शादी कृष्णधाम कालोनी निवासी पायल की बेटी रितिका से हुई थी। नितिन काफी समय से अपनी पत्नी के साथ सुसराल में ही रह रहा था। शुक्रवार को वह अपनी पत्नी को ले जाने की बात कह रहा था। लेकिन, सास पायल ने इससे इंकार कर दिया। इसके बाद विवाद हुआ। शनिवार सुबह करीब चार बजे नितिन ने पेट्रोल छिड़ककर घर में आग लगा दी, जिससे सास पायल और पत्नी रितिका गंभीर रूप से झुलस गई। पायल की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने आरोपी नितिन और रितिका को अस्पताल में भर्ती कराया।
वेस्ट यूपी के सबसे बड़े मेले में पशुओं की नो एंट्री
मेरठ। पश्चिम उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े कार्तिक मेले में इस बार गोवंश और भैंस वंशों की नो एंट्री रहेगी। पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज के चलते योगी सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे लगने वाले कार्तिक मेले में पश्चिम उत्तर प्रदेश के लगभग 25 लाख श्रद्धालु आते हैं। इस मेले में तमाम किसान और पशुओं के शौकीन अपने भैंसा बुग्गी से पहुंचते हैं और यहां पशुओं की प्रदर्शनी के साथ-साथ विपणन भी किया जाता है, लेकिन लम्पी बीमारी के प्रकोप को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने इस बार इस परंपरा पर बैन लगा दिया है। हापुड़ जिलाधिकारी मेधा रूपम ने सीमावर्ती आसपास के तमाम जिलों को पत्र भेजते हुए कहा कि उनके जिले से कोई भी व्यक्ति हापुड़ में पशु लेकर ना आए, अगर कोई ऐसा करता है तो उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा।