पूरे दमखम के साथ निकाय चुनाव लड़ेगी बसपा
महापौर की 15 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
- नगर पंचायत व पालिका में क्षमता से कम उम्मीदवार मैदान में
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायवती पूरे दमखम के साथ नगर निकाय चुनाव लडऩे जा रही हैं। पर ज्यादातर निकायों में पार्षद और सभासद की कई सीटों पर प्रत्याशी नहीं मिले हैं। हालांकि नगर निगमों में महापौर की सभी सीटों पर बसपा ने प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन कई नगर पालिका और नगर पंचायतें ऐसी हैं जहां अध्यक्ष पद पर भी प्रत्याशी नहीं उतारे हैं।
ऐसे में इन सीटों पर बसपा चुनाव से पहले ही लड़ाई से बाहर हो गई है। बसपा ने इस बार सभी सीटों पर पूरे दम से चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। महापौर की 15 सीटों पर प्रत्याशी भी उतारे, लेकिन ज्यादातर नगर निकाय में पार्षद की सीटों पर पूरे प्रत्याशी नहीं दिए। लखनऊ के 110 में 27 वॉर्ड ऐसे हैं, जिनमें बसपा का कोई प्रत्याशी नहीं है। गोसाईंगंज और नगराम पंचायत में अध्यक्ष पद पर कोई प्रत्याशी नहीं दिया है। कानपुर के 110 में 37 वॉर्डों में कोई प्रत्याशी नहीं है। यहां एक नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के दावेदार का पर्चा खारिज हुआ है। प्रयागराज के 100 में 41 वॉर्डों में बसपा का कोई प्रत्याशी नहीं है, जबकि दो नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद की लड़ाई में बसपा नहीं है। फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ में भी नगर पंचायतों की दो-दो सीटों पर अध्यक्ष पद का कोई उम्मीदवार नहीं है।
शहरों से ज्यादा गांव पर दिया ध्यान
बसपा में सभी सीटों पर उम्मीदवार न दे पाने की कई वजहें हैं। बसपा गांवों में ज्यादा मजबूत पार्टी रही है। यही वजह है कि 2017 से पहले वह शहरों में चुनाव ही नहीं लड़ती थी। शहरों में ऐसे कई इलाके हैं, जहां बसपा के कोर वोटर नहीं है। ऐसे में जीतने की कम उम्मीद होने के कारण भी अच्छे प्रत्याशी नहीं आते। इस बार भी बसपा के टिकट की सबसे ज्यादा मांग हाल ही में गांवों से नगर निगम की सीमा में शामिल इलाकों में ज्यादा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2017 से ही नगर निकाय चुनाव लडऩा शुरू किया है। ऐसे में पकड़ बनाने में भी वक्त लगेगा। विश्वनाथ पाल, प्रदेश अध्यक्ष, बसपा ने कहा कि कुछ सीटों पर बसपा के प्रत्याशी नहीं हैं। ऐसा सभी पार्टियों के साथ है। उन्होंने भी कई सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। हमने लगभग सभी सीटों पर मजबूत प्रत्याशी देने की कोशिश की है।