जातिगत जनगणना जनता की मांग: लालू यादव
आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, बीजेपी करती है भेदभाव
अंतरिम स्थगन आदेश के लिए बिहार सरकार जिम्मेदार: सुशील मोदी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। जातीय गणना पर लगी अंतरिम रोक के बाद बिहार में जोरों पर राजनीति होने लगी है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अब इस पर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए करारा हमला बोला है। राजद प्रमुख ने शुक्रवार को ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। लालू यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की मांग है और यह होकर रहेगा, भारतीय जनता पार्टी बहुसंख्यक पिछड़े हिंदुओं की गणना से डरती क्यों है?
जो जातीय गणना का विरोधी है वह समता, मानवता, समानता का विरोधी एवं ऊंच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक व आर्थिक भेदभाव का समर्थक है। देश की जनता जातिगत जनगणना पर बीजेपी की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है।
ये तो सबके लिए था: तेजस्वी यादव
तेजस्वी ने कहा कि जाति आधारित गणना लोगों के हित के लिए है। इस सर्वे की मांग भी जनता की थी। इस सर्वे से फायदा ये होता कि गरीबी दूर करना, पिछड़ेपन को दूर करना और समाज के अंतिम पायदान तक सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचे?
यह सब उसमें था. लोगों की आर्थिक स्थिति क्या है? यह भी शामिल किया गया था। यह सर्वे विशेष जाति को लेकर नहीं था, ये तो सबके लिए था।
नीतीश कुमार ने जानबूझकर करवाया नाटक : सम्राट चौधरी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार जानबूझकर यह सब नाटक करवाए हैं। हाई कोर्ट में नीतीश सरकार ने सही से पक्ष नहीं रखा. इस वजह से हाई कोर्ट की ओर से अंतरिम रोक लगा दी गई है. नीतीश कुमार को असंवैधानिक कार्य करने की आदत है. इस आदेश के लिए पूरी तरह से नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज अगर हाई कोर्ट ने अंतरिम स्थगन आदेश दिया है तो इसके लिए बिहार की सरकार जिम्मेदार है। नीतीश कुमार को पिछड़ों से कोई मतलब नहीं है, उनका पिछड़ा विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्हें लगता है कि एमवाई समीकरण है जिसके कारण इनकी सरकार चल रही है। नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बीजेपी शुरू से ही जातीय जनगणना का इस आधार पर समर्थन किया था कि यह एक समान नीति, पद्धति एवं कार्यान्वयन प्रारूप बनाकर सबकी सहमति लेंगे और इसे पूरा कराएंगे, लेकिन पहले दिन से इनकी नीयत में खोट है, नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि पहले इन्होंने 2022 में एनडीए छोड़ा और फिर इसके कार्यान्वयन के लिए त्रुटिपूर्ण नीति बनाई।
तीन जुलाई को फिर सुनवाई हाईकोर्ट ने कहा-डेटा सुरक्षित रखें
बिहार में हो रही जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट की ओर से फिलहाल रोक लगा दी गई है। पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी, तब तक कोई डेटा सामने नहीं आएगा। हाईकोर्ट ने अब तक के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए भी कहा है।