नियमों के तहत लिया गया उपद्रवियों पर बुलडोजर एक्शन : यूपी सरकार
- सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा, कहा- कार्रवाई सही दिशा में की गई
लखनऊ। तीन और दस जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर और प्रयागराज समेत 9 जिलों में भड़की हिंसा पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए- हिन्द द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में लगाए गए आरोपों को यूपी सरकार ने गलत और बेबुनियाद ठहराया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा गया है कि जो भी कार्रवाई की गई है वह नियमों के मुताबिक है। हलफनामा में जमीयत की याचिका को खारिज करने की मांग भी की गई है। हलफनामे में सरकार ने कहा कि इस मामले में कोई भी प्रभावित पक्ष कोर्ट में नहीं आया है। राज्य सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों पर कानून के मुताबिक सीआरपीसी और आईपीसी के तहत कार्रवाई की जा रही है, लिहाजा जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की याचिका खारिज की जाए। उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव गृह राकेश कुमार मालपानी ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत संलग्नक सहित 63 पेज का हलफनामा दाखिल किया है। इसमें 11 पेज हलफनामे के हैं। हलफनामे के साथ जावेद अहमद के घर पर लगा राजनीतिक दल का साइन बोर्ड, नोटिस सभी चीजें कोर्ट को भेजी गई हैं। हलफनामे में कहा गया है कि बुलडोजर चलाकर अवैध रूप से निर्मित संपत्ति ढहाई गई है। ये प्रक्रिया तो काफी पहले से चल रही है। लिहाजा ये आरोप गलत है कि सरकार और प्रशासन हिंसा के आरोपियों से बदले की कार्रवाई कर रही है। गौरतलब है कि 10 जून को प्रयागराज में अटाला क्षेत्र में हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार मास्टरमाइंड जावेद पंप का घर 12 जुलाई को पुलिस प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम आदेश पारित करने की मांग की गई थी।
अग्निपथ का विरोध विपक्ष की सोची समझी साजिश : बृजभूषण
लखनऊ। भारतीय कुश्ती संघ के राष्टï्रीय अध्यक्ष व कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने नैमिषारण्य में अग्निपथ पर युवाओं को समझाने की कोशिश की। वहीं आजम खां को लेकर कहा, एक मुकदमा, दो मुकदमा, तीन मुकदमा… 150 मुकदमा दर्ज करोगे तो आदमी हीरो नहीं बन जाएगा। मीडिया के अग्निपथ को लेकर सवाल पर सांसद ने कहा कि इस पवित्र धरती से देश के युवाओं से कहना चाहता हूं कि सरकार की भावना को समझें। सरकार ने बहुत अच्छी पहल की है। देश की सेवा का अवसर मिल रहा है, लाभ उठाएं। रूस, इजराइल, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान जैसे देशों में युवाओं के लिए सेना में चार वर्षीय प्रशिक्षण अनिवार्य है। भारत सरकार सैन्य प्रशिक्षण व सेवा के बदले पारितोषिक भी दे रही है। सरकार पारितोषिक की घोषणा न करती तो विवाद खड़ा न होता। सरकार कहती जो फिट हैं, सेना का प्रशिक्षण लें तो कोई विरोध न होता। शाहीन बाग, किसान आंदोलन से क्या मिला। राष्टï्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामलों में भी विरोध की राजनीति की जा रही है। यह सोची समझी साजिश है कि सरकार का विरोध करना है। कांग्रेस के ट्वीट कर विरोध जताने पर कहा कि इन पर दया आती है।
कांग्रेस ने एयर स्ट्राइक, सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए। देश की रक्षा नीति को लेकर तो गंभीरता दिखानी चाहिए। राहुल, प्रियंका की जगह मैं होता तो कहता कि भाजपा सरकार से बड़ी स्ट्राइक मेरी दादी ने की थी। कोरोना वैक्सीन, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दों पर सवाल उठाने के कारण ही कांग्रेस गर्त में चली गई। पत्थरबाजी एवं आगजनी साजिश का नतीजा है। अब तक जितने आंदोलन हुए, सबके मास्टरमाइंड पकड़े जा रहे हैं। पत्थरबाजी एवं आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले भी पकड़े जाएंगे। इससे पूर्व वह ललिता देवी मंदिर गए। वहां पुजारी अटल बिहारी शास्त्री व लाल बिहारी ने विधान पूर्वक पूजन कराया। उन्होंने पौराणिक चक्र तीर्थ व हनुमान गढ़ी में भी पूजा अर्चना की।