चैतर वसावा ने दिखा दी ताकत, PM मोदी को आखिरकार जाना ही पड़ा
गुजरात की राजनीति में बिरसा मुंडा जयंती के मौके पर बड़ा घमासान देखने को मिला... आम आदमी पार्टी के ‘इक्के’ ने मंच से जबरदस्त...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों आदिवासी समाज के महान नायक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती पर.. गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ.. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पहुंचकर बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.. और जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जा रहे इस कार्यक्रम को संबोधित किया.. और उन्होंने आदिवासी कल्याण के लिए 9,700 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया.. उसी समय डेडियापाड़ा के विधायक और आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता चैतर वसावा ने पड़ोसी नेत्रंग में एक विशाल सभा आयोजित की.. जहां हजारों आदिवासी उपस्थित हुए.. वसावा ने अपनी सभा में भाजपा और RSS पर शोषण के पुराने आरोप लगाते हुए पीएम मोदी को घेरा… यह आयोजन न केवल बिरसा मुंडा के संघर्ष को याद करने का माध्यम बना.. बल्कि गुजरात की आदिवासी राजनीति में बदलाव की बयार को भी दर्शाता है..
आपको बता दें कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलीहातू गांव में हुआ था.. वे मुंडा जनजाति के एक साधारण किसान परिवार से थे.. लेकिन ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनके विद्रोह ने उन्हें अमर बना दिया.. 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिशों ने आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर लिया था.. जमींदारों और मिशनरियों ने आदिवासियों को गुलाम बना दिया.. बिरसा ने ‘उलगुलान’ (क्रांति) का नारा दिया.. जिसका मतलब था विद्रोह.. और उन्होंने आदिवासियों को एकजुट किया और ‘अबुआ राज’ (हमारा राज्य) की कल्पना की.. जहां आदिवासी स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जी सकें..
1899-1900 में उनका उलगुलान आंदोलन इतना शक्तिशाली था कि ब्रिटिश सरकार हिल गई.. लेकिन 25 साल की उम्र में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.. जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई.. आज बिरसा मुंडा को ‘धरती आबा’ (मां भूमि का पिता) कहा जाता है.. केंद्र सरकार ने 2021 से उनकी जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है.. इस साल 150वीं जयंती होने से पूरे देश में बड़े आयोजन हो रहे हैं.. गुजरात में डेडियापाड़ा को इसका केंद्र बनाया गया.. क्योंकि यहां आदिवासी आबादी अधिक है..
15 नवंबर को सुबह पीएम मोदी गुजरात पहुंचे.. सबसे पहले उन्होंने नर्मदा जिले के देवमोगरा मंदिर में पूजा-अर्चना की.. मंदिर आदिवासी संस्कृति का प्रतीक है.. जहां वे देवी देवमोगरा माता की पूजा करते हैं.. इसके बाद डेडियापाड़ा पहुंचे, जहां बिरसा मुंडा की 15 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया.. प्रतिमा का निर्माण स्थानीय आदिवासी कारीगरों ने किया है.. पीएम ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन हर पीढ़ी को प्रेरित करेगा.. उनका संघर्ष आज भी हमें एकजुट होने की सीख देता है.. वहीं कार्यक्रम में पीएम ने आदिवासी कल्याण के लिए कई बड़ी घोषणाएं की..
पीएम ने कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधा.. और उन्होंने कहा कि 60 साल तक कांग्रेस ने आदिवासियों को उपेक्षित रखा.. आज हम उनकी जमीन बचाने के लिए कानून बना रहे हैं.. उनके भाषण में हजारों आदिवासी उपस्थित थे.. एक युवा कलाकार स्नेहा ने पीएम को ‘वाली पेंटिंग’ भेंट की.. जिसमें बिरसा मुंडा, पीएम मोदी और आदिवासी जीवन दर्शाया गया.. पीएम ने इसे सराहा और कहा कि यह आदिवासी प्रतिभा का प्रतीक है..
बता दें कि पीएम मोदी के डेडियापाड़ा दौरे के ठीक उसी समय.. भरूच जिले के नेत्रंग में AAP विधायक चैतर वसावा ने बिरसा मुंडा जयंती पर विशाल सभा की.. वसावा डेडियापाड़ा से 2022 के विधानसभा चुनाव में BJP के खिलाफ अभूतपूर्व 16,621 वोटों के अंतर से जीते थे.. वे गुजरात विधानसभा के सबसे युवा सदस्य हैं.. और AAP ने उन्हें विधायक दल का नेता बनाया है… लेकिन वसावा पर कोर्ट का प्रतिबंध है.. स्थानीय अदालत ने उन्हें डेडियापाड़ा क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक रखी है… इसका कारण BJP के लगाए फर्जी मुकदमे बताए जाते हैं.. वसावा पर 20 से ज्यादा केस चल रहे हैं.. जिनमें से कई को वे राजनीतिक साजिश कहते हैं.. AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल उन्हें ‘टाइगर’ कहते हैं.. केजरीवाल ने कई बार कहा कि चैतर वसावा आदिवासियों का सच्चा नेता है.. जो BJP के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा है..
नेत्रंग सभा में 40-50 हजार से ज्यादा लोग जुटे.. ड्रोन वीडियोज में दिखा कि मैदान लोगों से पट गया था.. वसावा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को डेडियापाड़ा आना ही पड़ता है.. यह हमारी ताकत है.. बिरसा मुंडा का लक्ष्य था कि आदिवासी स्वतंत्र.. और सम्मानजनक जीवन जिएं.. लेकिन सालों से हमारा शोषण हो रहा है.. जल, जंगल, जमीन सब छीने गए है.. और छीने जा रहे हैं.. उन्होंने चार साल पुराना मामला उठाया.. 2021 में BJP सांसद मनसुख वसावा ने तीन जिलों की पुलिस.. और RSS कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित होने से रोका था.. वसावा ने कहा कि उस समय हमारी एकता ने सबको पीछे हटने पर मजबूर किया.. आज उपमुख्यमंत्री और मंत्री डेडियापाड़ा की सड़कों पर घूम रहे हैं..
वसावा ने पीएम मोदी पर सीधा हमला बोला.. नरेंद्र मोदी 24 साल से सत्ता में हैं.. जिसमें गुजरात के 22 साल और केंद्र के 11 साल शामिल है.. लेकिन आज भी आदिवासी शिक्षकों के लिए, नर्मदा पानी के लिए.. और जमीन बचाने के लिए सड़कों पर हैं.. मुगलों से अंग्रेजों तक शोषण हुआ, आज भी जारी है.. सभा में कांग्रेस विधायक अनंत पटेल भी शामिल हुए.. पटेल ने कहा कि आदिवासी एकजुट हो रहे हैं.. BJP का स्वर्ण वोट बैंक अब टूट रहा है.. दोनों नेताओं की एक साथ एंट्री ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है..
गुजरात में आदिवासी आबादी 15% से ज्यादा है.. नर्मदा, भरूच, डांग जैसे जिले आदिवासी बहुल हैं.. ब्रिटिश काल से ही उनकी जमीनें कॉटन, टेक्सटाइल.. और अब खनन कंपनियों को दी जाती रही हैं.. स्वतंत्र भारत में भी पाटीदार और अन्य समुदायों को फायदा मिला.. लेकिन आदिवासियों को विस्थापन का दर्द मिला.. नर्मदा बांध परियोजना ने हजारों को बेघर किया.. 2022 चुनावों में चैतर वसावा की जीत ने BJP को झकझोर दिया.. डेडियापाड़ा में BJP 30 साल से जीत रही थी.. लेकिन वसावा ने युवाओं को जोड़ा.. उनकी लोकप्रियता पिछले कुछ महीनों में बढ़ी.. AAP ने आदिवासियों के लिए मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा का वादा किया.. जो दिल्ली मॉडल पर आधारित है..



