कॉडर को मजबूत कर फिर बनाएंगे पैठ : बसपा
गांवों में कैंप क रने का अभियान शुरू होगा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। घोसी उप चुनाव का परिणाम देखकर बसपा पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। पार्टी ने अपनी पूरी ताकत काडर कैंपों पर लगा दी है। बसपा के रणनीतिकार मान रहे है कि घोसी उपचुनाव में बसपा की अपील का असर आया है। ऐसे में बसपा यदि अपने काडर को मजबूत करे तो लोकसभा चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है। यही कारण है कि बसपा ने सभी बूथ, सेक्टरों में काडर कैंप शुरू कर दिए हैं। सर्वसमाज पर फोकस करते हुए उसी के हिसाब से बैठकों का लक्ष्य तय किया गया है। घोसी उप चुनाव में बसपा ने चुनावी रण में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।
साथ ही अपील की थी कि बसपाई वोट न करें या फिर नोटा दबाएं। हैरत की बात यह रही कि बसपा की यहां स्थिति काफी अच्छी है और पिछले चुनावों में बसपा के उम्मीदवार को 50,000 के आसपास वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में बसपा के इस निर्णय से घोसी के सियासी रण में खलबली मच गई थी। माना जा रहा है कि इसका लाभ सपा को मिला और दलित वोटर उधर शिफ्ट हो गया। चाहे किसी का लाभ हुआ हो या किसी का नुकसान पर बसपा थिंक टैंक का मानना है कि बसपा की अपील ने घोसी के चुनाव परिणाम पर तगड़ा असर डाला। ऐसे में बसपा को उम्मीद है कि यदि काडर आधारित काम तेज किया जाए तो बसपा की स्थिति में सुधार हो सकता है। ऐसे में सभी बूथ और सेक्टर पर काडर कैंपों को तेज कर दिया गया है। बसपा ने गांव चलो अभियान शुरू किया है। सेक्टर कमेटियों को लक्ष्य दिया गया है कि वे अपने सेक्टर के विधानसभा क्षेत्रों में कैंप करें। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक दिन में कम से कम एक कैंप जरूर होना चाहिए।
सर्व समाज पर फोकस
वैसे तो बसपा का जोर दलित मुस्लिम समीकरण पर रहा है लेकिन काडर कैंपों में सर्वसमाज पर फोकस है। यानी मुस्लिम, दलित के अलावा पिछड़े व सवर्णों के लिए भी कैंप किए जाएंगे। हाल ही में बसपा ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को अपने एजेंडे में शामिल किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती अपने बयानों में उनका भी जिक्र कर रही हैं। कोशिश यह है कि वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव 2024 में भी बसपा अपना ग्राफ बढ़ाए। ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीते।