सेबी मामले में जेपीसी जांच कराए केंद्र सरकार: मायावती

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट से गरमाई सियासत, बसपा प्रमुख बोलीं- देश को प्रभावित कर रहा मामला

संजय सिंह बोले- पीएम जांच कराएं वर्ना लोग समझेंगे ‘चौकीदार चोर है’

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर पहली प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया पर जारी बयान में मायावती ने मोदी सरकार को सलाह देते हुए जांच की मांग की है।
बसपा चीफ ने लिखा कि पहले अडानी ग्रुप व अब सेबी चीफ सम्बंधी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट फिर से जबरदस्त चर्चाओं में है तथा आरोप-प्रत्यारोप का दौर इस हद तक जारी है कि इसे देशहित को प्रभावित करने वाला बताया जा रहा है। अडानी व सेबी द्वारा सफाई देने के बावजूद मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा बल्कि उबाल पर है।

संजय सिंह ने भी पीएम मोदी को घेरा

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह हिंडनबर्ग की नई रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से लगातार पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। एक बार फिर उन्होंने देश के पीएम को इस मामले में निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि मोदी जी बेनामी कंपनी में सेबी प्रमुख की निवेश की जांच जेपीसी से कराओ, वरना लोग गलत समझेंगे। संजय सिंह ने अपने पोस्ट में कहा कि मोदी जी की ईमानदारी देखिए, उन्होंने उस माधबी बुच को सेबी प्रमुख बनाया, जो बरमुडा और मारीशस के बेनामी फंड में निवेश करती हैं। बेनामी मतलब ऐसी कंपनियां जिसके न तो कर्मचारी का पता है, न ही आय के स्रोत का, लेकिन वो कंपनियां भारत में अडानी की कंपनी में हजारों करोड़ रुपये लगाकर फर्जी तरीके से शेयर का दाम बढ़ाती हैं। आप सांसद ने आगे कहा कि इसी घोटाले की जांच सेबी प्रमुख को करनी थी, इसी बेनामी फंड में खुद उनका निवेश है। मोदी जी जेपीसी से जांच कराओ वरना लोग समझेंगे चौकीदार ही चोर है।

केंद्र की साख व विश्वसनीयता हो रही प्रभावित

बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा कि वैसे यह मुद्दा अब सत्ता व विपक्ष के वाद-विवाद से परे केंद्र की अपनी साख व विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर रहा है, जबकि केंद्र सरकार को अब तक इसकी उच्च-स्तरीय जांच अर्थात जेपीसी या जुडिशियल जांच जरूर बैठा देनी चाहिये थी तो यह बेहतर होता।

अभियान

लखनऊ में हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत तिरंगा यात्रा बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

फुल ड्रेस रिहर्सल

स्वतंत्रता दिवस से पूर्व विधानसभा के समक्ष फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया। इस दौरान हेलीकॉप्टर से रिहर्सल में पुष्प वर्षा भी की गई। मौके पर डीएम व कमिश्नर के अलावा शासन-प्रशासन के तमाम आलाधिकारी मौजूद रहे।

बाबा रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

पतंजलि प्रोडक्ट्स को लेकर चल रहा अवमानना केस कोर्ट ने किया बंद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ पतंजलि प्रोडक्ट्स को लेकर चल रहे अवमानना के केस को बंद कर दिया। पतंजलि प्रोडक्ट्स को लेकर चलाए गए भ्रामक विज्ञापनों और दवाओं को लेकर किए गए दावों को संबंध में दोनों की तरफ से अंडरटेकिंग दी गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इस तरह बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को देश की शीर्ष अदालत से बड़ी राहत मिल गई है।
दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 2022 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें मॉडर्न मेडिसिन के खिलाफ रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद की अपमानजनक टिप्पणियों का जिक्र किया गया था।
याचिका में कहा गया कि जीवनशैली संबंधी विकारों और अन्य बीमारियों के चमत्कारिक इलाज का वादा करने वाले पतंजलि के विज्ञापनों ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1954 के तहत कानून का उल्लंघन किया है।

14 मई को सुरक्षित रखा था आदेश

योग गुरु बालकृष्ण और कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील गौतम तालुकदार ने कहा कि अदालत ने रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग के आधार पर अवमानना कार्यवाही बंद कर दी है। 14 मई को शीर्ष अदालत ने अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

विस चुनाव से पहले जेल से बाहर आया राम रहीम

21 दिन की मिली पैरोल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह फिर हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल से बाहर आ गया है। अधिकारियों ने उसे 21 दिन की पैरोल दी। उसे आज सुबह 6.30 बजे रिहा किया गया। आश्रम से दो वाहन राम रहीम के लिए आए। वह डेरा के बागपत आश्रम में रहेगा।
यह घटनाक्रम पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 9 अगस्त को एसजीपीसी की याचिका का निपटारा करने के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिसमें जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रिहाई दिए जाने को चुनौती दी गई थी।
न्यायालय ने कहा था कि अस्थायी रिहाई की याचिका पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बिना किसी मनमानेपन या पक्षपात के विचार किया जाना चाहिए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी), सर्वोच्च गुरुद्वारा निकाय ने राम रहीम की अस्थायी रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की थी।

एसजीपीसी ने यह भी तर्क दिया था कि डेरा प्रमुख हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए कई सजाएं भुगत रहा है और अगर उसे रिहा किया जाता है, तो यह भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालेगा और सार्वजनिक व्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा।

 

अवैध निर्माण ढहाने पहुंचे एमसीडी के बुल्डोजर को भीड़ ने घेरा

स्थानीय लोग बोले- मर जाएंगे लेकिन जगह को नहीं छोड़ेंगे
लोगों का दावा- 80 प्रतिशत लोग देते हैं टैक्स

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में अवैध निर्माण को ढहाने पहुंचे दिल्ली नगर निगम के बुलडोजर के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। इस दौरान लोगों ने नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक्शन का विरोध किया। वहीं, भीड़ की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अवैध निर्माण को ढहाने पहुंचे एमसीडी के बुलडोजरों को लोगों की भीड़ ने घेर लिया और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि अगर एमसीडी को इन घरों तोडऩा था तो उस दौरान तोड़ती जब इन घरों का निर्माण किया जा रहा था। उस वक्त प्रशासन कहां गया था। यहां से प्रशासन वाले एक-एक लेंटर के एक लाख-दो लाख रुपये लेकर जाते हैं। तोडऩा है तो पहले उनका घर तोड़ें। उन्होंने पहले हमसे यहां घर बनाने का पैसा लिया। उस वक्त ये पुलिस, एमसीडी प्रशासन कहां गया था। आज ये कुछ भ्रष्ट एनजीओ की वजह हमारे घरों को तोडऩे आएं हैं। हम यहां तब से है, जब यहां जगल था। स्थानीय लोगों का कहना है कि 80 प्रतिशत लोग यहां हाउस टैक्स देते हैं और ये दूसरी तरफ हमको परेशान कर रहे हैं। हम मर जाएंगे पर, इस जगह को नहीं छोड़ेंगे।

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